नई दिल्ली: क्राइम ब्रांच की नारकोटिक्स सेल ने हेरोइन की तस्करी करने वाले एक शातिर शख्स को गिरफ्तार किया है. आरोपी जावेद उर्फ सुलेमानी दिखावे के लिए चूड़ी बेचता था, लेकिन इसकी आड़ में बुराड़ी, वजीराबाद और रोहिणी में ड्रग्स की सप्लाई करता था. आरोपी के पास से एक किलो हेरोइन बरामद हुई है, जिसकी कीमत लगभग डेढ़ करोड़ रुपये बताई गई है. आरोपी ने पुलिस से बचने के लिए अपनी दो पत्नियों को अलग-अलग जगह रखा हुआ था. इन जगह का इस्तेमाल वह छिपने के लिए करता था. आरोपी 2017 से पैरोल लेकर फरार चल रहा था.
डीसीपी राकेश पवारिया के अनुसार ड्रग्स को लेकर नारकोटिक्स सेल की टीम लगातार काम कर रही थी. हाल ही में उन्होंने बिशन सिंह उर्फ अनिल गोयल को गिरफ्तार कर उसके पास से 2.5 किलो हेरोइन बरामद की थी. पूछताछ के दौरान उसने बताया था कि वह सुलेमानी से हेरोइन लेता है. उसका वास्तविक नाम कोई नहीं जानता. वह नाम बदलकर लोगों से मिलता है. इस जानकारी पर इंस्पेक्टर राम मनोहर की देखरेख में एसआई अरविंद, एएसआई सुधीर और अब्दुल की टीम उसकी तलाश कर रही थी.
वजीराबाद से पकड़ा गया सुलेमानी
पुलिस टीम की कड़ी मेहनत रंग लाई और उन्हें सुलेमानी का सुराग मिल गया. झरोदा गांव के पास से छापा मारकर पुलिस टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया.वह स्कूटी पर किसी व्यक्ति को हेरोइन सप्लाई करने जा रहा था. पुलिस ने उसके पास से एक किलो हेरोइन बरामद कर ली. इस बाबत नारकोटिक्स सेल ने एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है. आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसका वास्तविक नाम जावेद है. लेकिन वह लोगों से कभी सोनू तो कभी सुलेमानी बनकर डील करता था.
1999 से कर रहा ड्रग्स का धंधा
आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह फिरोजाबाद का रहने वाला है. वह पहले फिरोजाबाद में ही चूड़ियां बेचता था. कारोबार को बढ़ाने के लिए वह दिल्ली आ गया और खजूरी इलाके में रहने लगा. उसकी मकान मालकिन हेरोइन की तस्करी कर काफी रुपये कमाती थी. वर्ष 1999 में वह भी हेरोइन की तस्करी करने लगा. उसी समय उसने शादी कर ली. सबसे पहले 2002 में उसे ड्रग्स के साथ गिरफ्तार किया गया था. 2006 में वह जेल से बाहर निकला और दूसरी शादी की. कुछ माह बाद वह एक बार फिर हेरोइन तस्करी करने लगा. वह कभी वजीराबाद तो कभी चांद बाग में रहने वाली पत्नी के घर पर छिपता था.
बेटी की शादी के लिए मिली थी पैरोल
वर्ष 2015 में उसे क्राइम ब्रांच ने एक किलो हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया था. जेल में उसकी मुलाकात बिशन उर्फ अनिल गोयल से हुई. वर्ष 2017 में वह बेटी की शादी के लिए पैरोल लेकर जेल से निकला और फरार हो गया. इस मामले में अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था. फिलहाल वह यूपी से ड्रग्स लाकर उसे दिल्ली के विभिन्न इलाकों में सप्लाई करता था. उसके काम मे बिशन सिंह भी सहयोग करता था.
पुलिस से बचने के लिए बेचता था चूड़ी
पैरोल जम्प करने के बाद जावेद ने अपना मोबाइल नंबर बदल लिया था. इधर-उधर जाना कम कर दिया और आम लोगों से मिलना भी बंद कर दिया. हालांकि इस समय भी वह बिशन सिंह के संपर्क में था. पुलिस से बचने के लिए दोनों अलग-अलग तरह से हेरोइन की तस्करी करते थे. जावेद अलग-अलग इलाकों में चूड़ी बेचता था ताकि किसी को उस पर शक न हो. लेकिन इसके बावजूद पुलिस टीम उसे गिरफ्तार करने में कामयाब रही.