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Horse Racing : 125 साल पुराना है घोड़ों की दौड़ का इतिहास, जीतने वाले को मिलता है गुजरात का सर्वोच्च 'सम्मान' - जामनगर में घोड़ों की दौड़

जामनगर के मसीतीया गांव में 125 साल से चली आ रही घोड़ों की दौड़ का आयोजन किया गया. दौड़ में 302 नंबर के घोड़े ने पहला स्थान प्राप्त किया. मसीतीया में हर साल घोड़ों की दौड़ के लिए उनके मालिक घोड़ों को ट्रेनिंग देते हैं. जामनगर में लोग शौकिया तौर पर घोड़े पालते हैं.

horse race in jamnagar
जामनगर में घोड़ों की दौड़
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Published : Mar 10, 2023, 6:07 PM IST

जामनगर : गुजरात के जामनगर के मसीतीया गांव में घुड़दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. प्रतियोगिता में 302 नंबर के घोड़े ने पहला स्थान हासिल किया. प्रतियोगिता में सौराष्ट्र, कच्छ और काठियावाड़ी के घोड़ों ने हिस्सा लिया. प्रतियोगिता में कुल 28 घोड़ों के अलावा कुछ ऊंटों ने भी भाग लिया. वहीं, घोड़े के मालिक को गुजरात का सर्वोच्च सम्मान पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया गया.

जामनगर के मसीतीया गांव में 125 साल से चली आ रही घोड़ों के दौड़ की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है. प्रतियोगिता में 302 नंबर के घोड़े ने पहला स्थान प्राप्त किया. वहीं पिछले साल 307 नंबर के बादशाह नाम के घोड़े ने पहले नंबर पर कब्जा किया था. वहीं, घोड़े के मालिक को प्रतियोगिता के आयोजनकर्ताओं ने पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया. मसीतीया गांव के जिला पंचायत सदस्य कसमभाई खाफी ने कहा कि पिछले 125 सालों से मसीतीया गांव में घुड़दौड़ और ऊंट दौड़ का आयोजन हो रहा है. प्रतियोगिता में पूरे गुजरात के जातवान घोड़े दौड़ में हिस्सा लेते हैं.

घुड़दौड़ पहले अफगानिस्तान में खेला जाता था. उसके बाद घुड़दौड़ का क्रेज पूरी दुनिया में बढ़ा. इसी तर्ज पर गुजरात के जामनगर में पिछले 125 सालों से घुड़दौड़ का का आयोजन होता आ रहा. पिछले साल 307 नंबर का घोड़ा विजेता बना था. जबकि इस साल 302 नंबर का घोड़ा अव्वल आया है. वहीं, जामनगर में घुड़दौड़ का क्रेज इनता है कि यहां लोग घौड़े पालते हैं. जामनगर पंथक में लोग शौक के तौर पर अलग-अलग नस्ल के घोड़े पालते हैं. मसीतिया गांव घुड़दौड़ प्रतियोगिता में काठियावाड़ी के साथ-साथ कच्छ और मारवाड़ी के घोड़े हमेशा दौड़ में शामिल होते हैं और दौड़ भी जीतते हैं. घोड़ों के मालिक साल भर घोड़ों को दौड़ के लिए प्रशिक्षित करते हैं. राज्य भर में जहां कहीं भी घुड़दौड़ का आयोजन किया जाता है. वहां जामनगर पंथक के घुड़दौड़ के मालिक दौड़ में भाग लेते हैं.

ये भी पढ़ेंः Prabhat Complete Oceans Seven Challenge : महाराष्ट्र के स्विमर ने रचा इतिहास

जामनगर : गुजरात के जामनगर के मसीतीया गांव में घुड़दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. प्रतियोगिता में 302 नंबर के घोड़े ने पहला स्थान हासिल किया. प्रतियोगिता में सौराष्ट्र, कच्छ और काठियावाड़ी के घोड़ों ने हिस्सा लिया. प्रतियोगिता में कुल 28 घोड़ों के अलावा कुछ ऊंटों ने भी भाग लिया. वहीं, घोड़े के मालिक को गुजरात का सर्वोच्च सम्मान पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया गया.

जामनगर के मसीतीया गांव में 125 साल से चली आ रही घोड़ों के दौड़ की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है. प्रतियोगिता में 302 नंबर के घोड़े ने पहला स्थान प्राप्त किया. वहीं पिछले साल 307 नंबर के बादशाह नाम के घोड़े ने पहले नंबर पर कब्जा किया था. वहीं, घोड़े के मालिक को प्रतियोगिता के आयोजनकर्ताओं ने पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया. मसीतीया गांव के जिला पंचायत सदस्य कसमभाई खाफी ने कहा कि पिछले 125 सालों से मसीतीया गांव में घुड़दौड़ और ऊंट दौड़ का आयोजन हो रहा है. प्रतियोगिता में पूरे गुजरात के जातवान घोड़े दौड़ में हिस्सा लेते हैं.

घुड़दौड़ पहले अफगानिस्तान में खेला जाता था. उसके बाद घुड़दौड़ का क्रेज पूरी दुनिया में बढ़ा. इसी तर्ज पर गुजरात के जामनगर में पिछले 125 सालों से घुड़दौड़ का का आयोजन होता आ रहा. पिछले साल 307 नंबर का घोड़ा विजेता बना था. जबकि इस साल 302 नंबर का घोड़ा अव्वल आया है. वहीं, जामनगर में घुड़दौड़ का क्रेज इनता है कि यहां लोग घौड़े पालते हैं. जामनगर पंथक में लोग शौक के तौर पर अलग-अलग नस्ल के घोड़े पालते हैं. मसीतिया गांव घुड़दौड़ प्रतियोगिता में काठियावाड़ी के साथ-साथ कच्छ और मारवाड़ी के घोड़े हमेशा दौड़ में शामिल होते हैं और दौड़ भी जीतते हैं. घोड़ों के मालिक साल भर घोड़ों को दौड़ के लिए प्रशिक्षित करते हैं. राज्य भर में जहां कहीं भी घुड़दौड़ का आयोजन किया जाता है. वहां जामनगर पंथक के घुड़दौड़ के मालिक दौड़ में भाग लेते हैं.

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