नई दिल्ली/नोएडा: देशभर में साइबर क्राइम की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. लोग लगातार ठगी के शिकार हो रहे हैं. इसी कड़ी में नोएडा के विभिन्न साइबर थाना क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के साथ लाखों रुपए की ठगी की गई है. सभी मामलों में मंगलवार, 28 मार्च को साइबर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है. बहरहाल, ऐसे में हम आपको साइबर क्राइम से बचने के लिए कुछ तरीकों के बारे में बता रहे हैं. अगर आप ये सीख लेते है तो यकीन मानिए आपके साथ साइबर क्राइम नहीं हो सकता है. आइए जानते हैं साइबर ठगी का शिकार होने पर और इससे बचने के लिए क्या करें.
ठगी के बाद सबसे पहले करें ये काम:
- साइबर ठगी होने पर तुरंत 1930 नंबर पर कॉल करें. 1930 नंबर गृह मंत्रालय के साइबर क्राइम पोर्टल का सेंट्रलाइज नंबर है, जो पूरे देशभर में लागू है.
- गृह मंत्रालय के साइबर क्राइम पोर्टल cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें.
- ठगी के तुरंत बाद अपने बैंक को पूरी घटना की जानकारी दें और खाते को ब्लॉक करा दें.
- ठगी की शिकायत नजदीकी पुलिस स्टेशन में दर्ज कराएं.
- शिकायत दर्ज कराते समय बैंक पासबुक रिकॉर्ड की कॉपी, आईडी और एड्रेस प्रूफ की कॉपी पुलिस स्टेशन में जमा करनी होगी.
इन बातों का रखें ख्याल:
- समय-समय पर अपनी Gmail/Email id का पासवर्ड बदलते रहें.
- लॉगिन यूजरनेम और पासवर्ड किसी से भी साझा न करें.
- अनजान मैसेज लिंक या मोबाइल पर आए नोटिफिकेशन पर बिना जानकारी क्लिक ना करें.
- मनी ट्रांसफर एप जैसे Phone Pay, Google Pay, SBI नेटबैंकिंग व अन्य जो भी आप उपयोग करते हो काम होने खत्म होने पर तुरंत बंद कर दें.
- क्रेडिट, डेबिट कार्ड का नंबर, मोबाइल ओटीपी/ ओटीपी किसी से भी साझा ने करें
ठगी का पहला मामला: पहला मामला नोएडा के सेक्टर-72 सुपरटेक केपटाउन निवासी युवती से घर बैठे नौकरी के नाम पर 12 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है. पीड़िता दिव्या यादव ने बताया कि पांच जनवरी को टेलीग्राम पर उनके पास एक मैसेज आया, उसमे घर बैठे नौकरी की बात लिखी थी. दोनों के बीच काफी बातचीत हुई, जिसके बाद उन्हें एक लिंक भेजा गया. युवती को झांसे में लेकर ठगों ने एक ग्रुप में भी जोड़ लिया. ग्रुप में लोग ज्यादा पैसे मिलने की बातें कर रहे थे, तो युवती ने भी उनका विश्वास कर लिया और उनके कहे अनुसार पैसे उनके खाते में डालती रही. हर बार ठग उन्हें सुपर रेटिंग का हवाला देकर ज्यादा से ज्यादा पैसे डलवाते रहे. जब कई बार उनके पास पैसे नहीं आए, तो ठगों ने पीड़िता से 1.83 लाख रुपये भेजने के लिए कहा.
युवती के काफी पैसे इस तरह ठगों के पास जा चुके थे, तो उन्होंने 1.83 रुपये लाख ट्रांसफर कर दिए. इसके बाद फिर ठगों ने उनसे 4 लाख रुपये मांगे, न देने पर पूरा पैसा मारने की बात कहीं. युवती ने उनके कहे अनुसार चार लाख रुपये भी भेज दिए. इस तरह युवती ठगों के खाते में 12 लाख पांच हजार से अधिक रुपये भेज चुकी थी. अब ठगों ने भी उसका नंबर ब्लॉक कर दिया. साइबर थाना पुलिस ने मामले में रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
ठगी का दूसरा मामला: साइबर ठगों ने मंगलवार को बिजली कनेक्शन काटने का डर दिखाकर एक रिटायर्ड अधिकारी के खाते से 27 लाख रुपये की ठगी कर ली. पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. सेक्टर-39 निवासी एक रिटायर्ड अधिकारी ने बताया कि छह मार्च को उनके मोबाइल पर मैसेज आया. मैसेज में लिखा था कि उनका पिछले महीने का बिजली बिल जमा नहीं है. अगर 24 घंटे में वह बिल जमा नहीं करते हैं तो उनका कनेक्शन काट दिया जाएगा. उन्हें ऑनलाइन बिल अपडेट करने के लिए एक लिंक भेजा गया. लिंक पर क्लिक करते ही उनके मोबाइल पर एक एप डाउनलोड हो गया. इसके बाद पीड़ित ने उस नंबर पर कॉल किया और बताया कि उनके सभी बिजली बिल जमा हैं, जिसके बाद ठगों ने उन्हें कहा कि उनका 11 रुपये बिल शेष हैं, वह एप पर जाकर 11 रुपये यूपीआई के जरिए जमा करा दें.
ठगों के झांसे में आकर जैसे ही उन्होंने एप के माध्यम से अपनी डिटेल्स डाली तो उनका मोबाइल हैंग हो गया और थोड़ी देर में ही उनके दो खातों से 27 लाख रुपये निकाल लिए गए. ट्रांजेक्शन का मैसेज आते ही उन्होंने बैंक में कॉल किया और खाता सीज करने की मांग की. सेक्टर-39 पुलिस ने मामले में रिपोर्ट दर्ज कराकर जांच शुरू कर दी है. वहीं, मामले में पुलिस ने पीड़ित को आश्वासन दिया है कि उन्होंने 10 प्रतिशत धनराशि रिकवर कर ली है. जल्द ही ठगों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
ठगी का तीसरा मामला: तीसरा मामला एक युवती का मोबाइल हैक कर 21,357 रुपये की ठगी करने का हैं. नोएडा के सेक्टर-29 की मोनिका गुप्ता ने बताया कि 18 फरवरी को उनका मोबाइल अचानक हैक हो गया. करीब एक घंटे बाद उनके मोबाइल पर खाते से पैसे निकालने का मैसेज आया, जबकि उन्होंने इतने पैसों की कोई शॉपिंग नहीं की. पीड़िता ने बताया कि उन्हें नहीं पता कि यह ट्रांजेक्शन कैसे हुई है. सेक्टर-20 पुलिस ने मामले में रिपोर्ट दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है.
ठगी का चौथा मामला: चौथा मामला किराए पर फ्लैट दिलाने के नाम पर युवती से 54 हजार रुपये की ठगी का है. सेक्टर-53 निवासी नेहा पुरोहित ने बताया कि उन्होंने कुछ दिन पूर्व एक वेबसाइट पर किराये पर फ्लैट के लिए संपर्क किया. उन्हें एक व्यक्ति ने कॉल किया और खुद को सेक्टर-62 सर्जन अपार्टमेंट में फ्लैट ऑनर बताया. ठगों ने युवती से टोकन मनी के तौर पर 1500 रुपये पेटीएम कराए. इसके बाद स्टेट्स पेंडिंग बताने के नाम पर युवती से अलग-अलग पैमेंट कराई. इस दौरान ठगों ने उसे झांसे में लेकर कुल 54 हजार 636 रुपये की ठगी कर ली.
ठगी का पांचवा मामला: पांचवां मामला नोएडा के सेक्टर-110 महर्षि विश्वविद्यालय प्रबंधन से 83.33 लाख रुपये की धोखाधड़ी का सामने आया है. विश्वविद्यालय के फाईनेंस ऑफिसर वरुण कुमार श्रीवास्तव ने मामले में दो महिला समेत पांच लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है. बताया जाता है कि आरोपी को विश्वविद्यालय में सॉफ्टवेयर संबंधी कार्यों के लिए भुगतान किया गया था. उनके साथ जिन कार्यों का एग्रीमेंट हुआ. आरोपी वह कार्य नहीं कर सके और विश्वविद्यालय प्रबंधन ने पूरा पैसा ले लिया.
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नोएडा में 5 लोगों के साथ ठगी के मामले में ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर कानून व्यवस्था रविशंकर छवि ने बताया कि साइबर ठगी के मामले में लोगों को ध्यान देना चाहिए. अनजान किसी भी नंबर पर बात ना करें और ना ही किसी भी लिंक को क्लिक करें, जब तक पूरी जानकारी न हो जाए. उन्होंने कहा कि सभी मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. मामले की जांच की जा रही है और जल्द आरोपियों को पकड़ कर मामलों का खुलासा किया जाएगा.
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