नई दिल्ली: केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रिजिजू को मंगलवार को दो दिवसीय ऑनलाइन बैठक के पहले दिन 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के खेल मंत्रियों ने कोरोना वायरस महामारी के बाद खेलों को दोबारा शुरू करने की अपनी योजना के बारे में जानकारी दी.
राज्यों के मंत्रियों ने सभी राज्यों में जमीनी स्तर पर खेलों को बढ़ावा और ओलंपिक स्तर की ट्रेनिंग उपलब्ध कराने के लिए मंत्रालय के कदमों की सराहना की.
रिजिजू ने बैठक के बाद बयान में कहा, 'मंत्रियों और अधिकारियों ने खेल और युवा मामलों से जुड़े मुद्दों पर कुछ बहुमूल्य सुझाव दिए... कोविड-19 के बाद के लिए अपनी तैयारी की जानकारी दी... खेल प्रतियोगिताओं और खिलाड़ियों की ट्रेनिंग दोबारा शुरू करने के बारे में.'
बैठक में आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर, कर्नाटक, केरल, लद्दाख, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.
अन्य राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि बुधवार को बैठक में हिस्सा लेंगे. रिजिजू ने राज्य के खेल मंत्रियों से कहा, 'राज्य काफी अच्छा काम कर रहे हैं और मंत्रालय उनके साथ समन्वय से काम कर रहा है. मुझे यकीन है कि सम्मेलन के अंत में हम आगे बढ़ने का खाका तैयार करेंगे.'
रिजिजू के अनुसार प्रत्येक राज्य में खेलो इंडिया स्टेट सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (केआईएससीई) के गठन और 'एक राज्य एक खेल' नीति का राज्यों ने समर्थन किया.
मंत्रियों और अधिकारियों ने उस एक खेल को गोद लेने में गहरी रुचि दिखाई जिसमें पारंपरिक रूप से उनका राज्य मजबूत है.
रिजिजू ने कहा, ''हमारा मंत्रालय एक या दो खेलों में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए राज्यों को सहायता प्रदान करेगा और उन्हें धन उपलब्ध कराएगा. केआईएससीई किसी विशेष खेल के लिए नोडल केंद्र बन जाएगा, जहां पर एथलीटों को ओलंपिक के लिए विश्व स्तरीय सुविधाओं में तैयार किया जा सकता है. राज्यों द्वारा पारंपरिक खेलों सहित अन्य खेलों में एथलीटों को प्रशिक्षित करने का विकल्प भी चुना जा सकता है, लेकिन मुख्य रूप से ध्यान केवल एक या दो खेलों पर ही होना चाहिए.''
बैठक के दौरान राज्य स्तर पर विभिन्न योजनाओं के प्रचार के लिए नेहरू युवा केंद्र संगठन (एनवाईकेएस) और राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के अधिक स्वयंसेवकों को शामिल करने के तरीकों पर भी चर्चा हुई.