नई दिल्ली : दिल्ली आबकारी नीति (Delhi Excise Policy scam) मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपी विजय नायर और अभिषेक बोईंपल्ली की जमानत याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई. राउज एवेन्यू (Rouse Avenue Court) स्थित विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया. सीबीआई के वकील ने अदालत को बताया कि विजय नायर इस मामले में मिडल मैन की भूमिका में रहे हैं. ये लगातार मीटिंग में उपस्थित रहे हैं. इनके कई चैट ऐसे हैं जिससे साफ पता चलता है कि इनकी भूमिका रही है. अगर अभी इस स्टेट पर जमानत देने का मतलब है जांच में प्रभाव पड़ेगा.
इसके जवाब में विजय नायर की वकील रेबेका जॉन ने कहा कि मैं कोई पब्लिक सर्वेंट नही हूं, 43 दिन से मैं जेल में हूं. मेरा लीगल राइट है जमानत लेना. शराब नीति मामले में अभिषेक बोईनपल्ली और विजय नायर की जमानत याचिका पर 14 नवंबर को फैसला आएगा. दोनों पक्षो की जिरह सुनने के बाद कोर्ट ने 14 नवंबर यानी सोमवार की तारीख दी. बता दें 17 अगस्त को सिसोदिया समेत 15 लोगों के खिलाफ सीबीआई ने FIR दर्ज की थी.
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इस एफआईआर में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, आबकारी आयुक्त अर्व गोपी कृष्ण, आबकारी उपायुक्त आनंद तिवारी, सहायक आयुक्त पंकज भटनागर, विजय नईर (पूर्व सीईओ, मेसर्स ओनली मच लाउडर), मनोज राय (पूर्व कर्मचारी), अमनदीप ढल (निदेशक, मैसर्स ब्रिंडको सेल्स प्रा. लिमिटेड), समीर महेंद्रू (प्रबंध निदेशक, इंडोस्पिरिट ग्रुप), अमित अरोड़ा (निदेशक, मैसर्स बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड), बुद्धि रिटेल प्रा. लि., दिनेश अरोड़ा, महादेव लिकर, सनी मारवाह, अरुण रामचंद्र पिल्लई और अर्जुन पांडेय को नामजद किया गया है.
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