नई दिल्ली: राजधानी में एमसीडी के चुनाव को लेकर सियासी पारा गरमाया हुआ है. शुक्रवार शाम 5 बजे एमसीडी चुनाव के लिए प्रचार आधिकारिक तौर पर समाप्त हो गया. वहीं इस बीच दिल्ली में आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर एक बड़ा मामला सामने आ रहा है. आज दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के द्वारा आचार संहिता और नियमों का उल्लंघन (violation of code of conduct by Arvind Kejriwal) कर एक कार्यक्रम के दौरान योगा शिक्षकों को बड़ी संख्या में चेक डिस्ट्रिब्यूट किए गए. इसको लेकर बकायदा राज्य चुनाव आयोग का नई दिल्ली डिस्ट्रिक्ट के डीएम को भेजा गया नोटिस भी अब सामने आया.
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दरअसल शुक्रवार को सुबह कॉन्स्टिट्यूशन ऑफ क्लब ऑफ इंडिया में करीब 11 बजे दिल्ली सरकार के द्वारा दिल्ली की योगशाला, योग प्रशिक्षकों को सम्मान राशि का वितरण के नाम से कार्यक्रम आयोजित किया गया था. कार्यक्रम के अंदर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के द्वारा गैर सरकारी संगठन की सहायता से दिल्ली में योगशाला कार्यक्रम के तहत लोगों को योगा सिखाने वाले प्रशिक्षकों को मुख्यमंत्री द्वारा चेक वितरित किए गए, जो दिल्ली में चुनाव के समय में लगाई गई आचार संहिता का बड़ा उल्लंघन है.
इस मामले को लेकर बकायदा चुनाव आयोग के द्वारा नई दिल्ली डिस्ट्रिक्ट के डीएम को बकायदा एक पत्र भी लिखा गया है. पत्र में साफ तौर पर कहा है कि इस कार्यक्रम को लेकर किसी भी तरह की कोई परमिशन, राज्य चुनाव आयोग के द्वारा नहीं दी गई थी. साथ ही पत्र में कार्यक्रम को तुरंत प्रभाव से रोकने को लेकर नई दिल्ली डिस्ट्रिक्ट के डीएम को निर्देश दिए गए थे. इसके बावजूद कार्यक्रम को नहीं रोका गया और उसमें चेक वितरित भी किए गए. राज्य चुनाव आयोग द्वारा नई दिल्ली डिस्ट्रिक्ट की टीम को आचार संहिता के नियमों के उल्लंघन को लेकर तुरंत प्रभाव से कार्रवाई करते हुए पूरी रिपोर्ट आज ही सबमिट करने को कहा गया है.
पूरे मामले को लेकर बीजेपी के एमसीडी चुनाव प्रबंधक और वरिष्ठ नेता आशीष सूद ने बीजेपी का पक्ष रखते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के द्वारा आज खुलेआम कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन किया गया है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने विदेशी एनजीओ से आए हुए पैसे को चेक के माध्यम से बांटने का काम किया है. मामले की शिकायत चुनाव आयोग की गई थी, जिसको चुनाव आयोग ने संज्ञान लेकर नई दिल्ली के डीएम को पत्र भी भेजा. चुनाव आयोग के द्वारा तुरंत प्रभाव से कार्यक्रम को रोकने के आदेश दिए गए थे लेकिन अराजक प्रवृत्ति के मुख्यमंत्री ने अपने कार्यक्रम को नहीं रोका.
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