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दिल्ली पुलिस ने की बृजभूषण के खिलाफ आरोप तय करने की मांग, पहलवानों के यौन शोषण मामले में दलीलें पूरी - Brij Bhushan Sharan Singh

Women Wrestlers sexual harassment case: महिला पहलवानों के यौन शोषण मामले में दिल्ली पुलिस की दलीलें पूरी हो गईं. पुलिस ने कोर्ट से बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने की मांग की है. सुनवाई की अगली तिथि 20 जनवरी को सुनिश्चित की गई है.

बृजभूषण शरण सिंह
बृजभूषण शरण सिंह
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 6, 2024, 6:13 PM IST

Updated : Jan 6, 2024, 6:46 PM IST

नई दिल्ली: महिला पहलवानों के यौन शोषण मामले में बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने को लेकर दिल्ली पुलिस ने शनिवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में अपनी दलीलें पूरी कर लीं. मामले में अगली सुनवाई 20 जनवरी को होगी. आज सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वकील अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि इस मामले का क्षेत्राधिकार इसी कोर्ट का बनता है. इसके पहले दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण पर आरोप लगाया था कि उसने महिला पहलवानों को धमकाते हुए मुंह बंद रखने को कहा था.

दिल्ली पुलिस ने एक पुरुष पहलवान के बयान का हवाला देते हुए कहा कि इस मामले के सह आरोपी विनोद तोमर के दफ्तर में केवल महिलाओं को ही प्रवेश करने की इजाजत थी. 4 दिसंबर को दिल्ली पुलिस ने कहा था कि अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 188 तभी लागू होगी जब संपूर्ण अपराध भारत के बाहर किया गया हो. इस मामले में अपराध इस अदालत के अधिकार क्षेत्र में भी हुआ है.

दिल्ली पुलिस ने कहा कि अपराध में उद्देश्य की समानता के आधार पर यह तर्क भी स्वीकार्य नहीं किया जा सकता कि यह अपराध एक सतत अपराध नहीं है. जहां तक सजा की अवधि का सवाल है तो तीन साल से अधिक की सजा वाले अपराध के लिए मुकदमा चलाने पर कोई रोक नहीं है. इस मामले मे पांच साल की सजा का प्रावधान है. बता दें, पहले से इस मामले की सुनवाई एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल कर रहे थे. उनके ट्रांसफर होने के बाद इस मामले की सुनवाई अब जज प्रियंका राजपूत नए सिरे से कर रही हैं.

बता दें कि 6 दिसंबर 2023 को दिल्ली पुलिस ने आरोप तय करने के मामले में लिखित दलीलें पेश की थी. 28 नवंबर 2023 को महिला पहलवानों की ओर से लिखित दलीलें दाखिल की गई थी. इस मामले में 22 नवंबर 2023 को आरोपियों बृजभूषण शरण सिंह और विनोद तोमर की ओर से लिखित दलीलें दाखिल की गई थी. पहले की सुनवाई के दौरान बृजभूषण के वकील राजीव मोहन ने कहा था कि टोक्यो, मंगोलिया, बुल्गारिया, जकार्ता, कजाकिस्तान, तुर्की आदि में हुई घटना का क्षेत्राधिकार इस अदालत के पास नहीं है.

ऐसे में मुकदमा चलाने के लिए संबंधित अथॉरिटी से इजाजत लेना होता है. तब कोर्ट ने पूछा था कि क्या कोई ऐसा फैसला है जो ये कहता है कि यौन शोषण लगातार होने वाला ऐसा अपराध है जो अलग-अलग जगहों और समय पर किया गया हो. इस पर दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वकील ने कहा था कि यौन शोषण लगातार होने वाला अपराध है, क्योंकि वह किसी एक जगह नहीं रुका. जब भी आरोपी को मौका मिला उसने उनका यौन शोषण किया.

