नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (डीएसएसएसबी) को निर्देश दिया है कि वो कड़ा या कृपाण पहनकर परीक्षा में शामिल होने की इच्छा रखनेवालों को पूर्व में नोटिस दें, ताकि वे रिपोर्टिंग टाइम से एक घंटा पहले पहुंच सकें.
ये भी पढ़ें-82 जेल अधिकारियों पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार, जानिए क्या कहता है कानून
जस्टिस रेखा पल्ली की अध्यक्षता वाली बेंच ने अपने आदेश में कहा कि न केवल डीएसएसएसबी बल्कि परीक्षा लेने वाली दूसरी एजेंसियां भी इस संबंध में पर्याप्त इंतजाम करें. हाईकोर्ट ने यह आदेश एक सिख महिला को कड़ा पहनकर डीएसएसएसबी की परीक्षा में शामिल होने से रोकने के मामले के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वकील कपिल मदान और गुरमुख सिंह ने कहा कि डीएसएसएसबी की ओर से याचिकाकर्ता को परीक्षा देने से रोकना मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है. ऐसा करना संविधान की धारा 35 के तहत सिख धर्म को मानने की आजादी का भी उल्लंघन है.
यह था मामलाः याचिकाकर्ता ने पीजीटी की परीक्षा के लिए आवेदन किया था, उसकी परीक्षा जुलाई 2021 में हुई थी. एडमिट कार्ड पर मिले समय के आधार पर याचिकाकर्ता समय से पहले पहुंची थी. लेकिन उसे यह कहकर परीक्षा में शामिल नहीं होने दिया गया कि उसने कड़ा पहन रखा है. याचिकाकर्ता से कहा गया कि जब तक वो अपना कड़ा नहीं उतारेगी उसे परीक्षा में शामिल नहीं होने दिया जाएगा.
सुनवाई के दौरान डीएसएसएसबी ने कहा कि उन सभी सिख अभ्यर्थियों को जिन्होंने कड़ा या कृपाण पहना था और रिपोर्टिंग टाइम के एक घंटा पहले पहुंचे थे, उन्हें परीक्षा में शामिल होने की इजाजत दी गई थी. ऐसे में याचिकाकर्ता का ये दावा गलत है कि उसे सिख धर्म को मानने से रोका जा रहा है. इस पर कोर्ट ने आपत्ति जताई और कहा कि डीएसएसएसबी को ऐसा नहीं करना चाहिए. याचिकाकर्ता ने कहा कि अगर उसे उम्र-सीमा की छूट के साथ परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी जाती है तो वो शामिल हो सकती है. इस पर कोर्ट ने डीएसएसएसबी को निर्देश लेकर सूचित करने का निर्देश दिया.