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National Tourism Day 2025: भारत से दूर क्यों रह रहे हैं विदेशी पर्यटक, जानिए क्या कहते हैं जानकार? - TOURISM IN INDIA

भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हर साल 25 जनवरी को राष्ट्रीय पर्यटन दिवस मनाया जाता है.

भारत में पर्यटन की असीम संभावना लेकिन करने होंगे कुछ बदलाव
भारत में पर्यटन की असीम संभावना लेकिन करने होंगे कुछ बदलाव (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 25, 2025, 12:07 PM IST

Updated : Jan 25, 2025, 12:15 PM IST

नई दिल्ली: हर साल 25 जनवरी को राष्ट्रीय पर्यटन दिवस मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य भारत की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक धरोहर को प्रोत्साहन देना है. यह दिन देश के पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने और आम जनता के बीच पर्यटन के महत्व को उजागर करने का प्रमुख अवसर है. अभी पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोगों को किस तरह की समस्याएं आ रही हैं, जिनका प्रभाव टूरिज्म पर पड़ा है और उनका क्या निवारण हो सकता है? इस सिलसिले में 'ETV भारत' ने इंडियन चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स कमिटी के चेयरमैन और स्टिक ट्रेवल ग्रुप के चेयरमैन डॉ. सुभाष गोयल से विस्तृत बातचीत की. आइए जानते हैं उन्होंने क्या बताया?

2019 के पहले भारत पर्यटन के क्षेत्र में था बेहतर : डॉ. सुभाष ने बताया कि 2019 के पहले भारत पर्यटन के क्षेत्र में काफी अच्छा था, लेकिन 2025 में इसकी स्थिति कमजोर हुई है. इसके पीछे दो तीन मुख्य कारण है. सबसे पहला सरकार द्वारा ओवरसीज ऑफिस को बंद कर दिया गया. दुनियाभर में मार्किट एजेंट्स को अपॉइंट करना चाहिए था, वह भी नही हुआ. इसके कारण भारत में इंटरनेशनल सोर्स की कमी आई है.

भारत में पर्यटन की असीम संभावना लेकिन करने होंगे कुछ बदलाव (ETV BHARAT)

यात्रा महंगी होने से पर्यटन प्रभावित : दूसरा, हवाई यात्रा के किरायों में बढ़त की गई है. 2019 में दिल्ली से न्यूयॉर्क का किराया 70 हजार रुपए के करीब था. अब वही टिकट 1 लाख 70 हजार रुपए के करीब है. किरायों को 200 फीसदी तक बढ़ा दिया गया है. भारत के आसपास के देश जैसे श्रीलंका, थाईलैंड और मलेशिया है, यहां किराया कम होने के कारण पर्यटन बढ़ा है. इन देशों ने 2019 के खराब दौर को पार कर लिया है, जबकि भारत अभी काफी पीछे हैं. तीसरा कारण है कि पहले देश में 'अतुल्य भारत' कैंपेन को जोर शोर से प्रचार प्रसार किया जा रहा था. लेकिन अब इसका डिजिटल प्रचार भी बंद हो गया है. इंटरनेशनल मार्केट में भी इसका प्रभाव कम हो गया है.

भारत में पर्यटन रोज़गार का मुख्य माध्यम: सुभाष गोयल का मानना है कि 2024 में सभी टूरिस्ट कंट्रीज की स्थिति में सुधार आया है लेकिन भारत आज भी पीछे है. अब 2025 में सरकार से उम्मीद है कि वह भारतीय पर्यटन को बढ़ावा देगी. मार्केट में सुधार लाने की जरूरत है. इससे देश में पर्यटन के क्षेत्र में आने वाली निराशा और बेरोज़गारी में सुधार हो पाएगा. भारत में पर्यटन रोज़गार का मुख्य माध्यम है. देश का हर 9वां नागरिक इससे जुड़ा है.