बता दें कि 7 जुलाई 2023 को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. 15 जून 2023 को दिल्ली पुलिस ने राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था. चार्जशीट में भारतीय दंड संहिता की धारा 354, 354डी, 354ए और 506 (1) के तहत आरोप लगाए गए हैं. दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में बृजभूषण के खिलाफ छह बालिग महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के मामले में चार्जशीट दाखिल किया ‌‌‌था.

नई दिल्ली: महिला पहलवानों के यौन शोषण मामले में बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने को लेकर दिल्ली पुलिस ने शनिवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में अपनी दलीलें पूरी कर लीं. मामले में अगली सुनवाई 20 जनवरी को होगी. आज सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वकील अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि इस मामले का क्षेत्राधिकार इसी कोर्ट का बनता है. इसके पहले दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण पर आरोप लगाया था कि उसने महिला पहलवानों को धमकाते हुए मुंह बंद रखने को कहा था.

दिल्ली पुलिस ने एक पुरुष पहलवान के बयान का हवाला देते हुए कहा कि इस मामले के सह आरोपी विनोद तोमर के दफ्तर में केवल महिलाओं को ही प्रवेश करने की इजाजत थी. 4 दिसंबर को दिल्ली पुलिस ने कहा था कि अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 188 तभी लागू होगी जब संपूर्ण अपराध भारत के बाहर किया गया हो. इस मामले में अपराध इस अदालत के अधिकार क्षेत्र में भी हुआ है.

दिल्ली पुलिस ने कहा कि अपराध में उद्देश्य की समानता के आधार पर यह तर्क भी स्वीकार्य नहीं किया जा सकता कि यह अपराध एक सतत अपराध नहीं है. जहां तक सजा की अवधि का सवाल है तो तीन साल से अधिक की सजा वाले अपराध के लिए मुकदमा चलाने पर कोई रोक नहीं है. इस मामले मे पांच साल की सजा का प्रावधान है. बता दें, पहले से इस मामले की सुनवाई एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल कर रहे थे. उनके ट्रांसफर होने के बाद इस मामले की सुनवाई अब जज प्रियंका राजपूत नए सिरे से कर रही हैं.

बता दें कि 6 दिसंबर 2023 को दिल्ली पुलिस ने आरोप तय करने के मामले में लिखित दलीलें पेश की थी. 28 नवंबर 2023 को महिला पहलवानों की ओर से लिखित दलीलें दाखिल की गई थी. इस मामले में 22 नवंबर 2023 को आरोपियों बृजभूषण शरण सिंह और विनोद तोमर की ओर से लिखित दलीलें दाखिल की गई थी. पहले की सुनवाई के दौरान बृजभूषण के वकील राजीव मोहन ने कहा था कि टोक्यो, मंगोलिया, बुल्गारिया, जकार्ता, कजाकिस्तान, तुर्की आदि में हुई घटना का क्षेत्राधिकार इस अदालत के पास नहीं है.

ऐसे में मुकदमा चलाने के लिए संबंधित अथॉरिटी से इजाजत लेना होता है. तब कोर्ट ने पूछा था कि क्या कोई ऐसा फैसला है जो ये कहता है कि यौन शोषण लगातार होने वाला ऐसा अपराध है जो अलग-अलग जगहों और समय पर किया गया हो. इस पर दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वकील ने कहा था कि यौन शोषण लगातार होने वाला अपराध है, क्योंकि वह किसी एक जगह नहीं रुका. जब भी आरोपी को मौका मिला उसने उनका यौन शोषण किया.

बता दें कि 7 जुलाई 2023 को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. 15 जून 2023 को दिल्ली पुलिस ने राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था. चार्जशीट में भारतीय दंड संहिता की धारा 354, 354डी, 354ए और 506 (1) के तहत आरोप लगाए गए हैं. दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में बृजभूषण के खिलाफ छह बालिग महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के मामले में चार्जशीट दाखिल किया ‌‌‌था.

Last Updated : Jan 6, 2024, 6:46 PM IST
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