नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में आईटीओ स्थित दिल्ली माइनॉरिटी कमीशन के दफ्तर में 'मदरसों में इस्लामिक शिक्षा के साथ-साथ मॉडर्न शिक्षा' विषय पर सेमिनार आयोजित की गई. जहां मुख्य अतिथि के रूप में दिल्ली सरकार के खाद एवं आपूर्ति मंत्री इमरान हुसैन पहुंचे. इमरान हुसैन ने जाकिर खान को माइनॉरिटी कमीशन का चेयरमैन बनाए जाने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का शुक्रिया अदा किया.
इमरान हुसैन ने कहा कि अब तक देखने में आता था कि कमीशन के चेयरमैन के रूप में किसी रिटायर्ड आईपीएस या आईएएस को तैनात किया जाता था, पहली बार ऐसा हुआ है कि जनता के चुने हुए नुमाइंदे को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है, जो जनता के बीच रहकर उनके अच्छे बुरे दुख दर्द और उनके अधिकारों को अच्छे से समझ सकते हैं.
सेमिनार में दिल्ली के विभिन्न हिस्सों से आए मदरसों और जमीयत उलेमा हिंद से जुड़े जिम्मेदार लोगों ने शिरकत की. कार्यक्रम में बहुत से लोगों ने मदरसों में इस्लामिक शिक्षा के साथ आधुनिक शिक्षा दिए जाने के विषय पर अपने विचार रखे. कार्यक्रम की अध्यक्षता दिल्ली माइनॉरिटी कमीशन के चेयरमैन जाकिर खान ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में दिल्ली सरकार के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री इमरान हुसैन, जमीयत उलेमा हिंद के दिल्ली प्रदेश उपाध्यक्ष मौलाना जावेद सिद्दीकी कासमी, उपाध्यक्ष कारी अब्दुस समी मुख्य रूप से मौजूद रहे.
इस मौके पर जाकिर खान ने कहा कि अल्पसंख्यक के अंदर जो आते हैं उसमें मुस्लिम, सिख, इसाई, पारसी, जैन और बौद्ध हैं. यह आयोग जो बनाया गया है वो इसलिए बनाया गया है कि संविधान में जो आधिकार अल्पसंख्यकों को दिए गए हैं वह सुरक्षित हैं या नहीं, आपके मस्जिद और मदरसे इलाकों में महफूज हैं या नहीं, यह कमीशन का काम है कि इसकी निगरानी रखे.
'मदरसे को मॉडर्न शिक्षा से जोड़ना है उद्देश्य'
जाकिर खान ने कहा कि यह जो सेमिनार रखा गया है उसका सिर्फ यह मकसद है कि मदरसों में पढ़ने वाले बच्चे इस्लामिक शिक्षा के साथ साथ मॉडर्न शिक्षा के साथ भी जोड़े जाएं. बहुत सारे मदरसों में ऐसा बखूबी चल भी रहा है. उन्होंने कहा कि बंगाल के मदरसों में एक नजरिया बन गया है, कुछ लोगों ने यह बात बना दी है कि मदरसे जो है वह सिर्फ मुसलमानों के है, लेकिन ऐसा नहीं है.
सेमिनार में इन लोगों ने की शिरकत
माइनॉरिटी कमीशन के सेमिनार में मुफ्ती अब्दुल वाहिद कासमी, हाजी युसुफ, मौलाना जियाउल्लाह कासमी, हाजी जुबैर, मौलाना गुलाम नबी, कारी खलील, सरफराज, मौलाना खुर्रम, मास्टर निसार, डॉ.मसूद, नौशाद, मौलाना फजलुल रहमान, आलम, वसीम मुफ्ती इशाक समेत बहुत से आलिम मौजूद रहे. सेमिनार के अंत में सभी मदरसों के जिम्मेदारों की तरफ से मौलाना जावेद सिद्दीकी ने माला पहनाकर इमरान हुसैन और जाकिर खान का स्वागत किया.