नई दिल्लीः दिल्ली के मंडी हाउस स्थित त्रिवेणी कला संगम में म्यूजिक ऑफ टेक्सचर नामक चित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है. इसमें कला प्रेमियों के लिए अध्यात्म और आधुनिक युग के प्रेम-प्रसंगों का अद्भुत चित्रण किया गया है. प्रदर्शनी में सुंदर चित्रकारी में हिंदुस्तान से महत्वपूर्ण साहित्य रामायण की शकुंतला, चांद-चकोर, स्वाति नक्षत्र की एक बूंद की प्यासी पपीहा, भ्रमकमल और संसार के कई प्रतिबिंबों को दर्शाया गया है.
प्रदर्शनी के क्यूरेटर और चित्रकार उमेश कुमार सक्सेना ने बताया कि वह कला के क्षेत्र में 40 साल तक उत्तर प्रदेश के लखनऊ विश्वविद्यालय में कला से छात्रों को प्रशिक्षण देने के बाद 2019 में सेवानिवृत्त हो गए. उन्होंने बताया कि वह अपने आप को सेवानिवृत्त नहीं मानते, बल्कि कला से नए आयामों को तलाशने की कोशिश में जुटे हैं. दुनिया भर में अपनी कला का प्रदर्शन करने वाले उमेश का यह तीसरा सोलो प्रदर्शन है. कला प्रेमियों द्वारा उमेश की आर्ट को खूब पसंद किया जा रहा है. उमेश ने बताया कि वह अपनी चित्रकारी को सबसे अलग रूप देते है. उन्हें नकल पसंद नहीं है. 30 अप्रैल तक लगने वाली इस प्रदर्शनी में लगभग 17 चित्रकारियों का प्रदर्शन किया गया है. सभी चित्रों में इस्तेमाल किये जाने वाले रंग और थीम को भारतीय संस्कृति के आधार पर दर्शाया गया है.
उमेश ने बताया कि उनके विचारों को चित्रकारी में बाखूबी देखा जा सकता है. एक चित्र का विवरण देते हुए उमेश ने बताया कि उन्होंने अपने एक आर्ट में पपीहे का सुंदर चित्रण किया है, जिसको देखने से समझ आता है कि स्वाति नक्षत्र की एक बूंद पपीहे के लिए कितना महत्व रखती है. प्रदर्शनी में पहुंची ऐश्वर्य़ा का कहना है कि उन्होंने अपने जीवन में इस तरह की चित्रकारी कभी नहीं देखी है। हर चित्र को आसानी से समझा जा सकता है कि उसके पीछे कि कहानी क्या है?