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Waterlogging In Delhi: जलभराव के कारण 39 प्रतिशत लोगों के वर्किंग आवर्स का हुआ नुकसान, सर्वे में आया सामने - local circle survey

दिल्ली एनसीआर में बाढ़ और बारिश के चलते कई जगहों पर भीषण जलभराव देखा गया था. अब इसे लेकर एक सर्वे किया गया है, जिसमें यह सामने आया है कि जलभराव के कारण लोगों के वर्किंग आवर्स का नुकसान हुआ. इसके अलावा सर्वे में अन्य बातें भी सामने आई. पढ़ें पूरी खबर..

working hours of delhi ncr people affected
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Published : Jul 31, 2023, 6:22 PM IST

Updated : Aug 1, 2023, 8:04 AM IST

नई दिल्ली: यमुना नदी में बीते दिनों बाढ़ आने के चलते दिल्ली एनसीआर के सभी शहरों के लोग किसी न किसी रूप से प्रभावित हुए. यमुना नदी के किनारे रह रहे लोगों को बाढ़ की वजह से परेशानी हुई, तो वहीं सड़कों पर हुए जलभराव से लोगों को आवागमन में समस्या हुई. साथ ही उनके समय का भी नुकसान हुआ. इन सभी समस्याओं को लेकर कम्युनिटी सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'लोकल सर्किल' द्वारा जुलाई महीने में किए गए सर्वे में दिल्ली-एनसीआर के लोगों ने जलभराव के कारण अपनी-अपनी समस्याएं बताई.

सर्वे में 39 प्रतिशत लोगों ने बताया कि जलभराव के कारण जुलाई महीने में उनके वर्किंग आवर्स (काम के घंटे) का नुकसान हुआ. इसमें दिल्ली, नोएडा, फरीदाबाद और गुरुग्राम के लोगों से ऑनलाइन बातचीत करके उनकी राय जानी गई. सर्वे में आठ हजार 746 लोगों से बात की गई. इसमें 61 प्रतिशत पुरुष और 39 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं. इसके निष्कर्ष के आधार पर यह सामने आया कि एनसीआर के 10 लोगों में से 7 लोगों को जलभराव के कारण किसी न किसी समस्या से जूझना पड़ा. कुछ लोगों ने यह भी बताया कि जलभराव के कारण उनके वाहनों में भी खराबी आई, जिससे उनका खर्चा बढ़ गया. लोकल सर्किल द्वारा लोगों से दो अलग-अलग सवाल पूछे गए, जिसके लोगों ने अलग-अलग जवाब दिए. इसी के आधार पर सर्वे रिपोर्ट तैयार की गई.

लोगों से पूछे गए सवाल पर मिले ये जवाब
लोगों से पूछे गए सवाल पर मिले ये जवाब

यात्रा का बढ़ा समय: दरअसल जुलाई के दूसरे सप्ताह में हुई तेज बारिश के कारण यमुना के जलस्तर में हुई लगातार बढ़ोतरी से दिल्ली में बाढ़ आ गई थी. इससे सड़कों पर पानी भर गया था, जिसके चलते कई रास्तों को बंद करना पड़ा था. वहीं बारिश के चलते भी जलभराव की समस्या देखी गई, जिससे लोगों को दूसरे रास्तों का भी इस्तेमाल करना पड़ा था. इसके कारण उनकी यात्रा का समय बढ़ गया था. साथ ही लोगों को और भी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा था.

दिल्ली एनसीआर में देखा गया था भीषण जलजमाव
दिल्ली एनसीआर में देखा गया था भीषण जलजमाव

रोज है आना जाना: बता दें कि प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग दिल्ली से गुरुग्राम और गुरुग्राम से दिल्ली नौकरी या व्यवसायिक कारणों से आते-जाते हैं. लेकिन बारिश के दिनों में जलभराव के चलते लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. राजधानी में केवल एक घंटे की बारिश से ही जलभराव हो जाता है कि, जिससे ट्रैफिक जाम होता है.

यह भी पढ़ें-Yamuna Flood: अलीपुर में यमुना में नहाने गए तीन बच्चे डूबे, 24 घंटे बाद भी तलाशी नहीं, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

बाढ़ से चारों ओर हाहाकार: सन् 1978 में दिल्ली में आई बाढ़ के करीब 45 साल बाद दिल्ली में ऐसा हुआ जब लोगों को बाढ़ की स्थिति का सामना करना पड़ा. इस बार बाढ़ का पानी लाल किला, सिविल लाइंस और राजघाट तक भर गया था, जिसे निकालने में सिविक एजेंसियों को तीन से चार दिन का समय लगा. वहीं दूसरी तरफ यमुना नदी का पानी हिंडन नदी में जाने से गाजियाबाद और नोएडा की भी कई सड़कों पर जलभराव हो गया, जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.

