नई दिल्लीः मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2023) हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है. सनातन धर्म में मकर संक्रांति के पर्व का विशेष महत्व है. भारत के कई राज्यों में मकर संक्रांति का त्योहार बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर मकर संक्रांति मनाई जाती है. शनि मकर राशि के स्वामी हैं. ऐसी मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन सूर्य भगवान अपने पुत्र के दर्शन के लिए मकर राशि में आते हैं.
मकर संक्रांति का त्योहार 15 जनवरी को मनाया जाएगा. मकर संक्रांति पर दान, दक्षिणा, पवित्र नदी में स्नान, सूर्य को अर्घ्य देने का खासा महत्व है. मकर संक्रांति के दिन तिल से बनी चीजों को दान किया जाता है. मकर संक्रांति पर दान करने से समाज में प्रतिष्ठा बढ़ती है और मान सम्मान मिलता है. मकर संक्रांति के दिन कुछ ऐसे काम है जिन्हें करने से बचना बेहद जरूरी है. इस दिन कई कार्यों की मनाही होती है.
मकर संक्रांति (Makar Sakranti Mistakes)के दिन भूलकर भी इन कामों को करने से बचना चाहिएः
1. तामसिक भोजनः शास्त्रों के मुताबिक मकर संक्रांति के दिन तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए. मांस, प्याज और लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए. इस दिन किसी भी तरह के नशे जैसे शराब, गुटखा, सिगरेट आदि से भी पूर्णता बचना चाहिए. मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन तिल और मूंग की दाल की खिचड़ी का भोजन करना अच्छा माना जाता है.
2. गुस्सा और गलत वाणीः सनातन धर्म प्रत्येक व्यक्ति का सम्मान और उससे प्रेम से व्यवहार करना सिखाता है. विशेष तौर पर मकर संक्रांति के दिन ख्याल रखें कि किसी से गलत वाणी का प्रयोग ना करें. ना ही किसी पर गुस्सा करें. इस दिन अपशब्द का प्रयोग कटनी से पूर्णता बचें.
3. पेड़ो की कटाईः मकर संक्रांति के दिन पेड़ों की कटाई नहीं करनी चाहिए क्योंकि इस दिन पेड़ों की कटाई करना अशुभ माना जाता है. इस दिन तुलसी तोड़ना भी अशुभ बताया गया है.
4. स्नान बिन कुछ ना खाएंः मकर संक्रांति के दिन स्नान का विशेष महत्व है. इस दिन बिना स्नान किए अन्न जल ग्रहण ना करें. मकर संक्रांति पर पवित्र नदी में जाकर स्नान करने का काफी महत्व है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान करना उत्तम माना गया है. यदि किसी कारणवश आप गंगा में स्नान नहीं कर पाते हैं तो घर पर पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान करें.
5. खाली हाथ ना लौट आएंः मकर संक्रांति के दिन दान का विशेष महत्व है. ऐसे में इस दिन आपके घर कोई बुजुर्ग, साधु, कमजोर या असहाय व्यक्ति आता है तो उसे घर की चौखट से खाली हाथ वापस ना लौटाएं. अपने सामर्थ्य के अनुसार दान देकर ही वापस भेजें.
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० मकर संक्रांति शुभ मुहूर्त (Makar Sankranti Mahurat)
- 14 जनवरी 8 बजकर 43 मिनट पर सूर्य का मकर राशि में प्रवेश होगा.
- उदय तिथि के मुताबिक 15 जनवरी रविवार को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा.
- मकर संक्रांति का पुण्यकाल 15 जनवरी रविवार सुबह 6:17 पर शुरू होगा.
- मकर संक्रांति का पुण्यकाल 15 जनवरी रविवार शाम 5 बजकर 55 मिनट तक रहेगा.
- मकर संक्रांति का महापुण्यकाल 15 जनवरी रविवार शाम 5 बजकर 55 मिनट तक रहेगा.
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