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हाईकोर्ट के जज और जिला न्यायपालिका की अवमानना मामले में वकील दोषी करार, छह माह की कैद

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 10, 2024, 9:00 PM IST

contempt of judge case: जज की अवमानना के मामले में सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने एक वकील को छह महीने की कैद की सजा सुनाई है. साथ ही दो हजार रुपए का जुर्माना लगाया है.

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नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने कोर्ट की आपराधिक अवमानना के मामले में एक वकील को छह महीने की कैद और दो हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है. बुधवार को जस्टिस सुरेश कैत की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह आदेश सुनाया. हाईकोर्ट ने वकील वीरेंद्र सिंह को हाईकोर्ट के सिटिंग जज और जिला न्यायपालिका पर अपमानकारी आरोप लगाने के मामले में अवमानना का दोषी पाया और सजा मुकर्रर की.

कोर्ट ने कहा कि वीरेंद्र सिंह को बिना शर्त माफी मांगने का मौका दिया गया, लेकिन उन्होंने माफी मांगने से इनकार कर दिया. वह हाईकोर्ट के सिटिंग जज और जिला न्यायपालिका पर जो आरोप लगाए थे उस पर कायम रहे. इसका सीधा मतलब है कि वीरेंद्र सिंह को अपने किए का कोई पछतावा नहीं था. वकील वीरेंद्र सिंह की ओर से दाखिल एक क्रिमिनल अपील सिंगल बेंच के समक्ष लिस्टेड था.

यह भी पढ़ेंः दिल्ली: पति-पत्नी की मौत से पड़ोसी सन्न, जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा दो माह का मासूम

14 जुलाई 2022 को केस में सुनवाई के दौरान सिंगल बेंच ने वीरेंद्र सिंह की ओर से दाखिल याचिका में हाईकोर्ट के सिटिंग जज और जिला न्यायपालिका पर गंभीर आरोप लगाए थे. जब सिंगल बेंच ने वकील वीरेंद्र सिंह से पूछा कि क्या आप इन आरोपों को हटाकर केस की मेरिट पर सुनवाई चाहते हैं. इस पर वकील वीरेंद्र सिंह ने कहा कि नहीं वे आरोपों पर कायम हैं.

उसके बाद सिंगल बेंच ने उन पर कोर्ट की अवमानना का नोटिस जारी करते हुए अवमानना मामले पर सुनवाई करने वाली डिवीजन बेंच को सुनवाई के लिए रेफर कर दिया. उसके बाद कोर्ट ने वकील वीरेंद्र सिंह को अवमानना का दोषी करार देते हुए उन्हें छह महीने की कैद और दो हजार रुपये का जुर्माना लगाने का आदेश दिया.

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नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने कोर्ट की आपराधिक अवमानना के मामले में एक वकील को छह महीने की कैद और दो हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है. बुधवार को जस्टिस सुरेश कैत की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह आदेश सुनाया. हाईकोर्ट ने वकील वीरेंद्र सिंह को हाईकोर्ट के सिटिंग जज और जिला न्यायपालिका पर अपमानकारी आरोप लगाने के मामले में अवमानना का दोषी पाया और सजा मुकर्रर की.

कोर्ट ने कहा कि वीरेंद्र सिंह को बिना शर्त माफी मांगने का मौका दिया गया, लेकिन उन्होंने माफी मांगने से इनकार कर दिया. वह हाईकोर्ट के सिटिंग जज और जिला न्यायपालिका पर जो आरोप लगाए थे उस पर कायम रहे. इसका सीधा मतलब है कि वीरेंद्र सिंह को अपने किए का कोई पछतावा नहीं था. वकील वीरेंद्र सिंह की ओर से दाखिल एक क्रिमिनल अपील सिंगल बेंच के समक्ष लिस्टेड था.

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14 जुलाई 2022 को केस में सुनवाई के दौरान सिंगल बेंच ने वीरेंद्र सिंह की ओर से दाखिल याचिका में हाईकोर्ट के सिटिंग जज और जिला न्यायपालिका पर गंभीर आरोप लगाए थे. जब सिंगल बेंच ने वकील वीरेंद्र सिंह से पूछा कि क्या आप इन आरोपों को हटाकर केस की मेरिट पर सुनवाई चाहते हैं. इस पर वकील वीरेंद्र सिंह ने कहा कि नहीं वे आरोपों पर कायम हैं.

उसके बाद सिंगल बेंच ने उन पर कोर्ट की अवमानना का नोटिस जारी करते हुए अवमानना मामले पर सुनवाई करने वाली डिवीजन बेंच को सुनवाई के लिए रेफर कर दिया. उसके बाद कोर्ट ने वकील वीरेंद्र सिंह को अवमानना का दोषी करार देते हुए उन्हें छह महीने की कैद और दो हजार रुपये का जुर्माना लगाने का आदेश दिया.

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