नई दिल्ली: विनी, यक्षिका और विधि के नेतृत्व में छह भारतीय जूनियर मुक्केबाजों ने रविवार को जॉर्डन में एएसबीसी एशियाई युवा और जूनियर मुक्केबाजी चैंपियनशिप 2022 में अपने-अपने भार वर्गो में स्वर्ण पदक जीते. फ्लाईवेट 50 किग्रा के फाइनल में हिसार की छोटी मुक्केबाज विनी का सामना कजाकिस्तान की करीना टोकुबे से होगा.
भारतीय मुक्केबाज ने अच्छी शुरुआत की और पहले दौर में जीत हासिल की. इससे पहले कि उसके प्रतिद्वंद्वी ने दूसरे में मजबूत वापसी की, जिसने एक भयंकर निर्णायक के लिए वापसी की, जिसमें दोनों मुक्केबाजों ने बहुत सारे मुक्कों का आदान-प्रदान किया. विनी लगातार मुक्के बरसा रही थीं, जिससे 5-0 से मैच जीत लिया. यक्षिका (52 किग्रा) ने उज्बेकिस्तान की राखीमा बेकनियाजोवा के खिलाफ वापसी करने के लिए उल्लेखनीय साहस और स्वभाव का प्रदर्शन किया. पानीपत की मुक्केबाज ने पहले दौर में बहुत सारे पंचों को अवशोषित किया और 0-5 से पीछे चल रही थीं.
यह भी पढ़ें: 'Sir Jadeja' के जबरा फैन हैं कपिल देव, इस बात को लेकर खूब प्रशंसा की
यक्षिका ने दूसरे दौर में जोरदार वापसी की और स्कोर बराबर करने के लिए शानदार पलटवार किया 4-1 से जीत हासिल करने के लिए अंतिम दौर में अपना आक्रामक रुख जारी रखा. विधि ने 57 किग्रा फेदरवेट फाइनल में जॉर्डन की आया सुविंध के खिलाफ 5-0 से आसान जीत दर्ज की. भारतीय मुक्केबाज पूरे बाउट के दौरान क्रूज नियंत्रण में थी और प्रतिद्वंद्वी को अपनी शर्तों पर खेलने के लिए मजबूर किया.
डिफेंडिंग चैंपियन निकिता चंद (60 किग्रा) ने फिर से स्वर्ण पदक पर कब्जा किया, क्योंकि वह शुरू से ही कजाकिस्तान की उलदाना तौबे के खिलाफ अपने बाउट पर हावी रही, जिससे रेफरी को तीसरे दौर में प्रतियोगिता को रोकने के लिए मजबूर होना पड़ा.
यह भी पढ़ें: IND vs SL: श्रीलंका का स्कोर 28/1, भारत को जीतने के लिए 9 विकेट की जरूरत
श्रुष्टि साठे (63 किग्रा) कजाकिस्तान की नूरसुलु सुएनाली के खिलाफ थीं, जिनके पास भारतीय मुक्केबाज की सजगता और मजबूत घूंसे का कोई जवाब नहीं था. श्रुष्टि दूसरे दौर में लगातार सटीक मुक्के मार रही थी और इसके परिणामस्वरूप, रेफरी ने दूसरे दौर में प्रतियोगिता रोक दी. रुद्रिका (75 किग्रा) ने एकतरफा मुकाबले में कजाकिस्तान की शुग्ल्या नलिबे को 5-0 से मात दी.