नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने ई-कॉमर्स कंपनियों पर बिकने वाले सामानों पर उसके मूल देश, MRP, निर्माता का नाम आदि डिस्प्ले नहीं करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार और ई-कॉमर्स कंपनियों को नोटिस जारी किया है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने 12 मार्च तक जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं.
लीगल मेट्रोलॉजी और उपभोक्ता संरक्षण कानूनों का उल्लंघन
याचिका अजय कुमार सिंह ने दायर की है. याचिकाकर्ता की ओर से वकील राजेश के. पंडित ने कहा कि ई-कॉमर्स कंपनियां लीगल मेट्रोलोजी और उपभोक्ता संरक्षण कानूनों का उल्लंघन कर रही हैं. याचिका में कहा गया है कि ई-कॉमर्स कंपनियों के बढ़ते चलन और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए केंद्र सरकार ने 2017 में लीगल मेट्रोलॉजी (पैकेज्ड कमोडिटी) रूल्स और उपभोक्ता संरक्षण कानून में संशोधन किया. ई-कॉमर्स कंपनियों को ध्यान में रखते हुए ये बदलाव किए गए हैं.
ई-कॉमर्स कंपनियां सामानों पर मूल देश और MRP डिस्प्ले नहीं करतीं
याचिका में कहा गया है कि इन कानूनों में बदलाव कर ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए ये जरूरी किया गया है कि वे अपने यहां बिकने वाले सामानों पर उसके मूल देश, MRP, निर्माता का नाम आदि डिस्प्ले करें ताकि कोई खरीदार खरीदने से पहले उत्पाद के प्रति अपनी राय रख सके. याचिका में कहा गया है कि विभिन्न कंपनियों के ऐप या वेबसाइट पर जाने पर उत्पादों के बारे में ये जानकारियां नहीं मिलीं. ऐसा कर ये कंपनियां सरकारी लीगल मेट्रोलॉजी (पैकेज्ड कमोडिटी) रूल्स और उपभोक्ता संरक्षण कानून का पालन नहीं कर रही हैं. ई-कॉमर्स कंपनियां बिना पूरी जानकारी दिए ही उपभोक्ताओं को सामान बेच रही हैं.