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अनधिकृत कॉलोनियों की रजिस्ट्री पर दिल्ली वाले खुश, कहा- ज़मीनी स्तर पर हो बदलाव

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर घोषणा की कि सभी कच्ची कॉलोनियों जल्द ही कच्ची कॉलोनी की रजिस्ट्री की जाएगी. जिसके बाद सरकार के फैसले पर लोगों ने खुशी जताई है.

अनधिकृत कॉलोनियों की रजिस्ट्री etv bharat
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Published : Jul 18, 2019, 6:27 PM IST

नई दिल्ली: चुनाव से पहले सीएम केजरीवाल ने दिल्ली वासियों को तोहफा दिया है. मुख्यमंत्री केजरीवाल ने सचिवालय में आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर घोषणा की कि दिल्ली की 1,797 कच्ची कॉलोनियों को रेगुलराइज कर दिया जाएगा.

अनधिकृत कॉलोनियों की रजिस्ट्री पर जनता की राय

इसे लेकर केंद्र की तरफ से भी पॉजिटिव रिस्पॉन्स आया है. केजरीवाल की घोषणा के बाद ईटीवी भारत की टीम दिल्ली की एक कच्ची कॉलोनी पहुंची और वहां के लोगों से मिलकर प्रतिक्रिया ली.

लोगों को मिलेगा उनका मालिकाना हक
अरविंद केजरीवाल ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि 2 नवंबर 2015 को दिल्ली कैबिनेट ने एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजा था, कल शाम केंद्र की तरफ से उस पर पॉजिटिव रिस्पॉन्स आया है. केंद्र ने इसे लेकर कुछ सवालों के जवाब मांगे हैं.

जिस पर केजरीवाल ने बताया कि हमने अधिकारियों के साथ बैठक की है, ताकि केंद्र के मुताबिक जवाब तैयार करके भेज सकें और जल्द से जल्द दिल्ली के लोगों को उनके घरों का मालिकाना हक मिल सके.

फैसले से लोग खुश
सरकार की घोषणा के बाद हमने पहाड़गंज की कच्ची कॉलोनी में रह रहे लोगों से बातचीत की, तो बहुत सारे लोगों ने इसे लेकर खुशी जताई. कई लोग जो यहां पर 20 साल 25 साल से रह रहे हैं, उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि अब हमें हमारे घर का, हमारी जमीन का मालिकाना हक मिल जाएगा, लेकिन साथ ही लोगों की बहुत सारी शिकायतें भी थीं.

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान केजरीवाल ने कहा कि कच्ची कॉलोनियों के विकास के लिए हमारी सरकार 35 सौ करोड़ खर्च कर चुकी है. 25 सौ करोड़ लगाकर हम पानी की लाइन डाल रहे हैं. पहली बार कुल मिलाकर छह हजार करोड़ रुपए कच्ची कॉलोनियों पर खर्च किए जा रहे हैं.

फैसले के बाद जब ईटीवी भारत लोगों से प्रतिक्रिया लेने पहुंची तो लोगों ने सरकार से नाराज़गी जताई और कहा कि बारिश के बाद इन से निकलना भी मुश्किल हो जाता है. हर तरफ कूड़े बिखरे पड़े रहते हैं. भले ही अनऑथराइज्ड कॉलोनियां ऑथोराइज़्ड हो जाए, लेकिन आज इसका क्या फायदा, जब हम ऐसी गंदगी में ऐसी बदतर स्थिति में रहने को मजबूर हैं.

नई दिल्ली: चुनाव से पहले सीएम केजरीवाल ने दिल्ली वासियों को तोहफा दिया है. मुख्यमंत्री केजरीवाल ने सचिवालय में आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर घोषणा की कि दिल्ली की 1,797 कच्ची कॉलोनियों को रेगुलराइज कर दिया जाएगा.

अनधिकृत कॉलोनियों की रजिस्ट्री पर जनता की राय

इसे लेकर केंद्र की तरफ से भी पॉजिटिव रिस्पॉन्स आया है. केजरीवाल की घोषणा के बाद ईटीवी भारत की टीम दिल्ली की एक कच्ची कॉलोनी पहुंची और वहां के लोगों से मिलकर प्रतिक्रिया ली.

लोगों को मिलेगा उनका मालिकाना हक
अरविंद केजरीवाल ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि 2 नवंबर 2015 को दिल्ली कैबिनेट ने एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजा था, कल शाम केंद्र की तरफ से उस पर पॉजिटिव रिस्पॉन्स आया है. केंद्र ने इसे लेकर कुछ सवालों के जवाब मांगे हैं.

जिस पर केजरीवाल ने बताया कि हमने अधिकारियों के साथ बैठक की है, ताकि केंद्र के मुताबिक जवाब तैयार करके भेज सकें और जल्द से जल्द दिल्ली के लोगों को उनके घरों का मालिकाना हक मिल सके.

