नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने शुक्रवार को दिल्ली प्रशासनिक अधीनस्थ सेवा (DASS) के अधिकारी हरीश बजाज को सेवाओं से बर्खास्त कर दिया. बजाज पर फर्जी तरीके से सरकारी और ग्राम सभा की 57 जमीनों और खसरा में आने वाली जमीनों की खरीद-फरोख्त का आरोप था. उसने राजस्व विभाग के जारी निर्देशों का उल्लंघन करते हुए गलत इरादे से 106 दस्तावेजों को अवैध रूप से पंजीकृत किया. इसमें से 57 सरकारी/ग्राम सभा की जमीनों के संबंध में थे.
राज निवास के आधिकारिक बयान में कहा गया है कि बजाज ने एलजी से अपनी अपील में उक्त भूमि को पंजीकृत करने से इनकार नहीं किया था. अपने कदाचार, चूक/कमीशन के समर्थन में उन्होंने तर्क दिया था कि उप-पंजीयक पंजीकरण अधिनियम 1908 के प्रावधानों के तहत अपने कर्तव्यों का पालन करता है. नियम 42 के अनुसार, उप-पंजीयक का 'भूमि के शीर्षक' से कोई लेना-देना नहीं है और एक सब-रजिस्ट्रार संपत्ति को पंजीकृत करने से पहले उसके शीर्षक को सत्यापित करने के लिए बाध्य नहीं है.
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हालांकि, एलजी ने फैसला सुनाया कि बजाज के दावे भ्रामक थे और उन्होंने सरकारी आदेशों और परिपत्रों की घोर अवहेलना की थी. राजस्व विभाग, जीएनसीटीडी के 3 जनवरी, 200 के आदेश के अनुसार, सरकारी भूमि के संबंध में जीपीए सहित हस्तांतरण का कोई नया साधन नहीं है, जिसमें भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894 की धारा 4 और 6 के तहत अधिग्रहीत भूमि और अधिसूचित भूमि शामिल है.
दिल्ली भूमि (हस्तांतरण पर प्रतिबंध) अधिनियम, 1972 के प्रावधानों के अनुपालन के बिना पंजीकृत किया जाएगा. राज निवास ने बयान में कहा कि बजाज ने उपरोक्त प्रावधानों का उल्लंघन किया और सरकारी भूमि से संबंधित 57 दस्तावेजों को सक्षम प्राधिकारी यानी एडीएम (पूर्व) से भूमि की स्थिति रिपोर्ट प्राप्त किए बिना 25 अगस्त 2006 के आदेश के अनुसार पंजीकृत किया.
(एएनआई)
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