लंदन: इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने खुलासा किया है कि यॉर्कशर के पूर्व खिलाड़ी अजीम रफीक द्वारा उन पर नस्लवादी व्यवहार का आरोप लगाया गया है. उन्होंने हालांकि इन आरोपों का पूरी तरह खंडन करते हुए कहा कि वह इस सूची से अपना नाम हटाने के लिए आखिर तक ‘लड़ाई’ लड़ेंगे.
‘डेली टेलीग्राफ’ के कॉलम में वॉन ने स्वीकार किया कि यॉर्कशर टीम में संस्थागत नस्लवाद के रफीक के आरोपों की जांच में जिस ‘पूर्व खिलाड़ी’ का जिक्र हो रहा था वह वही थे.
वॉन ने 1991 से 2009 में संन्यास लेने तक यॉर्कशर काउंटी टीम का प्रतिनिधित्व किया. यॉर्कशर की अजीम रफीक रिपोर्ट में कहा कि उन्होंने रफीक सहित एशियाई खिलाड़ियों के एक समूह से कहा, ‘‘इस समूह में आप जैसे बहुत खिलाड़ी है, हमें इसके बारे में कुछ करने की आवश्यकता है.’
यह कथित घटना तब हुई जब यॉर्कशर 2009 में नॉटिंघमशर के खिलाफ एक मैच के दौरान मैदान पर उतर रहा था. पेशेवर खिलाड़ी के तौर पर यह रफीक का पहला सत्र था.
उन्होंने कॉलम में लिखा, ‘‘मैं पूरी तरह और स्पष्ट रूप से इनकार करता हूं कि मैंने कभी उन शब्दों का इस्तेमाल किया था. मेरे पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है. ‘इस समूह’ शब्द का इस्तेमाल कभी नहीं हुआ था.’’
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उन्होंने कहा, ‘‘10 साल पहले कहे गए शब्दों को याद करने की कोशिश करने वाला कोई भी व्यक्ति गलत होगा, लेकिन मैं इस बात पर अडिग हूं कि उन शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया गया था. अगर रफीक का मानना है कि उस वक्त कुछ ऐसा कहा गया जिससे उन्हें परेशान किया जा सके तो यह पूरी तरह से उनका मानना है.’’
इंग्लैंड को 2005 में एशेज का खिताब दिलाने वाले इस कप्तान ने कहा कि वह अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए ‘अंत तक लड़ेंगे‘.
उन्होंने कहा, ‘‘ उस पर टिप्पणी करना मुश्किल है, सिवाय इसके कि यह सोचकर मुझे बहुत दुख होता है कि मैंने किसी को कथित रूप से प्रभावित किया है. मैं इसे अब तक के सबसे गंभीर आरोप के रूप में लेता हूं और मैं यह साबित करने के लिए अंत तक लड़ूंगा कि मैं वह व्यक्ति नहीं हूं.’’
वॉन ने कहा कि कथित घटना के 11 साल बाद, दिसंबर 2020 में क्लब में संस्थागत नस्लवाद के रफीक के दावों की जांच करने वाली समिति से बात करने के लिए उनसे संपर्क किया गया था.
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने समिति को यह जवाब दिया कि इस बात को सुन कर मुझे गुस्सा आ रहा है. यह कथित घटना के 11 साल बाद का समय था. उस मैच के दौरान या पिछले 11 वर्षों में इस पर कभी सवाल नहीं उठा.’’
उन्होंने कहा, ‘‘उस समय ऐसा लगा जैसे किसी ने ईंट से मेरे सर पर मार दिया. मैं 30 वर्षों से क्रिकेट खेल रहा हूं और मुझ पर एक खिलाड़ी या कमेंटेटर के रूप में कभी भी ऐसी ही किसी घटना या अनुशासनात्मक अपराध का आरोप नहीं लगाया गया है.’’
इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने यार्कशर काउंटी को अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी से प्रतिबंधित कर दिया है क्योंकि क्लब पूर्व खिलाड़ी अजीम रफीक के नस्लीय दुर्व्यवहार के आरोपों पर कार्रवाई करने में विफल रहा था.
स्वतंत्र जांच में खिलाड़ी के ये आरोप सही साबित हुए थे जिससे ईसीबी ने क्लब के रवैये को ‘घिनौना’ भी करार दिया.
ईसीबी ने यह फैसला यार्कशर के खिलाड़ी गैरी बैलेंस के अपने पूर्व साथी रफीक के खिलाफ नस्लीय गाली के उपयोग की बात स्वीकार करने के एक दिन बाद किया.
ईसीबी ने साथ ही बैलेंस को अनिश्चित समय के लिये इंग्लैंड के चयन से प्रतिबंधित कर दिया.