फैसले से लोग खुश
सरकार की घोषणा के बाद हमने पहाड़गंज की कच्ची कॉलोनी में रह रहे लोगों से बातचीत की, तो बहुत सारे लोगों ने इसे लेकर खुशी जताई. कई लोग जो यहां पर 20 साल 25 साल से रह रहे हैं, उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि अब हमें हमारे घर का, हमारी जमीन का मालिकाना हक मिल जाएगा, लेकिन साथ ही लोगों की बहुत सारी शिकायतें भी थीं.

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान केजरीवाल ने कहा कि कच्ची कॉलोनियों के विकास के लिए हमारी सरकार 35 सौ करोड़ खर्च कर चुकी है. 25 सौ करोड़ लगाकर हम पानी की लाइन डाल रहे हैं. पहली बार कुल मिलाकर छह हजार करोड़ रुपए कच्ची कॉलोनियों पर खर्च किए जा रहे हैं.

फैसले के बाद जब ईटीवी भारत लोगों से प्रतिक्रिया लेने पहुंची तो लोगों ने सरकार से नाराज़गी जताई और कहा कि बारिश के बाद इन से निकलना भी मुश्किल हो जाता है. हर तरफ कूड़े बिखरे पड़े रहते हैं. भले ही अनऑथराइज्ड कॉलोनियां ऑथोराइज़्ड हो जाए, लेकिन आज इसका क्या फायदा, जब हम ऐसी गंदगी में ऐसी बदतर स्थिति में रहने को मजबूर हैं.

Intro:दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सचिवालय में आज प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान घोषणा की कि दिल्ली की 1797 कच्ची कॉलोनियों को अब रेगुलराइज कर दिया जाएगा. इसे लेकर केंद्र की तरफ से पॉजिटिव रिस्पॉन्स आया है. केजरीवाल की घोषणा के बाद ईटीवी भारत की टीम दिल्ली की एक कच्ची कॉलोनी पहुंची और वहां के लोगों से इसे लेकर प्रतिक्रिया ली.


Body:नई दिल्ली: अरविंद केजरीवाल ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि 2 नवंबर 2015 को दिल्ली कैबिनेट ने इसे लेकर एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजा था और कल शाम केंद्र की तरफ से उस पर पॉजिटिव रिस्पॉन्स आया है. केंद्र ने इसे लेकर कुछ सवालों के जवाब मांगे हैं, जिस पर केजरीवाल ने बताया कि हमने अधिकारियों के साथ बैठक की है, ताकि केंद्र के मुताबिक जवाब तैयार करके भेज सकें और जल्द से जल्द दिल्ली के लोगों को उनके घरों का मालिकाना हक मिल सके.

केजरीवाल की घोषणा को लेकर जब हमने पहाड़गंज स्थित कच्ची कॉलोनी तालाब वाली गली के लोगों से बातचीत की, तो बहुत सारे लोगों ने इसे लेकर खुशी जताई. कई लोग जो यहां पर 20 साल 25 साल से रह रहे हैं, उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि अब हमें हमारे घर का, हमारी जमीन का मालिकाना हक मिल जाएगा,।लेकिन साथ ही लोगों की बहुत सारी शिकायतें भी थीं.

इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अरविंद केजरीवाल ने यह भी कहा था कि कच्ची कॉलोनियों के विकास के लिए हमारी सरकार 35 सौ करोड़ खर्च कर चुकी है, 25 सौ करोड़ लगाकर हम पानी की लाइन डाल रहे हैं, पहली बार कुल मिलाकर छह हजार करोड़ रुपए कच्ची कॉलोनियों पर खर्च हो रहे हैं, लेकिन इस फैसले को लेकर लोगों से प्रतिक्रिया लेने के क्रम में हमें ऐसी शिकायतें सुनने को मिलीं और ऐसे हकीकत दिखे, जो अरविंद केजरीवाल के दावों को खारिज करते हैं.

यहां गलियों की हालत बिल्कुल बदतर थी. बारिश के बाद इन से निकलना भी मुश्किल जान पड़ता था. कूड़े बिखरे पड़े थे और लोगों की शिकायतें यही थीं कि कागजों में जो भी फैसला हो, भले ही अनऑथराइज्ड कॉलोनियां ऑथोराइज़्ड हो जाए, लेकिन आज इसका क्या फायदा, जब हम ऐसी गंदगी में ऐसी बदतर स्थिति में रहने को मजबूर हैं.


Conclusion:केजरीवाल ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि दिल्ली की कच्ची कॉलोनियों में रहने वाले लोगों के लिए आज बड़ा दिन है और आज उन्हें जश्न मनाना चाहिए, लेकिन इस कच्ची कॉलोनी की हकीकत और यहां के लोगों की व्यथा कथा बताती है कि वे जश्न नहीं जद्दोजहद वाली स्थिति में हैं.
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