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DDA से लोगों का मोह भंग! 3 आवासीय योजनाएं लगातार रही फ्लॉप, ड्रॉ की तारीख तय नहीं - delhi development authority

डीडीए द्वारा निकाले जाने वाली आवासीय योजना को लेकर सवाल उठने लगे हैं. 2019 आवासीय योजना में आवेदन की तारीख को खत्म होने के बाद अभी तक इसके ड्रा की तारीख तय नहीं हो सकी है.

डीडीए द्वारा निकाले जाने वाली आवासीय योजना पर उठे सवाल
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Published : Jul 8, 2019, 5:22 PM IST

नई दिल्ली: डीडीए की पिछली तीन आवासीय योजनाएं लगातार फ्लॉप रही हैं. लोगों ने बहुत कम संख्या में इन आवासीय योजनाओं में आवेदन किया और बड़ी संख्या में फ्लैट लौटाए.

इसके चलते अब डीडीए द्वारा निकाले जाने वाली आवासीय योजना को लेकर सवाल उठने लगे हैं. आलम यह है कि 2019 आवासीय योजना में आवेदन की तारीख को खत्म हुए एक माह बीतने को है लेकिन अभी तक इसके ड्रा की तारीख तय नहीं हो सकी है.

डीडीए द्वारा निकाले जाने वाली आवासीय योजना पर उठे सवाल

11 लाख लोगों ने किया था आवेदन
जानकारी के अनुसार डीडीए ने वर्ष 2014 में 25 हजार फ्लैटों की आवासीय योजना निकाली थी. इस आवासीय योजना में लगभग 11 लाख लोगों ने आवेदन किया था. लेकिन नरेला और रोहिणी में जाकर लोगों ने जब एलआइजी फ्लैट देखे तो इसके साइज को लेकर वह असंतुष्ट दिखें.

इसकी वजह से लगभग 11 हजार लोगों ने इस आवासीय योजना में मिले फ्लैटों को डीडीए को लौटा दिया था. यह पहली बार था जब इतनी बड़ी संख्या में डीडीए को लोगों ने फ्लैट लौटा दिए.

2017 की आवासीय योजना भी रही फ्लॉप
वर्ष 2014 की आवासीय योजना के बाद डीडीए ने वर्ष 2017 में एक बार फिर आवासीय योजना निकाली. इस बार 12 हजार फ्लैट निकाले गए, जिनमें से 11 हजार फ्लैट 2014 की आवासीय योजना में लौटाए गए फ्लैट थे.

इस आवासीय योजना में मुश्किल से 50 हजार लोगों ने आवेदन किया जिसमें से 12 हजार लोगों को ड्रा में फ्लैट मिल गए. लेकिन इस बार भी लोगों में फ्लैट के साइज को लेकर असंतोष दिखा और छह हजार लोगों ने फ्लैट लौटा दिए. यह दूसरी बार था जब डीडीए को इस तरह से फ्लैट लौटाए गए.

तीसरी योजना पर भी असर
डीडीए की साल 2014 और 2017 आवासीय योजना का असर एक बार फिर हाल ही में निकाली गई 18 हजार फ्लैटों की आवासीय योजना पर भी देखने को मिला. इस बार फ्लैट के साइज छोटे नहीं थे, लेकिन इसके बावजूद केवल 50 हजार आवेदन ही डीडीए को मिले.

लोगों का कहना है कि जहां एक तरफ नरेला में मौजूद फ्लैटों की लोकेशन बेहद खराब है तो वहीं वसंत कुंज में बने फ्लैटों की कीमत बहुत ज्यादा है. इस वजह से लोगों ने इस आवासीय योजना में आवेदन करने से परहेज किया.

ड्रा को लेकर असमंजस बरकरार
इस बार की आवासीय योजना को लेकर आए अधिकांश आवेदन वसंत कुंज के दो हजार फ्लैटों के लिए हैं. वहीं नरेला के 16 हजार फ्लैटों के लिए बहुत कम संख्या में आवेदन आये हैं.

यही वजह है कि डीडीए तय नहीं कर पा रहा कि इस आवासीय योजना का ड्रा किस तरह से निकाला जाए. इसके चलते अभी तक ड्रा के लिए तारीख तय नहीं हो सकी है.

नई दिल्ली: डीडीए की पिछली तीन आवासीय योजनाएं लगातार फ्लॉप रही हैं. लोगों ने बहुत कम संख्या में इन आवासीय योजनाओं में आवेदन किया और बड़ी संख्या में फ्लैट लौटाए.

इसके चलते अब डीडीए द्वारा निकाले जाने वाली आवासीय योजना को लेकर सवाल उठने लगे हैं. आलम यह है कि 2019 आवासीय योजना में आवेदन की तारीख को खत्म हुए एक माह बीतने को है लेकिन अभी तक इसके ड्रा की तारीख तय नहीं हो सकी है.

डीडीए द्वारा निकाले जाने वाली आवासीय योजना पर उठे सवाल

11 लाख लोगों ने किया था आवेदन
जानकारी के अनुसार डीडीए ने वर्ष 2014 में 25 हजार फ्लैटों की आवासीय योजना निकाली थी. इस आवासीय योजना में लगभग 11 लाख लोगों ने आवेदन किया था. लेकिन नरेला और रोहिणी में जाकर लोगों ने जब एलआइजी फ्लैट देखे तो इसके साइज को लेकर वह असंतुष्ट दिखें.

इसकी वजह से लगभग 11 हजार लोगों ने इस आवासीय योजना में मिले फ्लैटों को डीडीए को लौटा दिया था. यह पहली बार था जब इतनी बड़ी संख्या में डीडीए को लोगों ने फ्लैट लौटा दिए.

2017 की आवासीय योजना भी रही फ्लॉप
वर्ष 2014 की आवासीय योजना के बाद डीडीए ने वर्ष 2017 में एक बार फिर आवासीय योजना निकाली. इस बार 12 हजार फ्लैट निकाले गए, जिनमें से 11 हजार फ्लैट 2014 की आवासीय योजना में लौटाए गए फ्लैट थे.

इस आवासीय योजना में मुश्किल से 50 हजार लोगों ने आवेदन किया जिसमें से 12 हजार लोगों को ड्रा में फ्लैट मिल गए. लेकिन इस बार भी लोगों में फ्लैट के साइज को लेकर असंतोष दिखा और छह हजार लोगों ने फ्लैट लौटा दिए. यह दूसरी बार था जब डीडीए को इस तरह से फ्लैट लौटाए गए.

तीसरी योजना पर भी असर
डीडीए की साल 2014 और 2017 आवासीय योजना का असर एक बार फिर हाल ही में निकाली गई 18 हजार फ्लैटों की आवासीय योजना पर भी देखने को मिला. इस बार फ्लैट के साइज छोटे नहीं थे, लेकिन इसके बावजूद केवल 50 हजार आवेदन ही डीडीए को मिले.

लोगों का कहना है कि जहां एक तरफ नरेला में मौजूद फ्लैटों की लोकेशन बेहद खराब है तो वहीं वसंत कुंज में बने फ्लैटों की कीमत बहुत ज्यादा है. इस वजह से लोगों ने इस आवासीय योजना में आवेदन करने से परहेज किया.

ड्रा को लेकर असमंजस बरकरार
इस बार की आवासीय योजना को लेकर आए अधिकांश आवेदन वसंत कुंज के दो हजार फ्लैटों के लिए हैं. वहीं नरेला के 16 हजार फ्लैटों के लिए बहुत कम संख्या में आवेदन आये हैं.

यही वजह है कि डीडीए तय नहीं कर पा रहा कि इस आवासीय योजना का ड्रा किस तरह से निकाला जाए. इसके चलते अभी तक ड्रा के लिए तारीख तय नहीं हो सकी है.

Intro:नई दिल्ली
डीडीए की पिछली तीन आवासीय योजना लगातार फ्लॉप रही हैं. लोगों ने बहुत कम संख्या में इन आवासीय योजना में आवेदन किया और बड़ी संख्या में फ्लैट लौटाए गए. इसके चलते अब डीडीए द्वारा निकाले जाने वाली आवासीय योजना को लेकर सवाल उठने लगे हैं. आलम यह है कि 2019 आवासीय योजना में आवेदन को खत्म हुए एक माह बीतने को है लेकिन अभी तक इसके ड्रा की तारीख तय नहीं हो सकी है.


Body:जानकारी के अनुसार डीडीए ने वर्ष 2014 में 25 हजार फ्लैटों की आवासीय योजना निकाली थी. इस आवासीय योजना में लगभग 11 लाख लोगों ने आवेदन किया था. लेकिन नरेला और रोहिणी में जाकर लोगों ने जब एलआइजी फ्लैट देखें तो इसके साइज को लेकर वह असंतुष्ट दिखे. इसकी वजह से लगभग 11 हजार लोगों ने इस आवासीय योजना में मिले फ्लैटों को डीडीए को लौटा दिया था. यह पहली बार था जब इतनी बड़ी संख्या में डीडीए को लोगों ने फ्लैट लौटा दिए.


वर्ष 2017 की आवासीय योजना भी रही फ्लॉप
वर्ष 2014 की आवासीय योजना के बाद डीडीए ने वर्ष 2017 में एक बार फिर आवासीय योजना निकाली. इस बार 12 हजार फ्लैट निकाले गए जिनमें से 11 हजार फ्लैट 2014 की आवासीय योजना में लौटाए गए फ्लैट थे. इस आवासीय योजना में मुश्किल से 50 हजार लोगों ने आवेदन किया जिसमें से 12 हजार लोगों को ड्रा में फ्लैट मिल गए. लेकिन इस बार भी लोगों में फ्लैट के साइज को लेकर असंतोष दिखा और छह हजार लोगों ने फ्लैट लौटा दिये. यह दूसरी बार था जब डीडीए को इस तरह से फ्लैट लौटाए गए.



दोनों आवासीय योजनाओं का तीसरे पर दिखा असर
डीडीए की वर्ष 2014 और 2017 आवासीय योजना का असर हाल ही में निकाली गई 18 हजार फ्लैटों की आवासीय योजना पर भी देखने को मिला. इस बार फ्लैट के साइज छोटे नहीं थे, लेकिन इसके बावजूद केवल 50 हजार आवेदन ही डीडीए को मिले. लोगों का कहना है कि जहां एक तरफ नरेला में मौजूद फ्लैटों की लोकेशन बेहद खराब है तो वहीं वसंत कुंज में बने फ्लैटों की कीमत बहुत ज्यादा है. इस वजह से लोगों ने इस आवासीय योजना में आवेदन करने से परहेज किया.


Conclusion:ड्रा को लेकर असमंजस बरकरार
इस बार की आवासीय योजना को लेकर आये अधिकांश आवेदन वसंत कुंज के दो हजार फ्लैटों के लिए हैं. वहीं नरेला के 16 हजार फ्लैटों के लिए बहुत कम संख्या में आवेदन आये हैं. यही वजह है कि डीडीए तय नहीं कर पा रहा कि इस आवासीय योजना का ड्रा किस तरह से निकाला जाए. इसके चलते अभी तक ड्रा के लिए तारीख तय नहीं हो सकी है.
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