नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर सोमवार को किसान आंदोलन का 19वां दिन है और किसान लगातार अपनी मांगों को लेकर सरकार के सामने डटे हुए हैं. आंदोलनकारी किसानों की मांग है कि सरकार कृषि बिल वापस ले तभी आंदोलन खत्म होगा. आंदोलनकारी किसान पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, उनके सहयोगी, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर हरसिमरत कौर के पोस्टर-बैनर को लेकर नारे लगा रहे हैं. साथ ही इन नेताओं पर पंजाब के किसानों के साथ धोखा करने का आरोप लगा रहे हैं.
'सरकार ने धोखे से किसानों को उद्योगपतियों के हाथ बेच दिया'
ईटीवी भारत की टीम ने आंदोलनकारी किसानों से बात की. आंदोलनकारी किसानों ने पंजाब और केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पंजाब के नेताओं ने किसानों के साथ धोखा तो किया है और इन लोगों को धोखे से उद्योगपतियों को बेच भी दिया है. क्योंकि सरकार अब कृषि बिल के माध्यम से उद्योगपतियों को किसानों के बीच में लाने की कोशिश कर रही है, जिसकी वजह से किसानों में सरकार के प्रति बड़ी नाराजगी है. इसी के चलते किसान अपनी मांगों को मनवाने के लिए सरकार के खिलाफ सड़कों पर मोर्चा खोले हुए हैं.
यह भी पढ़ेंः-दिल्ली बॉर्डर पर भूख हड़ताल पर बैठे 40 किसान नेता, प्रदर्शन जारी
अब तक नहीं निकला कोई नतीजा
बता दें कि सरकार और किसान नेताओं के बीच लगातार बातचीत का दौर जारी है, लेकिन अब तक दोनों के बीच हुई बातचीत से कोई भी नतीजा नहीं निकल सका है. जिसके चलते आंदोलन 19 दिन तक पहुंच गया. लेकिन किसान भी अब यह उम्मीद लगा रहे हैं कि जल्द से जल्द सरकार कृषि बिल को लेकर कोई फैसला ले जिससे आंदोलन खत्म हो जाए.