नई दिल्ली: नई दिल्ली सीट से भाजपा प्रत्याशी प्रवेश वर्मा ने अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के नेताओं पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि यह अरविंद केजरीवाल है, जो यह कहते थे दिल्ली के गांव के लोगों से बदबू आती है. यह वही केजरीवाल है, जिसने आज तक दिल्ली के एक भी गांव के लोगों को शीशमहल में घुसने नहीं दिया. आज तक उन्होंने किसी विषय पर किसी गांव का दौरा नहीं किया. आज इनको जब लगा कि दिल्ली का देहात आम आदमी पार्टी के खिलाफ वोट कर रहा है. दिल्ली देहात की जब मैं बात करता हूं तो खाली जाट नहीं, हमारी दिल्ली देहात में जाट भी है, गुर्जर भी है, यादव भी है, त्यागी भी है, राजपूत भी हैं. आज पूरा दिल्ली देहात जिसे पहले बहारी दिल्ली के नाम से जाना जाता था. आज वह सभी एक स्वर में कह रहा है कि अरविंद केजरीवाल की सरकार को हमें उखाड़ कर फेंक देना है.
चुनाव से पहले ही जाटों की क्यों याद आई: प्रवेश वर्मा ने कहा कि आज केजरीवाल ने अगर जाटों के लिए कोई भी काम किया होता तो आज इनका चुनाव से ठीक पहले जाटों की याद नहीं आती. केजरीवाल से मैं खुद पूछना चाहता हूं कि आप जो जाट भाई जब अपने गांव में खेती करते थे, उनके यहां पर बड़े-बड़े मोटे-मोटे बिजली के बिल आते थे. आपने देहात में बिजली का बिल क्यों नहीं माफ किया.
जाटों की कभी भी आवाज नहीं उठाई: अरविंद केजरीवाल ने आज तक उनकी आवाज नहीं उठाई. दिल्ली की गांव की खेती की जमीन जब भी अधिग्रहण होती थी, उसका मुआवजा किसानों को केवल ढाई करोड़ मिलता था, जबकि मार्केट रेट 10 से 15 करोड़ रुपये है. किसानों को मार्केट का रेट जमीनों पर मिले, यह मेरे पिताजी दिल्ली के मुख्यमंत्री डॉक्टर साहब सिंह वर्मा ने तय किया था. बार-बार हमने डिमांड करी कि करोड़ों रुपये की जमीन दिल्ली सरकार केवल ढाई करोड़ में ले लेती है, यह गलत बात है.
दिल्ली में केंद्र सरकार द्वारा किए गए काम: प्रवेश वर्मा ने कहा कि दिल्ली में पिछले 20 साल से जितने भी बड़े-बड़े काम हुए हैं, सारे भारत सरकार ने किया. और उन कामों को मैं गिनवाना भी चाहता हूं, जिससे देहात का बहुत ज्यादा विकास हुआ है. वहां की जमीनों के भाव भी बड़े हैं. 26000 करोड़ की लागत से बना इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर जो कि पूरे एशिया का सबसे बड़ा कन्वेंशन सेंटर है, भारत सरकार ने बनाया. उन्होंने कहा कि 8000 करोड़ की लागत से दिल्ली देहात में सड़क बनाई गई, जिससे अलीपुर से महिपालपुर आने में जो डेढ़ घंटा लगता था. इस सड़क की वजह से केवल 20 मिनट का रास्ता रह गया है. दिल्ली के अन्य इलाकों में सड़कों का जाल बिछाया गया. केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली में अनेक काम किए गए जिससे जनता का फायदा पहुंचा.
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