नई दिल्ली: दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) ने पावर परचेज एग्रीमेंट कॉस्ट (पीपीएसी) से दिल्ली में बिजली शुल्क बढ़ाने को मंजूरी दी है. इसके बाद अब बॉम्बे सबअर्बन इलेक्ट्रिक सप्लाई (बीएसईएस) क्षेत्रों में इलेक्ट्रिक सप्लाई 10 फीसदी तक महंगी होगी. हालांकि, इस पर अंतिम फैसला दिल्ली सरकार लेगी. इसके बाद दिल्ली में बढ़ती बिजली की दरों को लेकर आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच जुबानी जंग भी शुरू हो गई है. दिल्ली सरकार ने इसका ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ते हुए कहा है कि कोयला महंगा होने की वजह से दिल्ली में बिजली की दरों में बढ़ोतरी हो रही है.
दिल्ली सरकार ने कहा कि इस बढ़ोतरी से उपभोक्ताओं पर सीधा असर नहीं पड़ेगा, लेकिन 200 यूनिट से ऊपर बिजली खर्च होने के बाद बढ़ा हुआ चार्ज देना पड़ेगा. दिल्ली की ऊर्जा मंत्री आतिशी ने कहा कि अगर 200 यूनिट से अधिक बिजली इस्तेमाल करने पर 100 रुपए आ रहा था तो अब उन्हें 108 रुपये देना होगा. इस बारे में लोगों ने कहा कि इससे मकान मालिक किराया बढ़ा देगा और हमें अधिक किराया देना पड़ेगा.
वहीं, विजय कुमार ने कहा कि देश में लगातार महंगाई बढ़ती जा रही है. सिलेंडर हो या तेल, सभी के भाव आसमान छू रहे हैं. केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों ही महंगाई को लेकर काम नहीं कर रहीं. बिजली के दामों के बढ़ने का असर जनता पर पड़ेगा. हम पहले से ही महंगाई की मार चल रहे हैं, अब बिजली बिल अधिक देने के लिए हमें ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ेगी.
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डीईआरसी द्वारा बिजली की दरों में बढ़ोतरी पर दिल्ली सरकार ने भी बयान जारी कर कहा है कि पावर परचेज एग्रीमेंट के तहत बिजली की कीमतें घटती-बढ़ती रहती हैं. इस पर बीजेपी ने कहा कि यह लोग कह रहे हैं कि सर्दियों में बिजली की कीमत कम हो जाती है तो फिर इन लोगों ने बिजली के दाम सर्दियों के दिनों में क्यों नहीं घटाए. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सिर्फ दिल्ली की जनता से झूठ बोल रहे हैं और लोगों को गुमराह करने का काम कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि सरकारें सिर्फ बातें करती है, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं कर रहा है और आज महंगाई काफी बढ़ती जा रही है.
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