ETV Bharat / state

जैस्मीन शाह को हटाने पर राष्ट्रपति करेंगी निर्णय, कोर्ट में दिल्ली LG का जवाब - उपराज्यपाल वीके सक्सेना

DDDC के वाइस चेयरमैन जैस्मीन शाह के हटाने पर राष्ट्रपति निर्णय करेंगीं. दिल्ली हाईकोर्ट में दिए अपने जवाब में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने यह बातें कही. पद के दुरुपयोग करने के आरोप में शाह पर हुई कार्यवाही पर CM अरविंद केजरीवाल और LG आमने सामने हैं.

जैस्मीन शाह
जैस्मीन शाह
author img

By

Published : Dec 13, 2022, 6:16 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन के वाइस चेयरमैन जैस्मीन शाह को हटाने के मामले पर मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान उपराज्यपाल वीके सक्सेना की तरफ से कोर्ट को बताया गया है कि शाह को डीडीसीडी कार्यालय से बाहर करने के संबंध में सीएम और LG के बीच हुए मतभेद के कारण मामले को राष्ट्रपति के पास भेजा गया है.

अदालत को यह भी सूचित किया गया कि अनुच्छेद 239AA के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए LG ने आदेश दिया है कि शाह को कार्यालय में तब तक अनुमति नहीं दी जाएगी जब तक कि राष्ट्रपति इस मुद्दे पर फैसला नहीं लेतीं.

यह भी पढ़ेंः जानें केजरीवाल सरकार में पर्दे के पीछे रहने वाले कौन है जैस्मीन शाह, जिसे LG ने हटाने की सिफारिश की

इससे पहले कोर्ट ने जैस्मीन शाह की याचिका पर सुनवाई करते हुए उपराज्यपाल से पक्ष स्पष्ट करने को कहा था. दिल्ली हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति जसवंत वर्मा की सिंगल बेंच ने उपराज्यपाल के क्षेत्राधिकार और न्यायिक अधिकार की विवेचना करने को कहा. LG के अधिवक्ता से कहा था कि वह एलजी कार्यालय से निर्देश लें। अदालत ने कहा कि इस मामले में एलजी द्वारा प्रयोग की जा सकने वाली शक्ति के दायरे की जांच भी करेगी.

पद के दुरुपयोग का लगा आरोपः दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने जैस्मीन शाह पर पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है. इन आरोपों के आधार पर दिल्ली संवाद एवं विकास आयोग के उपाध्यक्ष पद से हटा दिया था. साथ ही डीडीसीडी के कार्यालय को भी सील करा दिया था. इतना ही नहीं, उनका सरकारी वाहन और स्टाफ भी वापस ले लिया गया है. LG की इस कार्यवाही को शाह की ओर से उनके वकील चिराग मदान ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है. उसमें उपराज्यपाल के निर्णय को गैरकानूनी और असंवैधानिक करार दिया गया है.

यह भी पढ़ेंः बोगतई नरसंहार मामला : मृतक की पत्नी ने सीबीआई पर लगाए गंभीर आरोप, हाईकोर्ट में लगी याचिका

CM ने LG की सिफारिश को मानने से किया है इनकारः इस मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय ने LG की सिफारिश को मानने से इनकार कर दिया है. कहा गया है कि LG केवल लोक सेवकों को निर्देशित कर सकते. जैस्मीन शाह लोक सेवक नहीं है. उन्हें कैबिनेट द्वारा नियुक्त किया गया है. ऐसे में दिल्ली डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन के अध्यक्ष होने के नाते मुख्यमंत्री उन्हें पद पर बनाए रख सकते हैं.

यह भी पढ़ेंः दिल्ली एम्स में मरीजों का ऑनलाइन OPD रजिस्ट्रेशन फिर से शुरू

नई दिल्ली: दिल्ली डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन के वाइस चेयरमैन जैस्मीन शाह को हटाने के मामले पर मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान उपराज्यपाल वीके सक्सेना की तरफ से कोर्ट को बताया गया है कि शाह को डीडीसीडी कार्यालय से बाहर करने के संबंध में सीएम और LG के बीच हुए मतभेद के कारण मामले को राष्ट्रपति के पास भेजा गया है.

अदालत को यह भी सूचित किया गया कि अनुच्छेद 239AA के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए LG ने आदेश दिया है कि शाह को कार्यालय में तब तक अनुमति नहीं दी जाएगी जब तक कि राष्ट्रपति इस मुद्दे पर फैसला नहीं लेतीं.

यह भी पढ़ेंः जानें केजरीवाल सरकार में पर्दे के पीछे रहने वाले कौन है जैस्मीन शाह, जिसे LG ने हटाने की सिफारिश की

इससे पहले कोर्ट ने जैस्मीन शाह की याचिका पर सुनवाई करते हुए उपराज्यपाल से पक्ष स्पष्ट करने को कहा था. दिल्ली हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति जसवंत वर्मा की सिंगल बेंच ने उपराज्यपाल के क्षेत्राधिकार और न्यायिक अधिकार की विवेचना करने को कहा. LG के अधिवक्ता से कहा था कि वह एलजी कार्यालय से निर्देश लें। अदालत ने कहा कि इस मामले में एलजी द्वारा प्रयोग की जा सकने वाली शक्ति के दायरे की जांच भी करेगी.

पद के दुरुपयोग का लगा आरोपः दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने जैस्मीन शाह पर पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है. इन आरोपों के आधार पर दिल्ली संवाद एवं विकास आयोग के उपाध्यक्ष पद से हटा दिया था. साथ ही डीडीसीडी के कार्यालय को भी सील करा दिया था. इतना ही नहीं, उनका सरकारी वाहन और स्टाफ भी वापस ले लिया गया है. LG की इस कार्यवाही को शाह की ओर से उनके वकील चिराग मदान ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है. उसमें उपराज्यपाल के निर्णय को गैरकानूनी और असंवैधानिक करार दिया गया है.

यह भी पढ़ेंः बोगतई नरसंहार मामला : मृतक की पत्नी ने सीबीआई पर लगाए गंभीर आरोप, हाईकोर्ट में लगी याचिका

CM ने LG की सिफारिश को मानने से किया है इनकारः इस मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय ने LG की सिफारिश को मानने से इनकार कर दिया है. कहा गया है कि LG केवल लोक सेवकों को निर्देशित कर सकते. जैस्मीन शाह लोक सेवक नहीं है. उन्हें कैबिनेट द्वारा नियुक्त किया गया है. ऐसे में दिल्ली डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन के अध्यक्ष होने के नाते मुख्यमंत्री उन्हें पद पर बनाए रख सकते हैं.

यह भी पढ़ेंः दिल्ली एम्स में मरीजों का ऑनलाइन OPD रजिस्ट्रेशन फिर से शुरू

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.