बता दें कि सरकार ने उच्चतम न्यायालय में स्पेशल लीव पिटीशन दायर की थी कि विश्वविद्यालयों में आरक्षण का रोस्टर यूनिवर्सिटी को एक इकाई मानते हुए लागू हो जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था.
संवैधानिक आरक्षण का फायदा दिया जाना चाहिए
एबीवीपी का कहना है कि संवैधानिक आरक्षण का फायदा दिया जाना चाहिए. किसी भी स्थिति में हाशिए के वर्ग के लोगों के लिए अवसरों में कमी नहीं होनी चाहिए. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने कहा है कि समिति में संबंधित तबके के लोगों का प्रतिनिधित्व हो और जो कि 1 महीने के भीतर इस समस्या का समाधान करें.
'नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द पूरी होनी चाहिए'
विद्यार्थी परिषद ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह भी किया है कि वे अपने फैसले के बाद की स्थिति पर भी गौर करें. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महासचिव आशीष चौहान ने कहा कि शिक्षकों की भर्ती में हाशिए के वर्ग के लोगों के अधिकारों को बचाने के लिए उचित परिवर्तन किया जाना चाहिए और संविधान में जिस आरक्षण की बात की गई है उसे लागू किया जाना चाहिए. एवीबीपी ने मांग की है कि शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द पूरी की जानी चाहिए.