नई दिल्ली: देश में गलत तरीके से हो रहे धर्मांतरण के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है. हाईकोर्ट इस याचिका पर कल यानि 13 मार्च को सुनवाई करेगा.
पैसों का लालच देकर धर्मांतरण
याचिका बीजेपी नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने दायर किया है. याचिका में कहा गया है कि आर्थिक रुप से कमजोर लोगों को धन का लालच देकर धर्मांतरण कराया जा रहा है. यह मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है.याचिका में धर्मांतरण पर लॉ कमीशन की 235वीं रिपोर्ट की अनुशंसाओं को लागू करने की मांग की गई है.
निचले तबके के लोगों में धर्मांतरण ज्यादा
याचिका में कहा गया है कि पिछले 20 वर्षों में निचले तबके के लोगों खासकर अनुसूचित जाति और जनजातियों के लोगों के धर्मांतरण में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है. कुछ मामलों में धर्मांतरण के लिए काला जादू का भी सहारा लिया जा रहा है. धर्मांतरण के लिए हमेशा ही आर्थिक रुप से कमजोर तबके को टारगेट किया जाता है.
मौलिक अधिकारों का उल्लंघन
याचिका में कहा गया है कि यह अपने धर्म के प्रचार-प्रसार के मौलिक अधिकारों का तो उल्लंघन करता ही है. यह संविधान की धारा 51ए का भी उल्लंघन करता है. याचिका में कहा गया है कि भारत में सदियों से धर्मांतरण जारी है. इसे रोकना सरकार की जिम्मेदारी है. याचिका में कहा गया है कि विदेशी चंदे पर चलने वाले एनजीओ को धर्मांतरण के लिए मासिक टारगेट दिया जाता है.
जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए दिशानिर्देश जारी करने की मांग याचिका में कहा गया है अगर सरकार इसके खिलाफ कदम नहीं उठाती है तो देश में हिन्दु अल्पसंख्य हो जाएंगे. याचिका में केंद्र और दिल्ली सरकार को जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए दिशानिर्देश जारी करने की मांग की गई है.