नई दिल्ली: कपिल मिश्रा की विधानसभा सदस्यता रद्द होने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. कपिल मिश्रा ने विधानसभा अध्यक्ष पर कई गंभीर आरोप लगाए, जिनका विधानसभा अध्यक्ष ने जवाब भी दिया.
कपिल मिश्रा ने कहा था कि सदस्यता रद्द करने के मामले में सुनवाई ठीक ढंग से नहीं हुई और सुनवाई के बीच में ही फैसला सुना दिया गया. उन्हें कोई भी गवाह और तथ्य रखने की अनुमति नहीं दी गई. कपिल मिश्रा ने यहां तक कहा था कि इस मामले में कानून और विधानसभा का मजाक उड़ाया गया है.
कपिल मिश्रा का कहना है कि ये फैसला बताता है कि इस मामले में कानून और प्रक्रियाओं की धज्जियां उड़ाई गई हैं और ऐसा लोकतंत्र के इतिहास में पहली बार हुआ है. कपिल मिश्रा का ये भी कहना था कि अब इस मामले को कोर्ट लेकर जाएंगे. इन आरोपों पर अब विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल का भी जवाब आया है.
कपिल मिश्रा को आपत्ति तो कोर्ट में दे सकते हैं चुनौती-विधानसभा अध्यक्ष
रामनिवास गोयल ने कहा है कि सदस्यता रद्द करने का फैसला विधानसभा के नियम और संविधान के तहत लिया गया है और पूरी सुनवाई होने के बाद ऐसे मामले में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के फैसले को ध्यान में रखकर फैसला किया गया. रामनिवास गोयल की तरफ से यह भी कहा गया है कि अगर सदस्य को फैसले पर आपत्ति है, तो वे इसे कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं.
बता दें, सदस्यता रद्द होने के मामले की जब प्रक्रिया चल रही थी, तभी से कपिल मिश्रा आरोप लगाते रहे हैं. अब वो विधानसभा अध्यक्ष को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं, वहीं विधानसभा अध्यक्ष इसे पूरी तरह से कानून सम्मत मान रहे हैं. देखने वाली बात यs होगी कि आरोप प्रत्यारोप का यह दौर कहां तक जाता है.