नई दिल्ली: शाहदरा जिला के कस्तूरबा नगर में डीडीए ने सड़क की जमीन पर बने अवैध मकानों को पूरी तरीके से ध्वस्त कर दिया है. इससे पहले 22 मई को डीडीए की तरफ से कार्रवाई की गई थी, लेकिन कोर्ट से एक हफ्ते का स्टे मिलने के बाद डीडीए ने कार्रवाई स्थगित कर दी थी. स्टे की समय सीमा समाप्त होने के बाद बुधवार सुबह एक बार फिर भारी संख्या में पुलिस बल की मौजूदगी में डीडीए की टीम पहुंची और बाकी बचे मकानों, झुग्गी झोपड़ी और अवैध कब्जे को हटा दिया.
कार्रवाई के मद्देनजर कस्तूरबा नगर में धारा 144 लगा दिया गया था. साथ ही जगह-जगह पर बैरिकेडिंग कर पुलिस बल के अलावा अर्द्धसैनिक बल को भी तैनात किया गया था. बताया जा रहा है कि जिन मकानों पर बुलडोजर चला कर ध्वस्त किया गया है, वह मकान सड़क की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर बनाया गया हैं. अब सड़क को बनाया जाना है, जिसकी वजह से जमीन को खाली कराया जा रहा है.
वहीं, पीड़ित परिवार ने बताया कि वह लोग दशकों से इस जमीन पर मकान बना कर रह रहे हैं. उनकी कई पीढ़ियां यहां रह चुकी है, लेकिन अब इस जमीन को सरकारी बता कर उन्हें बेघर कर दिया गया है. उनके लिए न तो रहने की कोई व्यवस्था की गई है और न ही उन्हें मुआवजा दिया गया है. इस भीषण गर्मी में वह लोग खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर है.
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कुछ पीड़ित परिवार ने बताया कि वह लोग बंटवारे के समय पाकिस्तान से आकर यहां रह रहे थे, लेकिन अब उन्हें बेघर कर दिया गया है. लोगों का आरोप है कि उन्होंने स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी गुहार लगाई, लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन मिल रहा है. उनकी सुनने वाला कोई नहीं है. वह लोग परिवार के साथ सड़क पर रहने को मजबूर है.
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