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कोई तो बचा लो! आस्था की महानदी यमुना ज़हरीला झाग उगल रही है

रोजाना यमुना में लाखों लीटर नाले का पानी प्रवाहित किया जाता है. इससे यमुना का पानी प्रदूषित होता जा रहा है.

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Published : Jul 8, 2019, 10:57 PM IST

Updated : Jul 8, 2019, 11:46 PM IST

नई दिल्ली: हिंदुस्तान की आस्था का केंद्र. पूजनीय गंगा की सबसे बड़ी सहायक नदी यमुना संकट में है. यमुना झाग उगल रही है. दिल्ली के वजीराबाद से लेकर कालिंदी कुंज तक यमुना दिन प्रतिदिन मैली होती जा रही है.

रोजाना यमुना में लाखों लीटर नाले का पानी प्रवाहित किया जाता है. इससे यमुना का पानी प्रदूषित होता जा रहा है.

यमुना का पानी हो रहा है प्रदूषित

ईटीवी भारत की जांच
यमुना की हकीकत का पता लगाने जब ईटीवी भारत की टीम वजीराबाद के पुराने लोहे के पुल के पास पहुंची तो वहां का नजारा हैरान कर देने वाला था. यमुना में मिलने वाले नाले के पानी को बिना शुद्ध किए उसे यमुना में छोड़ा जा रहा था.

जिस कारण यमुना में जहरीला झाग बन रहा है. यह स्थिति सिर्फ वजीराबाद की ही नहीं बल्कि दिल्ली के अन्य कई घाटों की भी है.

सरकार के दावों की खुली पोल
हर वर्ष बजट में नमामि गंगे परियोजना के लिए बजट की व्यवस्था की जाती है. लेकिन इसके बावजूद आज भी यमुना शुद्ध नहीं हो सकी. जो कहीं न कहीं प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाता है.

गंगा की सबसे बड़ी सहायक नदियों में से एक यमुना जो कल तक दिल्लीवासियों की प्यास बुझती थी आज खुद साफ पानी के लिए तड़प रही है. लेकिन किसी प्रशासनिक अधिकारी का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है.


एनजीटी के आदेशों की हो रही है अवहेलना
यमुना की दशा सुधारने के लिए एनजीटी कई बार राज्य और केंद्र सरकार को आदेश दे चुका है. लेकिन इसके बावजूद आज भी यमुना कि स्थिति जस की तस है.

वजीराबाद से नदी के रूप में बहने वाली यमुना कालिंदी कुंज तक नाले का रूप अख्तियार कर चुकी है. अगर ऐसा ही चलता रहा तो आने वाली पीढ़ियों में यमुना किताबों में ही दिखेगी.

नई दिल्ली: हिंदुस्तान की आस्था का केंद्र. पूजनीय गंगा की सबसे बड़ी सहायक नदी यमुना संकट में है. यमुना झाग उगल रही है. दिल्ली के वजीराबाद से लेकर कालिंदी कुंज तक यमुना दिन प्रतिदिन मैली होती जा रही है.

रोजाना यमुना में लाखों लीटर नाले का पानी प्रवाहित किया जाता है. इससे यमुना का पानी प्रदूषित होता जा रहा है.

यमुना का पानी हो रहा है प्रदूषित

ईटीवी भारत की जांच
यमुना की हकीकत का पता लगाने जब ईटीवी भारत की टीम वजीराबाद के पुराने लोहे के पुल के पास पहुंची तो वहां का नजारा हैरान कर देने वाला था. यमुना में मिलने वाले नाले के पानी को बिना शुद्ध किए उसे यमुना में छोड़ा जा रहा था.

जिस कारण यमुना में जहरीला झाग बन रहा है. यह स्थिति सिर्फ वजीराबाद की ही नहीं बल्कि दिल्ली के अन्य कई घाटों की भी है.

सरकार के दावों की खुली पोल
हर वर्ष बजट में नमामि गंगे परियोजना के लिए बजट की व्यवस्था की जाती है. लेकिन इसके बावजूद आज भी यमुना शुद्ध नहीं हो सकी. जो कहीं न कहीं प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाता है.

गंगा की सबसे बड़ी सहायक नदियों में से एक यमुना जो कल तक दिल्लीवासियों की प्यास बुझती थी आज खुद साफ पानी के लिए तड़प रही है. लेकिन किसी प्रशासनिक अधिकारी का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है.


एनजीटी के आदेशों की हो रही है अवहेलना
यमुना की दशा सुधारने के लिए एनजीटी कई बार राज्य और केंद्र सरकार को आदेश दे चुका है. लेकिन इसके बावजूद आज भी यमुना कि स्थिति जस की तस है.

वजीराबाद से नदी के रूप में बहने वाली यमुना कालिंदी कुंज तक नाले का रूप अख्तियार कर चुकी है. अगर ऐसा ही चलता रहा तो आने वाली पीढ़ियों में यमुना किताबों में ही दिखेगी.

Intro:नई दिल्ली : गंगा की सबसे बड़ी सहायक नदी यमुना का स्वरूप दिन प्रतिदिन बिगड़ता जा रहा है. दिल्ली के वजीराबाद से लेकर कालिंदी कुंज तक यमुना दिन प्रतिदिन मैली होती जा रही है. आपको बता दें कि रोजाना यमुना में लाखो लीटर नाले का पानी प्रवाहित किया जाता है जिस कारण यमुना का पानी प्रदूषित होते जा रहा है.


Body:यमुना की जमीनी हकीकत का पता लगाने जब ईटीवी भारत की टीम वजीराबाद के पुराने लोहे के पुल के पास पहुंची तो वहां का नजारा हैरान कर देने वाला था. यमुना में मिलने वाले नाले के पानी को बिना शुद्ध किए उसे यमुना में छोड़ा जा रहा था. जिस कारण यमुना में जहरीला झाग बन रहा है. यह स्थिति सिर्फ वजीराबाद की ही नहीं बल्कि दिल्ली के अन्य कई घाटों की है.

सरकार के दावों की खुली पोल:
हर वर्ष बजट में नमामि गंगे परियोजना के लिए बजट की व्यवस्था की जाती है. लेकिन इसके बावजूद आज भी यमुना शुद्ध नहीं हो सकी. जो कहीं न कहीं प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाता है. गंगा की सबसे बड़ी सहायक नदियों में से एक यमुना जो कल तक दिल्लीवासियों की प्यास बुझती थी आज खुद साफ पानी के लिए तड़प रही है. लेकिन किसी प्रशासनिक अधिकारी का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा.



Conclusion:एनजीटी के आदेशों की भी लगातार हो रही है अवहेलना :
आपको बता दें कि यमुना की दशा सुधारने के लिए एनजीटी कई बार राज्य और केंद्र सरकार को आदेश दे चुका है. लेकिन इसके बावजूद आज भी यमुना कि स्थिति जस की तस है. वजीराबाद से नदी के रूप में बहने वाली यमुना कालिंदी कुंज तक नाले का रूप अख्तियार कर चुकी है. और अगर ऐसा ही चलता रहा तो आने वाली पीढ़ियों के लिए यमुना किताबों में ही दिखेगी.
Last Updated : Jul 8, 2019, 11:46 PM IST
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