नई दिल्लीः दिल्ली सरकार ने गरीब परिवारों को राशन पहुंचाने की योजना को आगे बढ़ाते हुए एजेंसी नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है. दिल्ली सरकार ने स्टेट सिविल सप्लाई कारपोरेशन द्वारा कंपनियों से ऑनलाइन आवेदन करने के लिए 17 अगस्त तक का समय दिया गया है.
सभी आवेदन पर 19 अगस्त को निर्णय होगा. जिन कंपनियों को नियुक्त किया जाएगा, उनका काम चावल आटा के पैकेट को राशन दुकान तक पहुंचाना होगा. प्रथम चरण में इस काम के लिए कंपनियों से आवेदन मांगा गया है.
कैबिनेट ने लिया था फैसला
दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने 21 जुलाई को हुई बैठक में राशन की डोर स्टेप डिलीवरी की योजना को मंजूरी दी थी. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली कैबिनेट का फैसला गरीबों के लिए कल्याणकारी कदम होगा. मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना के तहत पात्र गरीब लाभार्थियों को राशन देने के लिए दुकानदार के पास नहीं जाना होगा. बल्कि पैकेट में साफ-सुथरा गेहूं की जगह आटा-चावल और चीनी उनके घर पहुंचाया जाएगा. लोगों के पास डोर स्टेप डिलीवरी और दुकानदार से राशन लेने के दोनों विकल्प दिए जाएंगे.
एफसीआई से पैकेट लेगी एजेंसी
इस घोषणा के बाद अब दिल्ली सरकार ने चावल आटा के अलग-अलग साइज के पैकेट फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के गोदाम से राजधानी के सभी राशन दुकान तक पहुंचाने के लिए एजेंसी नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू की है.
बता दें कि दिल्ली सरकार राशन की डोर स्टेप डिलीवरी योजना को तो शुरू करने जा रही है, मगर इसको लेकर पहले भी विपक्ष ने ऐतराज जताया था और अब भी विधानसभा में नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने योजना के नाम मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना पर कड़ा ऐतराज जताया है. इसे बदलने की मांग की है.