नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में CCTV कैमरा इंस्टॉलेशन और उसकी लाइव स्ट्रीमिंग के विरोध के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए SOP तैयार कर जमा करने के लिए कहा है. दिल्ली हाईकोर्ट के प्रधान न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा व न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ दिल्ली पेरेंट्स एसोसिएशन व गवर्नमेंट स्कूल टीचर्स एसोसिएशन द्वारा दाखिल एक याचिका की सुनवाई कर रही थी, जिसमें स्कूल में सीसीटीवी कैमरे लगाने का विरोध किया गया है.
दिल्ली पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष अपराजिता गौतम का कहना है कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों की क्लासेज में CCTV कैमरा लगाने और उसकी सजीव प्रसारण के विरोध में दर्ज दिल्ली पेरेंट्स एसोसिएशन व गवर्नमेंट स्कूल टीचर्स एसोसिएशन की याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट द्वारा दिल्ली सरकार को अगली सुनवाई तक सीसीटीवी कैमरा की स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर जमा करने के लिए कहा है. अपराजिता गौतम ने बताया की ये साफ होता है कि दिल्ली सरकार शिक्षा विभाग द्वारा पूर्व योजना निर्धारण के बिना या SOP (मानक संचालक प्रक्रिया) अपनाए बिना स्कूलों में बेतरतीब कैमरा लगाए जा रहे हैं और live प्रसारण के लिए पेरेंट्स से परमिशन भी ली जा चुकी है. दिल्ली शिक्षा विभाग द्वारा बिना सोचे-विचारे व बिना योजना बनाए इस प्रकार कैमरों का लगाना और उसकी लाइव स्ट्रीमिंग देना ये बच्चों और टीचर्स के निजता का अधिकार का हनन है.
उन्होंने कहा कि हमें पूरी उम्मीद है सरकार इसपर स्वयं संज्ञान लेगी और बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ और उनके अधिकारों का हनन नहीं करेगी. बता दें कि नवंबर 2022 में हुए एक सुनवाई के दौरान स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे पर दलील दी गई थी कि फैकल्टी की कमी के कारण, एमसीडी स्कूलों में छात्र गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकते हैं. इसी तरह, सुरक्षा गार्डों के रिक्त पदों के कारण, एमसीडी स्कूलों के बच्चे असुरक्षित हैं. विशेष रूप से नाबालिग लड़कियां, क्योंकि स्कूलों में लड़कियों के साथ अभद्रता करने के कई मामले सामने आए हैं.
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