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गिरफ्तार हो सकते हैं चिदंबरम, INX मामले में HC ने खारिज की अग्रिम जमानत याचिका

सुनवाई के दौरान सीबाआई और ईडी ने कोर्ट से कहा था कि आईएनएक्स मीडिया मामले में जांच के लिए पी. चिदंबरम से पूछताछ के लिए उनकी हिरासत जरूरी है.

पी. चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज
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Published : Aug 20, 2019, 3:56 PM IST

Updated : Aug 20, 2019, 4:23 PM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम को बड़ा झटका लगा है, दिल्ली हाईकोर्ट ने आईएनएक्स मीडिया डील मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है.

जस्टिस सुनील गौर ने ये फैसला सुनाया यानि ईडी और सीबीआई उनको कभी भी गिरफ्तार कर सकती है. अब पी चिदंबरम को ट्रायल कोर्ट जाना होगा. कोर्ट ने पिछले 25 जनवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था.

'जांच के लिए हिरासत जरूरी है'

सुनवाई के दौरान सीबीआई और ईडी ने कोर्ट से कहा था कि आईएनएक्स मीडिया मामले में जांच के लिए पी. चिदंबरम से पूछताछ के लिए उनकी हिरासत जरूरी है. सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि पी चिदंबरम पूछताछ के दौरान टालमटोल करते रहे और अपनी जानकारी का खुलासा नहीं कर रहे हैं. इसलिए उनको हिरासत में लेकर पूछताछ जरुरी है.

'FIR में नहीं था चिंदबरम का नाम'

चिदंबरम की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि चिदंबरम को जून 2018 में सिर्फ एक बार सीबीआई ने पूछताछ के लिए बुलाया गया था और एफआईआर में आरोपी के रूप में भी उनका नाम नहीं है. उन्होंने कहा था कि मामले में जा पांच आरोपी हैं और उनमें से चार जमानत पर हैं.

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सिब्बल ने कहा था कि चिदंबरम को जब भी ईडी ने जांच के लिए बुलाया है वे जांच में शामिल हुए हैं. 3,500 करोड़ रुपये के एयरसेल-मैक्सिस सौदे और 305 करोड़ रुपये के आईएनएक्स मीडिया मामले में चिदंबरम की भूमिका विभिन्न जांच एजेंसियों की जांच के दायरे में है.

आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई ने 15 मई 2017 को एफआईआर दर्ज की थी. इसमें आरोप लगाया गया है कि वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में आईएनएक्स मीडिया को 305 करोड़ रुपये की विदेशी धनराशि प्राप्त करने के लिए फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड से मंजूरी देने में गड़बड़ी की गई. इसके बाद ईडी ने 2018 में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था.

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम को बड़ा झटका लगा है, दिल्ली हाईकोर्ट ने आईएनएक्स मीडिया डील मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है.

जस्टिस सुनील गौर ने ये फैसला सुनाया यानि ईडी और सीबीआई उनको कभी भी गिरफ्तार कर सकती है. अब पी चिदंबरम को ट्रायल कोर्ट जाना होगा. कोर्ट ने पिछले 25 जनवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था.

'जांच के लिए हिरासत जरूरी है'

सुनवाई के दौरान सीबीआई और ईडी ने कोर्ट से कहा था कि आईएनएक्स मीडिया मामले में जांच के लिए पी. चिदंबरम से पूछताछ के लिए उनकी हिरासत जरूरी है. सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि पी चिदंबरम पूछताछ के दौरान टालमटोल करते रहे और अपनी जानकारी का खुलासा नहीं कर रहे हैं. इसलिए उनको हिरासत में लेकर पूछताछ जरुरी है.

'FIR में नहीं था चिंदबरम का नाम'

चिदंबरम की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि चिदंबरम को जून 2018 में सिर्फ एक बार सीबीआई ने पूछताछ के लिए बुलाया गया था और एफआईआर में आरोपी के रूप में भी उनका नाम नहीं है. उन्होंने कहा था कि मामले में जा पांच आरोपी हैं और उनमें से चार जमानत पर हैं.

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सिब्बल ने कहा था कि चिदंबरम को जब भी ईडी ने जांच के लिए बुलाया है वे जांच में शामिल हुए हैं. 3,500 करोड़ रुपये के एयरसेल-मैक्सिस सौदे और 305 करोड़ रुपये के आईएनएक्स मीडिया मामले में चिदंबरम की भूमिका विभिन्न जांच एजेंसियों की जांच के दायरे में है.

आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई ने 15 मई 2017 को एफआईआर दर्ज की थी. इसमें आरोप लगाया गया है कि वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में आईएनएक्स मीडिया को 305 करोड़ रुपये की विदेशी धनराशि प्राप्त करने के लिए फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड से मंजूरी देने में गड़बड़ी की गई. इसके बाद ईडी ने 2018 में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था.

Intro:नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने आईएनएक्स मीडिया डील मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दिया है। जस्टिस सुनील गौर ने ये फैसला सुनाया। अब पी चिदंबरम को ट्रायल कोर्ट जाना होगा। कोर्ट ने पिछले 25 जनवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था।



Body:सुनवाई के दौरान सीबाआई और ईडी ने कोर्ट से कहा था कि आईएनएक्स मीडिया मामले में जांच के लिए पी चिदंबरम से पूछताछ के लिए उनकी हिरासत जरूरी है। सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि पी चिदंबरम पूछताछ के दौरान टालमटोल करते रहे और अपनी जानकारी का खुलासा नहीं कर रहे हैं। इसलिए उनको हिरासत में लेकर पूछताछ जरुरी है।
चिदंबरम की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि चिदंबरम को जून 2018 में सिर्फ एक बार सीबीआई द्वारा पूछताछ के लिए बुलाया गया था और एफआईआर में आरोपी के रूप में भी उनका नाम नहीं है। उन्होंने कहा था कि मामले में जा पांच आरोपी हैं और उनमें से चार जमानत पर हैं।
मनी लॉन्ड्रिंग मामले के बारे में सिब्बल ने कहा था कि चिदंबरम को जब भी ईडी ने जांच के लिए बुलाया है वे जांच में शामिल हुए हैं। 3,500 करोड़ रुपये के एयरसेल-मैक्सिस सौदे और 305 करोड़ रुपये के आईएनएक्स मीडिया मामले में चिदंबरम की भूमिका विभिन्न जांच एजेंसियों की जांच के दायरे में है। 



Conclusion:आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई ने 15 मई 2017 को एफआईआर दर्ज की थी। इसमें आरोप लगाया गया है कि वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में आईएनएक्स मीडिया को 305 करोड़ रुपये की विदेशी धनराशि प्राप्त करने के लिए फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड से मंजूरी देने में गड़बड़ी की गई । इसके बाद ईडी ने 2018 में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था।
Last Updated : Aug 20, 2019, 4:23 PM IST
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