सभी तरह की यात्रा महंगी होने से पर्यटन प्रभावित -सुभाष गोयल (ETV BHARAT)

पर्यटन में रोजगार की अधिक संभावना : जिस तरह पहले कृषि क्षेत्र में रोजगार के कई माध्यम थे, लेकिन अब नहीं है. तकनीकी के दौर में ड्रोन से दवाओं का छिड़काव किया जा रहा है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद ली जा रही है. इसके कारण रोजगार कम हुआ है. वहीं आज भी पर्यटन एक ऐसा क्षेत्र है, जहां लोगों को गाइड चाहिए, कस्टम के ऑफिसर्स चाहिए, चैक इन के लिए स्टाफ चाहिए, हाउस कीपिंग में लोग चाहिए आदि. इससे अनुमान लगाया जा सकता है, इस क्षेत्र में कर्मचारियों की बहुत जरूरत है. अगर इसको बढ़ावा दिया जाएगा तो देश में रोजगार बढ़ेगा और गरीबी खत्म होगी.

होटल और यात्री किराए की हो प्राइस लिस्ट फिक्स :पर्यटन के क्षेत्र में विकास करने के लिए टूरिज्म इंडस्ट्री की सरकार से मांग है कि जिस तरह से होटल से एयरपोर्ट के बीच चलने वाली टैक्सी के रेट फिक्स हैं, उसी तरह होटल की हाईएस्ट प्राइस लिस्ट फिक्स होनी चाहिए. इसी तरह से एयरफेयर की लिमिट भी फिक्स होनी चाहिए. फिर मार्केटिंग का मतलब ये नहीं है कि उपभोक्ता का शोषण किया जाए.

2019 के पहले भारत पर्यटन के क्षेत्र में था बेहतर -सुभाष गोयल (ETV BHARAT)

1998 में हुई पर्यटन विभाग की स्थापना हुई : देश में पर्यटन दिवस मनाने की शुरुआत भारत की आजादी के अगले वर्ष यानी 1948 से हो गई थी. पर्यटन के महत्व को समझते हुए आजाद भारत में इसे बढ़ावा देने की पहल स्वरूप पर्यटन यातायात समिति का गठन किया गया. समिति के गठन के तीन साल बाद 1951 में कोलकाता और चेन्नई में पर्यटन दिवस के क्षेत्रीय कार्यालयों की शुरुआत हुई. बाद में दिल्ली, मुंबई और कोलकाता में भी पर्यटन कार्यालय बनें.1998 में पर्यटन और संचार मंत्री के नेतृत्व में पर्यटन विभाग की स्थापना हुई.

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नई दिल्ली: हर साल 25 जनवरी को राष्ट्रीय पर्यटन दिवस मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य भारत की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक धरोहर को प्रोत्साहन देना है. यह दिन देश के पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने और आम जनता के बीच पर्यटन के महत्व को उजागर करने का प्रमुख अवसर है. अभी पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोगों को किस तरह की समस्याएं आ रही हैं, जिनका प्रभाव टूरिज्म पर पड़ा है और उनका क्या निवारण हो सकता है? इस सिलसिले में 'ETV भारत' ने इंडियन चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स कमिटी के चेयरमैन और स्टिक ट्रेवल ग्रुप के चेयरमैन डॉ. सुभाष गोयल से विस्तृत बातचीत की. आइए जानते हैं उन्होंने क्या बताया?

2019 के पहले भारत पर्यटन के क्षेत्र में था बेहतर : डॉ. सुभाष ने बताया कि 2019 के पहले भारत पर्यटन के क्षेत्र में काफी अच्छा था, लेकिन 2025 में इसकी स्थिति कमजोर हुई है. इसके पीछे दो तीन मुख्य कारण है. सबसे पहला सरकार द्वारा ओवरसीज ऑफिस को बंद कर दिया गया. दुनियाभर में मार्किट एजेंट्स को अपॉइंट करना चाहिए था, वह भी नही हुआ. इसके कारण भारत में इंटरनेशनल सोर्स की कमी आई है.