यह भी पढ़ें-ग्रेटर नोएडा: आश्रय स्थलों में प्रशासन की व्यवस्था से लोग खुश नहीं, सुविधाएं बढ़ाने की मांग

नई दिल्ली: यमुना नदी में बीते दिनों बाढ़ आने के चलते दिल्ली एनसीआर के सभी शहरों के लोग किसी न किसी रूप से प्रभावित हुए. यमुना नदी के किनारे रह रहे लोगों को बाढ़ की वजह से परेशानी हुई, तो वहीं सड़कों पर हुए जलभराव से लोगों को आवागमन में समस्या हुई. साथ ही उनके समय का भी नुकसान हुआ. इन सभी समस्याओं को लेकर कम्युनिटी सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'लोकल सर्किल' द्वारा जुलाई महीने में किए गए सर्वे में दिल्ली-एनसीआर के लोगों ने जलभराव के कारण अपनी-अपनी समस्याएं बताई.

सर्वे में 39 प्रतिशत लोगों ने बताया कि जलभराव के कारण जुलाई महीने में उनके वर्किंग आवर्स (काम के घंटे) का नुकसान हुआ. इसमें दिल्ली, नोएडा, फरीदाबाद और गुरुग्राम के लोगों से ऑनलाइन बातचीत करके उनकी राय जानी गई. सर्वे में आठ हजार 746 लोगों से बात की गई. इसमें 61 प्रतिशत पुरुष और 39 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं. इसके निष्कर्ष के आधार पर यह सामने आया कि एनसीआर के 10 लोगों में से 7 लोगों को जलभराव के कारण किसी न किसी समस्या से जूझना पड़ा. कुछ लोगों ने यह भी बताया कि जलभराव के कारण उनके वाहनों में भी खराबी आई, जिससे उनका खर्चा बढ़ गया. लोकल सर्किल द्वारा लोगों से दो अलग-अलग सवाल पूछे गए, जिसके लोगों ने अलग-अलग जवाब दिए. इसी के आधार पर सर्वे रिपोर्ट तैयार की गई.

लोगों से पूछे गए सवाल पर मिले ये जवाब
लोगों से पूछे गए सवाल पर मिले ये जवाब

यात्रा का बढ़ा समय: दरअसल जुलाई के दूसरे सप्ताह में हुई तेज बारिश के कारण यमुना के जलस्तर में हुई लगातार बढ़ोतरी से दिल्ली में बाढ़ आ गई थी. इससे सड़कों पर पानी भर गया था, जिसके चलते कई रास्तों को बंद करना पड़ा था. वहीं बारिश के चलते भी जलभराव की समस्या देखी गई, जिससे लोगों को दूसरे रास्तों का भी इस्तेमाल करना पड़ा था. इसके कारण उनकी यात्रा का समय बढ़ गया था. साथ ही लोगों को और भी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा था.

दिल्ली एनसीआर में देखा गया था भीषण जलजमाव
दिल्ली एनसीआर में देखा गया था भीषण जलजमाव

रोज है आना जाना: बता दें कि प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग दिल्ली से गुरुग्राम और गुरुग्राम से दिल्ली नौकरी या व्यवसायिक कारणों से आते-जाते हैं. लेकिन बारिश के दिनों में जलभराव के चलते लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. राजधानी में केवल एक घंटे की बारिश से ही जलभराव हो जाता है कि, जिससे ट्रैफिक जाम होता है.

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बाढ़ से चारों ओर हाहाकार: सन् 1978 में दिल्ली में आई बाढ़ के करीब 45 साल बाद दिल्ली में ऐसा हुआ जब लोगों को बाढ़ की स्थिति का सामना करना पड़ा. इस बार बाढ़ का पानी लाल किला, सिविल लाइंस और राजघाट तक भर गया था, जिसे निकालने में सिविक एजेंसियों को तीन से चार दिन का समय लगा. वहीं दूसरी तरफ यमुना नदी का पानी हिंडन नदी में जाने से गाजियाबाद और नोएडा की भी कई सड़कों पर जलभराव हो गया, जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.

यह भी पढ़ें-ग्रेटर नोएडा: आश्रय स्थलों में प्रशासन की व्यवस्था से लोग खुश नहीं, सुविधाएं बढ़ाने की मांग

Last Updated : Aug 1, 2023, 8:04 AM IST
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