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Delhi Government schools: सरकारी स्कूलों के नए प्रिंसिपल अहमदाबाद में ले रहे जीवन विद्या शिविर में ट्रेनिंग - जीवन विद्या शिविर

दिल्ली के सरकारी स्कूलों के नए प्रिंसिपल अहमदाबाद में जीवन विद्या शिविर में ट्रेनिंग ले रहे हैं. यह ट्रेनिंग सत्र 14 जून तक चलेगा.

सरकारी स्कूलों के नए प्रिंसिपल अहमदाबाद में ले रहे ट्रेनिंग
सरकारी स्कूलों के नए प्रिंसिपल अहमदाबाद में ले रहे ट्रेनिंग
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Published : Jun 8, 2023, 4:46 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के सरकारी स्कूलों के नए प्रिंसिपल अहमदाबाद में स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग द्वारा आयोजित जीवन विद्या शिविर में ट्रेनिंग ले रहे हैं. इस संबंध में शिक्षा विभाग ने बीते दिनों पहले एक नोटिस भी जारी किया था. इसमें कहा गया है कि शिक्षा निदेशालय के नव चयनित प्रधानाध्यापकों के लिए दस दिवसीय आवासीय कार्यक्रम का आयोजन किंग्स विला टाइटेनियम सिटी, अहमदाबाद में किया जा रहा है. यह ट्रेनिंग सत्र 14 जून तक चलेगा. इसके बाद ये प्रतिभागी आईआईएम अहमदाबाद में भी पांच दिनों के एक अन्य प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेंगे. इस कार्यक्रम में करीब 100 नए प्रिंसिपल भाग ले रहे हैं.

सरकारी स्कूलों के नए प्रिंसिपल अहमदाबाद में ले रहे ट्रेनिंग
सरकारी स्कूलों के नए प्रिंसिपल अहमदाबाद में ले रहे ट्रेनिंग

दिल्ली में भी आयोजित होता है कार्यक्रम: दिल्ली के सरकारी में पढ़ाने वाले टीजीटी पीजीटी शिक्षकों के लिए एससीईआरटी समय समय पर पांच दिनों का जीवन विद्या शिविर का आयोजन करती है. शिविर में जीवन जीने के लिए एक नई दिशा प्रदान करता है. कार्यक्रम में बैठे शिक्षकों को जीवन में आने वाली समस्याओं से कैसे लड़ना है सिखाया जाता है. साथ ही अध्यात्म की बातें होती है. इन कार्यक्रमों में अक्सर शिक्षा मंत्री का भी जाना होता है. इस दौरान इस शिविर में यह भी बताया जाता है कि स्कूलों में शिक्षा के स्तर में कैसे और सुधार किया जा सकता है. स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र कैसे अपना जीवन बदल सकते हैं.

यह ट्रेनिंग सत्र 14 जून तक चलेगा.
यह ट्रेनिंग सत्र 14 जून तक चलेगा.

ये भी पढ़ें: GGSIPU Inauguration: कैंपस के उद्घाटन पर LG और सरकार आमने-सामने, जानें पूरा मामला

कार्यक्रम के बारे में क्या कहते हैं शिक्षक: सरकारी स्कूल में कार्यरत शिक्षक संत राम का कहना है कि जीवन विद्या शिविर पूर्ण रूप से आध्यमिता पर निर्भर करता है. यहां सत्संग जैसी गतिविधि होती है और यहां शिक्षकों को बलपूर्वक भेजा जाता है. पहले यह त्यागराज स्टेडियम में होता था. फिर बाहर होने लगा. पहले इस शिविर को लेकर क्रेज था.

उन्होंने कहा कि प्रैक्टिकल जो प्रोब्लम आती हैं वह स्कूलों की दिनचर्या के कामों को देखकर ही आती है. चूंकि यह सरकारी आदेश है इसलिए बलपूर्वक भेजना और भी गलत है. साथ ही धन का व्यर्थ खर्च करना है. जीवन विद्या शिविर महज एक सरकारी कार्यक्रम है, जिसका व्यवहार में कोई विशेष लाभ नहीं है.

ये भी पढ़ें: Jawaharlal Nehru University: छात्रा से छेड़छाड़ के विरोध में ABVP ने किया प्रदर्शन, रात दस बजे के बाद कैंपस में वाहनों के प्रवेश पर रोक

नई दिल्ली: दिल्ली के सरकारी स्कूलों के नए प्रिंसिपल अहमदाबाद में स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग द्वारा आयोजित जीवन विद्या शिविर में ट्रेनिंग ले रहे हैं. इस संबंध में शिक्षा विभाग ने बीते दिनों पहले एक नोटिस भी जारी किया था. इसमें कहा गया है कि शिक्षा निदेशालय के नव चयनित प्रधानाध्यापकों के लिए दस दिवसीय आवासीय कार्यक्रम का आयोजन किंग्स विला टाइटेनियम सिटी, अहमदाबाद में किया जा रहा है. यह ट्रेनिंग सत्र 14 जून तक चलेगा. इसके बाद ये प्रतिभागी आईआईएम अहमदाबाद में भी पांच दिनों के एक अन्य प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेंगे. इस कार्यक्रम में करीब 100 नए प्रिंसिपल भाग ले रहे हैं.

सरकारी स्कूलों के नए प्रिंसिपल अहमदाबाद में ले रहे ट्रेनिंग
सरकारी स्कूलों के नए प्रिंसिपल अहमदाबाद में ले रहे ट्रेनिंग

दिल्ली में भी आयोजित होता है कार्यक्रम: दिल्ली के सरकारी में पढ़ाने वाले टीजीटी पीजीटी शिक्षकों के लिए एससीईआरटी समय समय पर पांच दिनों का जीवन विद्या शिविर का आयोजन करती है. शिविर में जीवन जीने के लिए एक नई दिशा प्रदान करता है. कार्यक्रम में बैठे शिक्षकों को जीवन में आने वाली समस्याओं से कैसे लड़ना है सिखाया जाता है. साथ ही अध्यात्म की बातें होती है. इन कार्यक्रमों में अक्सर शिक्षा मंत्री का भी जाना होता है. इस दौरान इस शिविर में यह भी बताया जाता है कि स्कूलों में शिक्षा के स्तर में कैसे और सुधार किया जा सकता है. स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र कैसे अपना जीवन बदल सकते हैं.

यह ट्रेनिंग सत्र 14 जून तक चलेगा.
यह ट्रेनिंग सत्र 14 जून तक चलेगा.

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कार्यक्रम के बारे में क्या कहते हैं शिक्षक: सरकारी स्कूल में कार्यरत शिक्षक संत राम का कहना है कि जीवन विद्या शिविर पूर्ण रूप से आध्यमिता पर निर्भर करता है. यहां सत्संग जैसी गतिविधि होती है और यहां शिक्षकों को बलपूर्वक भेजा जाता है. पहले यह त्यागराज स्टेडियम में होता था. फिर बाहर होने लगा. पहले इस शिविर को लेकर क्रेज था.

उन्होंने कहा कि प्रैक्टिकल जो प्रोब्लम आती हैं वह स्कूलों की दिनचर्या के कामों को देखकर ही आती है. चूंकि यह सरकारी आदेश है इसलिए बलपूर्वक भेजना और भी गलत है. साथ ही धन का व्यर्थ खर्च करना है. जीवन विद्या शिविर महज एक सरकारी कार्यक्रम है, जिसका व्यवहार में कोई विशेष लाभ नहीं है.

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