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26 सांसदों सहित 459 लोग कांग्रेस मार्च से हिरासत में लिए गए, नहीं हुआ दुर्व्यवहार - congress news Delhi

सोमवार को कांग्रेस नेताओं द्वारा निकाले गए मार्च के दौरान 26 सांसद सहित 459 लोगों को दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया. इनमें से महिलाओं को पुलिस ने छोड़ दिया. वहीं सभी सांसद, पांच एमएलए एवं अन्य नेताओं को फिलहाल हिरासत में रखा गया है. इनके खिलाफ धारा 144 तोड़ने के चलते एक्शन लिया जाएगा.

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Published : Jun 14, 2022, 8:01 AM IST

नई दिल्ली: सोमवार को कांग्रेस नेताओं द्वारा निकाले गए मार्च के दौरान 26 सांसद सहित 459 लोगों को दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया. इनमें से महिलाओं को पुलिस ने छोड़ दिया. वहीं सभी सांसद, 5 एमएलए एवं अन्य नेताओं को फिलहाल हिरासत में रखा गया है. इनके खिलाफ धारा 144 तोड़ने के चलते एक्शन लिया जाएगा.

विशेष आयुक्त सागर प्रीत हुड्डा के अनुसार 12 जून को ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सचिव की तरफ से नई दिल्ली डीसीपी को सत्याग्रह कार्यक्रम के लिए अनुमति देने का मांग की गई थी. अकबर रोड पर यह सत्याग्रह करने की बात की गई थी. यह सत्याग्रह राहुल गांधी द्वारा ईडी की पूछताछ के विरोध में की जा रही थी. 13 जून की सुबह 11 बजे नई दिल्ली जिला पुलिस ने उन्हें इसकी अनुमति देने से इंकार कर दिया था. लेकिन ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के दफ्तर में 100 वरिष्ठ नेताओं और कर्मचारियों के प्रवेश की अनुमति दी गई थी. उन्हें अकबर रोड और मौलाना आजाद रोड होते हुए जाने की अनुमति दी गई थी. उनकी सूची पहले ही मांगी गई थी.

पुलिस को आशंका थी कि बड़ी संख्या में यहां पर लोग आ सकते हैं. इस जगह पर बीते मई महीने से धारा 144 लगी हुई है. ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सचिव की तरफ से यह साफ किया गया था कि कोई भी वीआईपी प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर की तरफ नहीं जाएगा. लेकिन जैसे ही राहुल गांधी ने 24 अकबर रोड से प्रवर्तन निदेशालय जाना शुरू किया, कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता उनके साथ जाने लगे. लोकसभा के 15 सांसद जिनमें अधीर रंजन चौधरी और राज्यसभा के 11 सदस्य जिनमें केसी वेणुगोपाल, मल्लिकार्जुन खड़गे और अलग-अलग राज्यों से आए पांच एमएलए सहित 459 लोगों को नई दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया.

हिरासत में ली गई महिला प्रदर्शनकारियों को पुलिस द्वारा छोड़ दिया गया. वहीं सांसदों और विधायकों को हिरासत में लेने की जानकारी संबंधित प्राधिकरण को दे दी गई है. सागर प्रीत हुड्डा के अनुसार कुछ शिकायतें मिली हैं जिसमें कांग्रेस के नेताओं एवं कर्मचारियों को चोट लगने की बात कही जा रही है. लेकिन पुलिस की तरफ से कोई बल का प्रयोग नहीं किया गया है. इन मामलों में किसी प्रकार की एमएलसी नहीं बनी है. अगर इस तरह की बात सामने आती है तो उसे लेकर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

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नई दिल्ली: सोमवार को कांग्रेस नेताओं द्वारा निकाले गए मार्च के दौरान 26 सांसद सहित 459 लोगों को दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया. इनमें से महिलाओं को पुलिस ने छोड़ दिया. वहीं सभी सांसद, 5 एमएलए एवं अन्य नेताओं को फिलहाल हिरासत में रखा गया है. इनके खिलाफ धारा 144 तोड़ने के चलते एक्शन लिया जाएगा.

विशेष आयुक्त सागर प्रीत हुड्डा के अनुसार 12 जून को ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सचिव की तरफ से नई दिल्ली डीसीपी को सत्याग्रह कार्यक्रम के लिए अनुमति देने का मांग की गई थी. अकबर रोड पर यह सत्याग्रह करने की बात की गई थी. यह सत्याग्रह राहुल गांधी द्वारा ईडी की पूछताछ के विरोध में की जा रही थी. 13 जून की सुबह 11 बजे नई दिल्ली जिला पुलिस ने उन्हें इसकी अनुमति देने से इंकार कर दिया था. लेकिन ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के दफ्तर में 100 वरिष्ठ नेताओं और कर्मचारियों के प्रवेश की अनुमति दी गई थी. उन्हें अकबर रोड और मौलाना आजाद रोड होते हुए जाने की अनुमति दी गई थी. उनकी सूची पहले ही मांगी गई थी.

पुलिस को आशंका थी कि बड़ी संख्या में यहां पर लोग आ सकते हैं. इस जगह पर बीते मई महीने से धारा 144 लगी हुई है. ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सचिव की तरफ से यह साफ किया गया था कि कोई भी वीआईपी प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर की तरफ नहीं जाएगा. लेकिन जैसे ही राहुल गांधी ने 24 अकबर रोड से प्रवर्तन निदेशालय जाना शुरू किया, कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता उनके साथ जाने लगे. लोकसभा के 15 सांसद जिनमें अधीर रंजन चौधरी और राज्यसभा के 11 सदस्य जिनमें केसी वेणुगोपाल, मल्लिकार्जुन खड़गे और अलग-अलग राज्यों से आए पांच एमएलए सहित 459 लोगों को नई दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया.

हिरासत में ली गई महिला प्रदर्शनकारियों को पुलिस द्वारा छोड़ दिया गया. वहीं सांसदों और विधायकों को हिरासत में लेने की जानकारी संबंधित प्राधिकरण को दे दी गई है. सागर प्रीत हुड्डा के अनुसार कुछ शिकायतें मिली हैं जिसमें कांग्रेस के नेताओं एवं कर्मचारियों को चोट लगने की बात कही जा रही है. लेकिन पुलिस की तरफ से कोई बल का प्रयोग नहीं किया गया है. इन मामलों में किसी प्रकार की एमएलसी नहीं बनी है. अगर इस तरह की बात सामने आती है तो उसे लेकर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

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