भारत में पर्यटन की असीम संभावना लेकिन करने होंगे कुछ बदलाव (ETV BHARAT)

यात्रा महंगी होने से पर्यटन प्रभावित : दूसरा, हवाई यात्रा के किरायों में बढ़त की गई है. 2019 में दिल्ली से न्यूयॉर्क का किराया 70 हजार रुपए के करीब था. अब वही टिकट 1 लाख 70 हजार रुपए के करीब है. किरायों को 200 फीसदी तक बढ़ा दिया गया है. भारत के आसपास के देश जैसे श्रीलंका, थाईलैंड और मलेशिया है, यहां किराया कम होने के कारण पर्यटन बढ़ा है. इन देशों ने 2019 के खराब दौर को पार कर लिया है, जबकि भारत अभी काफी पीछे हैं. तीसरा कारण है कि पहले देश में 'अतुल्य भारत' कैंपेन को जोर शोर से प्रचार प्रसार किया जा रहा था. लेकिन अब इसका डिजिटल प्रचार भी बंद हो गया है. इंटरनेशनल मार्केट में भी इसका प्रभाव कम हो गया है.

भारत में पर्यटन रोज़गार का मुख्य माध्यम: सुभाष गोयल का मानना है कि 2024 में सभी टूरिस्ट कंट्रीज की स्थिति में सुधार आया है लेकिन भारत आज भी पीछे है. अब 2025 में सरकार से उम्मीद है कि वह भारतीय पर्यटन को बढ़ावा देगी. मार्केट में सुधार लाने की जरूरत है. इससे देश में पर्यटन के क्षेत्र में आने वाली निराशा और बेरोज़गारी में सुधार हो पाएगा. भारत में पर्यटन रोज़गार का मुख्य माध्यम है. देश का हर 9वां नागरिक इससे जुड़ा है.

सभी तरह की यात्रा महंगी होने से पर्यटन प्रभावित -सुभाष गोयल (ETV BHARAT)

पर्यटन में रोजगार की अधिक संभावना : जिस तरह पहले कृषि क्षेत्र में रोजगार के कई माध्यम थे, लेकिन अब नहीं है. तकनीकी के दौर में ड्रोन से दवाओं का छिड़काव किया जा रहा है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद ली जा रही है. इसके कारण रोजगार कम हुआ है. वहीं आज भी पर्यटन एक ऐसा क्षेत्र है, जहां लोगों को गाइड चाहिए, कस्टम के ऑफिसर्स चाहिए, चैक इन के लिए स्टाफ चाहिए, हाउस कीपिंग में लोग चाहिए आदि. इससे अनुमान लगाया जा सकता है, इस क्षेत्र में कर्मचारियों की बहुत जरूरत है. अगर इसको बढ़ावा दिया जाएगा तो देश में रोजगार बढ़ेगा और गरीबी खत्म होगी.

होटल और यात्री किराए की हो प्राइस लिस्ट फिक्स :पर्यटन के क्षेत्र में विकास करने के लिए टूरिज्म इंडस्ट्री की सरकार से मांग है कि जिस तरह से होटल से एयरपोर्ट के बीच चलने वाली टैक्सी के रेट फिक्स हैं, उसी तरह होटल की हाईएस्ट प्राइस लिस्ट फिक्स होनी चाहिए. इसी तरह से एयरफेयर की लिमिट भी फिक्स होनी चाहिए. फिर मार्केटिंग का मतलब ये नहीं है कि उपभोक्ता का शोषण किया जाए.

2019 के पहले भारत पर्यटन के क्षेत्र में था बेहतर -सुभाष गोयल (ETV BHARAT)

1998 में हुई पर्यटन विभाग की स्थापना हुई : देश में पर्यटन दिवस मनाने की शुरुआत भारत की आजादी के अगले वर्ष यानी 1948 से हो गई थी. पर्यटन के महत्व को समझते हुए आजाद भारत में इसे बढ़ावा देने की पहल स्वरूप पर्यटन यातायात समिति का गठन किया गया. समिति के गठन के तीन साल बाद 1951 में कोलकाता और चेन्नई में पर्यटन दिवस के क्षेत्रीय कार्यालयों की शुरुआत हुई. बाद में दिल्ली, मुंबई और कोलकाता में भी पर्यटन कार्यालय बनें.1998 में पर्यटन और संचार मंत्री के नेतृत्व में पर्यटन विभाग की स्थापना हुई.

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Last Updated : Jan 25, 2025, 12:15 PM IST
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