ETV Bharat / sports

कैंसर को हराने वाले कनाडा के मैक्स पैरेट को शीतकालीन ओलंपिक में स्वर्ण

कनाडा के स्नोबोर्डिंग खिलाड़ी मैक्स पैरेट ने कहा, "मुझे इससे लड़ने के लिए सब कुछ छोड़ना पड़ा. मैं नरक जैसी स्थिति से गुजरा. यह पहली बार था जब मैंने अपना स्नोबोर्ड अलमारी को बंद करके रख दिया. मुझे ऐसा लग रहा था जैसे शेर को पिंजरे में बंद कर दिया गया है."

Canada's Max Parrot, who defeated cancer, wins gold at the Winter Olympics
Canada's Max Parrot, who defeated cancer, wins gold at the Winter Olympics
author img

By

Published : Feb 8, 2022, 3:49 PM IST

बीजिंग: कैंसर के खिलाफ जंग जीतने वाले कनाडा के स्नोबोर्डिंग खिलाड़ी मैक्स पैरेट ने सोमवार को यहां शीतकालीन ओलंपिक की स्नोबोर्डिंग स्पर्धा के पुरुष स्लोपस्टाइल वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर वापसी का जश्न मनाया.

पैरेट की जीत का आकर्षण उनकी दूसरी जंप थी. वह जब दूसरे किकर (रैंप) पर पहुंचे तो सीधे जाने की जगह वह कोण लेते हुए वहां पहुंचे और ऐसा करने वाले एकमात्र प्रतिभागी थे. वह इसके बाद पीछे की ओर झुके और उन्होंने 1440 डिग्री का स्पिन लेते हुए लैंडिंग की.

पैरेट ने स्वर्ण पदक जीतने के बाद कहा, "ये मेरे पूरे करियर की सबसे बड़ी जीत है."

ये भी पढ़ें- चाहे रोहित की कप्तानी में खेल रहा हो, कोहली को रन मिलेंगे: सुनील गावस्कर

प्योंगचैंग ओलंपिक 2018 में रजत पदक जीतने के बाद पैरेट को हॉजकिन लिमफोमा से पीड़ित होने का पता चला था जो कैंसर का प्रकार है. इसके बाद छह महीने में उन्हें 12 बार कीमोथेरेपी करानी पड़ी.

पैरेट ने कहा, "मुझे इससे लड़ने के लिए सब कुछ छोड़ना पड़ा. मैं नरक जैसी स्थिति से गुजरा. यह पहली बार था जब मैंने अपना स्नोबोर्ड अलमारी को बंद करके रख दिया. मुझे ऐसा लग रहा था जैसे शेर को पिंजरे में बंद कर दिया गया है."

चीन के यू यिमिंग ने इस स्पर्धा का रजत जबकि कनाडा के मार्क मैकमोरिस ने कांस्य पदक जीता.

बीजिंग: कैंसर के खिलाफ जंग जीतने वाले कनाडा के स्नोबोर्डिंग खिलाड़ी मैक्स पैरेट ने सोमवार को यहां शीतकालीन ओलंपिक की स्नोबोर्डिंग स्पर्धा के पुरुष स्लोपस्टाइल वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर वापसी का जश्न मनाया.

पैरेट की जीत का आकर्षण उनकी दूसरी जंप थी. वह जब दूसरे किकर (रैंप) पर पहुंचे तो सीधे जाने की जगह वह कोण लेते हुए वहां पहुंचे और ऐसा करने वाले एकमात्र प्रतिभागी थे. वह इसके बाद पीछे की ओर झुके और उन्होंने 1440 डिग्री का स्पिन लेते हुए लैंडिंग की.

पैरेट ने स्वर्ण पदक जीतने के बाद कहा, "ये मेरे पूरे करियर की सबसे बड़ी जीत है."

ये भी पढ़ें- चाहे रोहित की कप्तानी में खेल रहा हो, कोहली को रन मिलेंगे: सुनील गावस्कर

प्योंगचैंग ओलंपिक 2018 में रजत पदक जीतने के बाद पैरेट को हॉजकिन लिमफोमा से पीड़ित होने का पता चला था जो कैंसर का प्रकार है. इसके बाद छह महीने में उन्हें 12 बार कीमोथेरेपी करानी पड़ी.

पैरेट ने कहा, "मुझे इससे लड़ने के लिए सब कुछ छोड़ना पड़ा. मैं नरक जैसी स्थिति से गुजरा. यह पहली बार था जब मैंने अपना स्नोबोर्ड अलमारी को बंद करके रख दिया. मुझे ऐसा लग रहा था जैसे शेर को पिंजरे में बंद कर दिया गया है."

चीन के यू यिमिंग ने इस स्पर्धा का रजत जबकि कनाडा के मार्क मैकमोरिस ने कांस्य पदक जीता.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.