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भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला में हाथरस की प्रसिद्ध हींग छोड़ रही अपनी महक, जानें कहां से होती है निर्यात - दिल्ली ट्रेड फेयर 2023

India International Trade Fair 2023: प्रगति मैदान में चल रहे 42वें अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में अलग-अलग राज्यों की खाने पीने की प्रसिद्ध चीजों की प्रमुख डिमांड देखी जा रही है. अलग-अलग राज्यों की संस्कृति और धरोहर की भी प्रदर्शनी है. वहीं, व्यापार मेले में उत्तर प्रदेश पवेलियन में लगी हाथरस की मशहूर हींग का जायका चारों तरफ छाया है.

हाथरस की प्रसिद्ध हींग
हाथरस की प्रसिद्ध हींग
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 26, 2023, 3:52 PM IST

हाथरस की प्रसिद्ध हींग

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान में 42वां अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला चल रहा है. इस ट्रेड फेयर में अलग-अलग राज्यों की संस्कृति और धरोहर की भी प्रदर्शनी लगाई गई है. इसी कड़ी में भारतीय व्यंजनों का स्वाद बढ़ाने वाली हींग की महक इस व्यापार मेले में खूब महक छोड़ रही है. उत्तर प्रदेश पवेलियन में लगे हाथरस की प्रसिद्ध हींग लोगों को खूब भा रही है. हाथरस की हींग का इतिहास 150 साल पुराना है. करीब 100 से अधिक फैक्ट्रियां इस जिले में सिर्फ हींग की है, यहां की हींग की क्वालिटी और शुद्धता के चर्चे पूरी दुनिया में होती है.

हाथरस की मशहूर हींग का जायका: जैसे ही आप उत्तर प्रदेश के इस पवेलियन में अंदर प्रवेश करेंगे तो आपके अंदर घुसते ही हींग की महक इस स्टॉल की तरफ खींच लेगी. खास बात है कि आप जब भी अपने घर में कोई सब्जी या चटपटा व्यंजन बनाते हैं तो उसमें हींग का तड़का जरूर लगाते हैं. वहीं, ईटीवी भारत से बात करते हुए वर्षा चौधरी ने बताया कि इस पवेलियन में घूमी रही थी कि अचानक हींग महक आने लगी और मैं खुद ही स्टॉल पर आ गई. मेरे दादा और दादी मुझे बताते हैं कि हाथरस की हींग का एक अलग स्वाद है.

वहीं, ट्रेड फेयर में फरीदाबाद से घूमने आए रणजीत सिंह ने कहा कि काफी प्रसिद्ध हींग हाथरस की है. क्वालिटी भी बेहतर रहती है. वैसे तो अलग-अलग कंपनियां भी अपना लेवल लगाकर बेचती है, लेकिन सीधे जब हाथरस की स्टाल लगी है तो इस पर रिंग क्वालिटी अच्छी मिलेगी.

हाथरस की हींग की कहां से होती है निर्यात: इस स्टॉल पर सेल्समैन मनोज बघेल बताते हैं कि हींग एक ऐसी चीज है, जिससे जायके का स्वाद बनती है. इसके अलावा पेट का हाजमा भी ठीक करती है. उन्होंने बताया कि उनका हाथरस में हींग की प्रोसेसिंग का कारोबार है. हालांकि, भारत में हींग की खेती नहीं होती है. इसका कच्चा माल अफगानिस्तान, कजाकिस्तान, इराक आदि देशों से आयात होता है. वहां उगने वाले खास प्रजाति के पौधों से सफेद रंग के तरल पदार्थ रेजिन इकट्ठा किया जाता है. खास तौर पर यह हाथरस में ही प्रोसेसिंग की प्रक्रिया होती है. जबकि निर्यात अरब कंट्री से होती है.

हींग की कीमत 300 से स्टार्ट होती है और 40000 किलो तक की उपलब्ध है. मनोज बघेल का कहना है कि जितनी भी बड़ी-बड़ी कंपनियां हींग बेच रही है वह सिर्फ हाथरस से ही जाती है. खास तौर पर यह हाथरस में ही प्रोसेसिंग की प्रक्रिया होती है. जबकि निर्यात अरब कंट्री से होती है.

हाथरस की प्रसिद्ध हींग

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान में 42वां अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला चल रहा है. इस ट्रेड फेयर में अलग-अलग राज्यों की संस्कृति और धरोहर की भी प्रदर्शनी लगाई गई है. इसी कड़ी में भारतीय व्यंजनों का स्वाद बढ़ाने वाली हींग की महक इस व्यापार मेले में खूब महक छोड़ रही है. उत्तर प्रदेश पवेलियन में लगे हाथरस की प्रसिद्ध हींग लोगों को खूब भा रही है. हाथरस की हींग का इतिहास 150 साल पुराना है. करीब 100 से अधिक फैक्ट्रियां इस जिले में सिर्फ हींग की है, यहां की हींग की क्वालिटी और शुद्धता के चर्चे पूरी दुनिया में होती है.

हाथरस की मशहूर हींग का जायका: जैसे ही आप उत्तर प्रदेश के इस पवेलियन में अंदर प्रवेश करेंगे तो आपके अंदर घुसते ही हींग की महक इस स्टॉल की तरफ खींच लेगी. खास बात है कि आप जब भी अपने घर में कोई सब्जी या चटपटा व्यंजन बनाते हैं तो उसमें हींग का तड़का जरूर लगाते हैं. वहीं, ईटीवी भारत से बात करते हुए वर्षा चौधरी ने बताया कि इस पवेलियन में घूमी रही थी कि अचानक हींग महक आने लगी और मैं खुद ही स्टॉल पर आ गई. मेरे दादा और दादी मुझे बताते हैं कि हाथरस की हींग का एक अलग स्वाद है.

वहीं, ट्रेड फेयर में फरीदाबाद से घूमने आए रणजीत सिंह ने कहा कि काफी प्रसिद्ध हींग हाथरस की है. क्वालिटी भी बेहतर रहती है. वैसे तो अलग-अलग कंपनियां भी अपना लेवल लगाकर बेचती है, लेकिन सीधे जब हाथरस की स्टाल लगी है तो इस पर रिंग क्वालिटी अच्छी मिलेगी.

हाथरस की हींग की कहां से होती है निर्यात: इस स्टॉल पर सेल्समैन मनोज बघेल बताते हैं कि हींग एक ऐसी चीज है, जिससे जायके का स्वाद बनती है. इसके अलावा पेट का हाजमा भी ठीक करती है. उन्होंने बताया कि उनका हाथरस में हींग की प्रोसेसिंग का कारोबार है. हालांकि, भारत में हींग की खेती नहीं होती है. इसका कच्चा माल अफगानिस्तान, कजाकिस्तान, इराक आदि देशों से आयात होता है. वहां उगने वाले खास प्रजाति के पौधों से सफेद रंग के तरल पदार्थ रेजिन इकट्ठा किया जाता है. खास तौर पर यह हाथरस में ही प्रोसेसिंग की प्रक्रिया होती है. जबकि निर्यात अरब कंट्री से होती है.

हींग की कीमत 300 से स्टार्ट होती है और 40000 किलो तक की उपलब्ध है. मनोज बघेल का कहना है कि जितनी भी बड़ी-बड़ी कंपनियां हींग बेच रही है वह सिर्फ हाथरस से ही जाती है. खास तौर पर यह हाथरस में ही प्रोसेसिंग की प्रक्रिया होती है. जबकि निर्यात अरब कंट्री से होती है.

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