नई दिल्ली: राजधानी की अहम शाही ईदगाह कसाब पुरी की स्थिति पिछले दिनों से काफी खराब है जबकि ये ऐतिहासिक ईदगाह माना जाता है. इस ईदगाह को साफ और गंदगी से मुक्त होना चाहिए था बजाय उसके यहां सभी सुविधाएं होनी चाहिए थी.
दिल्ली वक्फ बोर्ड ने नहीं देखा ईदगाह का हाल
ऐतिहासिक ईदगाह है मगर अफसोस यहां ये है की कमेटी और दिल्ली वक्फ बोर्ड ने इसकी बर्बादी और खस्ता हाली के सिवा कुछ नहीं किया.
क्या कहते हैं आसपास के लोग-
ईटीवी भारत को यहां के लोगों ने बताया कि-
ईदगाह के आसपास के पार्क काफी गंदे रहते है जहां कई हजार टन मलबा पड़ा हुआ है. इतना ही नहीं ईदगाह के अंदर गंदगी का ढेर लगा हुआ है.
प्रशासन की लापरवाही से है ईदगाह की ऐसी स्थिति
इलाक़े के लोगों ने बताया कि प्रशासन की लापरवाही के चलते ईदगाह की सारी बाउंड्री और सीढ़ियां टूटी हुई है. वहीं ईदगाह के आसपास असामाजिक तत्वों का ग्रुप हमेशा रहता है. हमारी पुलिस से मांग है कि यहां पर एक पुलिस चौकी बनाई जाए. इलाके के नुमाइंदों से कई बार शिकायत की मगर अफसोस उनके कानों के नीचे जूं तक नहीं रेंगी.
ईदगाह की समस्याओं को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में मुकदमा
स्टेट एजुकेशन के सेक्रेटरी जनरल मोहम्मद इस्माइल ने दिल्ली हाईकोर्ट में शाही ईदगाह में हो रही बहुत सी समस्याओं को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में एक मुकदमा दर्ज किया है जिसमें दिल्ली पुलिस, दिल्ली वक्फ बोर्ड और डीडीए को पार्टी बनाया है. उन्होंने अफसोस के साथ बताया कि जो ईदगाह का हाल होना चाहिए वे नहीं हो रहा है.
लावारिस लग रही है ईदगाह
राजधानी में होते हुए भी ये ईदगाह लावारिस की तरह पड़ी हुई है. इस्माइल ने नाराजगी के साथ बताया कि यहां पर दिल्ली पुलिस और कमेटी की लापरवाही नजर आती है जिसकी वजह से ईदगाह कूड़े का ढेर बनती जा रही है.
आसपास के मैदान पर क़ब्ज़ाधारियो ने अतिक्रमण किया
350 सालों तक शाही ईदगाह का और उसके मैदान की अच्छी तरह से देखरेख की गई थी मगर कुछ सालों में आसपास के मैदान पर अवैध कब्जा धारियों द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया.