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कपिल मिश्रा के आरोपों पर विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल का जवाब 'आपत्ति है, तो जाएं कोर्ट '

कपिल मिश्रा ने कहा था कि सदस्यता रद्द करने के मामले में सुनवाई ठीक ढंग से नहीं हुई और सुनवाई के बीच में ही फैसला सुना दिया गया, जिस पर विधानसभा स्पीकर ने कहा है कि अगर सदस्य को फैसले पर आपत्ति है, तो वे इसे कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं.

कपिल मिश्रा के आरोपों पर विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल का जवाब 'आपत्ति है, तो जाएं कोर्ट '
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Published : Aug 3, 2019, 3:55 PM IST

नई दिल्ली: कपिल मिश्रा की विधानसभा सदस्यता रद्द होने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. कपिल मिश्रा ने विधानसभा अध्यक्ष पर कई गंभीर आरोप लगाए, जिनका विधानसभा अध्यक्ष ने जवाब भी दिया.

कपिल मिश्रा के आरोपों पर विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने दिया जवाब

कपिल मिश्रा ने कहा था कि सदस्यता रद्द करने के मामले में सुनवाई ठीक ढंग से नहीं हुई और सुनवाई के बीच में ही फैसला सुना दिया गया. उन्हें कोई भी गवाह और तथ्य रखने की अनुमति नहीं दी गई. कपिल मिश्रा ने यहां तक कहा था कि इस मामले में कानून और विधानसभा का मजाक उड़ाया गया है.

कपिल मिश्रा का कहना है कि ये फैसला बताता है कि इस मामले में कानून और प्रक्रियाओं की धज्जियां उड़ाई गई हैं और ऐसा लोकतंत्र के इतिहास में पहली बार हुआ है. कपिल मिश्रा का ये भी कहना था कि अब इस मामले को कोर्ट लेकर जाएंगे. इन आरोपों पर अब विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल का भी जवाब आया है.

कपिल मिश्रा को आपत्ति तो कोर्ट में दे सकते हैं चुनौती-विधानसभा अध्यक्ष
रामनिवास गोयल ने कहा है कि सदस्यता रद्द करने का फैसला विधानसभा के नियम और संविधान के तहत लिया गया है और पूरी सुनवाई होने के बाद ऐसे मामले में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के फैसले को ध्यान में रखकर फैसला किया गया. रामनिवास गोयल की तरफ से यह भी कहा गया है कि अगर सदस्य को फैसले पर आपत्ति है, तो वे इसे कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं.
बता दें, सदस्यता रद्द होने के मामले की जब प्रक्रिया चल रही थी, तभी से कपिल मिश्रा आरोप लगाते रहे हैं. अब वो विधानसभा अध्यक्ष को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं, वहीं विधानसभा अध्यक्ष इसे पूरी तरह से कानून सम्मत मान रहे हैं. देखने वाली बात यs होगी कि आरोप प्रत्यारोप का यह दौर कहां तक जाता है.

नई दिल्ली: कपिल मिश्रा की विधानसभा सदस्यता रद्द होने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. कपिल मिश्रा ने विधानसभा अध्यक्ष पर कई गंभीर आरोप लगाए, जिनका विधानसभा अध्यक्ष ने जवाब भी दिया.

कपिल मिश्रा के आरोपों पर विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने दिया जवाब

कपिल मिश्रा ने कहा था कि सदस्यता रद्द करने के मामले में सुनवाई ठीक ढंग से नहीं हुई और सुनवाई के बीच में ही फैसला सुना दिया गया. उन्हें कोई भी गवाह और तथ्य रखने की अनुमति नहीं दी गई. कपिल मिश्रा ने यहां तक कहा था कि इस मामले में कानून और विधानसभा का मजाक उड़ाया गया है.

कपिल मिश्रा का कहना है कि ये फैसला बताता है कि इस मामले में कानून और प्रक्रियाओं की धज्जियां उड़ाई गई हैं और ऐसा लोकतंत्र के इतिहास में पहली बार हुआ है. कपिल मिश्रा का ये भी कहना था कि अब इस मामले को कोर्ट लेकर जाएंगे. इन आरोपों पर अब विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल का भी जवाब आया है.

कपिल मिश्रा को आपत्ति तो कोर्ट में दे सकते हैं चुनौती-विधानसभा अध्यक्ष
रामनिवास गोयल ने कहा है कि सदस्यता रद्द करने का फैसला विधानसभा के नियम और संविधान के तहत लिया गया है और पूरी सुनवाई होने के बाद ऐसे मामले में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के फैसले को ध्यान में रखकर फैसला किया गया. रामनिवास गोयल की तरफ से यह भी कहा गया है कि अगर सदस्य को फैसले पर आपत्ति है, तो वे इसे कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं.
बता दें, सदस्यता रद्द होने के मामले की जब प्रक्रिया चल रही थी, तभी से कपिल मिश्रा आरोप लगाते रहे हैं. अब वो विधानसभा अध्यक्ष को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं, वहीं विधानसभा अध्यक्ष इसे पूरी तरह से कानून सम्मत मान रहे हैं. देखने वाली बात यs होगी कि आरोप प्रत्यारोप का यह दौर कहां तक जाता है.

Intro:कपिल मिश्रा की सदस्यता रद्द करने का मामला सियासी रूप से तूल पकड़ता जा रहा है. इसे लेकर कपिल मिश्रा ने पहले विधानसभा अध्यक्ष पर आरोप लगाए, वहीं अब विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से इसका जवाब आया है.


Body:नई दिल्ली: सदस्यता रद्द होने के बाद कपिल मिश्रा की तरफ से विधानसभा अध्यक्ष पर कई आरोप लगाए गए थे. कपिल मिश्रा ने कहा था कि ठीक तरह से इस मामले की सुनवाई नहीं हुई और सुनवाई के बीच में फैसला सुनाया गया, उन्हें कोई भी गवाह और तथ्य रखने की अनुमति नहीं दी गई. कपिल मिश्रा ने यहां तक कहा था कि एक तरह से इस मामले में कानून और विधानसभा का मजाक उड़ाया गया है.

इस मामले को लेकर कपिल मिश्रा ने यहां तक कहा था कि यह फैसला बताता है कि इस मामले में कानून और प्रक्रियाओं की धज्जियां उड़ाई गई हैं और ऐसा लोकतंत्र के इतिहास में पहली बार हुआ है. कपिल मिश्रा ने इस मामले को लेकर कोर्ट जाने की भी बात कही थी. अब इस पर विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल का जवाब आया है.

रामनिवास गोयल ने कहा है कि सदस्यता रद्द करने का फैसला विधानसभा के नियम और संविधान के तहत लिया गया है और पूरी सुनवाई होने के बाद ऐसे मामले में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के फैसले को ध्यान में रखकर फैसला किया गया. रामनिवास गोयल की तरफ से यह भी कहा गया है कि अगर सदस्य को फैसले पर आपत्ति है, तो वे इसे कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं.


Conclusion:गौरतलब है कि सदस्यता रद्द होने के मामले को लेकर जब प्रक्रिया चल रही थी, तभी से कपिल मिश्रा इसे लेकर आरोप लगाते रहे हैं. सदस्यता रद्द होने के बाद भी वे सीधे तौर पर विधानसभा अध्यक्ष को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं, वहीं विधानसभा अध्यक्ष इसे पूरी तरह से कानून सम्मत मान रहे हैं. अब देखने वाली बात यह होगी कि आरोप प्रत्यारोप का यह दौर कहां तक जाता है.
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