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निर्भया के माता-पिता ने दोषियों को फांसी देने की प्रक्रिया में तेजी लाने की मांग की

नई दिल्ली: 2012 के निर्भया कांड की पीड़िता के माता-पिता ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में अर्जी दायर कर चारों दोषियों को फांसी की सजा देने की प्रक्रिया में तेजी लाने की मांग की है. इस मामले पर कोर्ट 2 मार्च को सुनवाई करेगा.

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Published : Feb 15, 2019, 5:16 AM IST

निर्भया के माता-पिता ने दोषियों को फांसी देने की प्रक्रिया में तेजी लाने की मांग की

5 मई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने चारों अभियुक्तों की फांसी की सजा सुनाई थी. मुख्य अभियुक्त ड्राइवर राम सिंह ने तिहाड़ जेल में कथित रुप से खुदकुशी कर ली थी, जबकि एक नाबालिग आरोपी अपनी तीन साल की सुधार गृह की सजा पूरी कर चुका था.

गैंगरेप के चार दोषियों मुकेश, अक्षय, पवन और विनय को साकेत की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी, जिस पर 14 मार्च 2014 को दिल्ली हाईकोर्ट ने भी मुहर लगा दी थी.

निर्भया के माता-पिता ने दोषियों को फांसी देने की प्रक्रिया में तेजी लाने की मांग की
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हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी जिस पर सुनवाई करते हुए फांसी की सजा पर रोक लगाई थी. 9 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने चारो दोषियों के रिव्यू पिटीशन को खारिज करते हुए उनकी फांसी की सजा पर मुहर लगाई थी.

13 दिसंबर 2018 को चारों दोषियों को दी गई फांसी की सजा पर तुरंत अमल करने की मांग सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी. याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस मदन बी लोकुर ने कहा था कि यह किस तरह की मांग आप कोर्ट से कर रहे हैं. आपकी याचिका सुनवाई योग्य नहीं है, हम इसे खारिज करते हैं.

याचिका वकील आलोक अलख श्रीवास्तव ने दायर की थी. याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि निर्भया कांड के चारों गुनहगार फांसी की सजा पर तुरंत अमल किया जाए और उन्हें कानूनन मौत दी जाए.

याचिका में कहा गया था कि निर्भया कांड के चारो दोषी मुकेश कुमार, पवन, विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर को दी गई फांसी की सजा पर तुरंत अमल किया जाए और उन्हें कानूनन मौत दी जाए.

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5 मई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने चारों अभियुक्तों की फांसी की सजा सुनाई थी. मुख्य अभियुक्त ड्राइवर राम सिंह ने तिहाड़ जेल में कथित रुप से खुदकुशी कर ली थी, जबकि एक नाबालिग आरोपी अपनी तीन साल की सुधार गृह की सजा पूरी कर चुका था.

गैंगरेप के चार दोषियों मुकेश, अक्षय, पवन और विनय को साकेत की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी, जिस पर 14 मार्च 2014 को दिल्ली हाईकोर्ट ने भी मुहर लगा दी थी.

निर्भया के माता-पिता ने दोषियों को फांसी देने की प्रक्रिया में तेजी लाने की मांग की
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हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी जिस पर सुनवाई करते हुए फांसी की सजा पर रोक लगाई थी. 9 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने चारो दोषियों के रिव्यू पिटीशन को खारिज करते हुए उनकी फांसी की सजा पर मुहर लगाई थी.

13 दिसंबर 2018 को चारों दोषियों को दी गई फांसी की सजा पर तुरंत अमल करने की मांग सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी. याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस मदन बी लोकुर ने कहा था कि यह किस तरह की मांग आप कोर्ट से कर रहे हैं. आपकी याचिका सुनवाई योग्य नहीं है, हम इसे खारिज करते हैं.

याचिका वकील आलोक अलख श्रीवास्तव ने दायर की थी. याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि निर्भया कांड के चारों गुनहगार फांसी की सजा पर तुरंत अमल किया जाए और उन्हें कानूनन मौत दी जाए.

याचिका में कहा गया था कि निर्भया कांड के चारो दोषी मुकेश कुमार, पवन, विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर को दी गई फांसी की सजा पर तुरंत अमल किया जाए और उन्हें कानूनन मौत दी जाए.

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Intro:नई दिल्ली। 2012 के निर्भया कांड की पीड़िता के माता-पिता ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में अर्जी दायर कर चारों दोषियों को फांसी की सजा देने की प्रक्रिया में तेजी लाने की मांग की है। इस मामले पर कोर्ट 2 मार्च को सुनवाई करेगा।


Body:5 मई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने चारों अभियुक्तों की फांसी की सजा सुनाई थी । मुख्य अभियुक्त ड्राइवर राम सिंह ने तिहाड़ जेल में कथित रुप से खुदकुशी कर ली थी, जबकि एक नाबालिग आरोपी अपनी तीन साल की सुधार गृह की सजा पूरी कर चुका था । गैंगरेप के चार दोषियों मुकेश, अक्षय, पवन और विनय को साकेत की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी, जिस पर 14 मार्च 2014 को दिल्ली हाईकोर्ट ने भी मुहर लगा दी थी । हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी जिस पर सुनवाई करते हुए फांसी की सजा पर रोक लगाई थी । 9 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने चारो दोषियों के रिव्यू पिटीशन को खारिज करते हुए उनकी फांसी की सजा पर मुहर लगाई थी। 13 दिसंबर 2018 को चारों दोषियों को दी गई फांसी की सजा पर तुरंत अमल करने की मांग सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस मदन बी लोकुर ने कहा था कि यह किस तरह की मांग आप कोर्ट से कर रहे हैं। आपकी याचिका सुनवाई योग्य नहीं है, हम इसे खारिज करते हैं।


Conclusion:याचिका वकील आलोक अलख श्रीवास्तव ने दायर की थी। याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि निर्भया कांड के चारों गुनहगार फांसी की सजा पर तुरंत अमल किया जाए और उन्हें कानूनन मौत दी जाए । याचिका में कहा गया था कि निर्भया कांड के चारो दोषी मुकेश कुमार, पवन, विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर को दी गई फांसी की सजा पर तुरंत अमल किया जाए और उन्हें कानूनन मौत दी जाए।
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