हैदराबाद: "वो मुझे मदन लाल के बेटे की शादी में मिले थे और मुझे देखकर कहने लगे कि तुम मोटे हो रहे हो थोड़ा फिटनेस पर काम करो."
अपने साथी और दोस्त यशपाल शर्मा को याद करते हुए पूर्व भारतीय क्रिकेटर अशोक मल्होत्रा ने ईटीवी भारत को बताया कि यशपाल शर्मा का जाना किसी सदमे से कम नहीं है.
अपने साथी को याद करते हुए अशोक ने कहा, "मुझे आज भी याद है कि वो अपनी फिटनेस का ख्याल रखने के लिए बादाम खाया करते थे और अक्सर रात में मुझे भी अपने साथ लेकर जाते थे बादाम का दूध पिलाने के लिए."
यशपाल के निधन की खबर सुनने को लेकर उन्होंने कहा, "मुझे कपिल (देव) का फोन आया कि यशपाल नहीं रहें फिर हम सब वीडियो कॉन्फ्रेंस पर आए. तब उन्होंने यश के बार में बताया . मेरे लिए तो शौकिंग था, क्योंकि यशपाल हम सब में सबसे फिट थे."
मध्यक्रम में अपनी जुझारू बल्लेबाजी के कारण भारतीय क्रिकेट में विशेष पहचान बनाने वाले और 1983 विश्व कप के नायक यशपाल शर्मा का 66 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया.
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अशोक मल्होत्रा ने खेल के दिनों को याद करते हुए कहा, "हम लोग उनको ड्रेसिंग रूम में 'संकटमोचन' कहते थे. क्योंकि वो हम लोगों को संकट से निकालने का काम करते थे. वो अक्सर ऐसे मौके पर बल्लेबाजी करने आते थे, जब उनकी सबसे ज्यादा जरूरत होती थी. वो मैच विनर थे."
यशपाल शर्मा के साथ अपने पुराने दिन याद करते हुए अशोक ने बताया कि उनके अंदर सामने वाले व्यक्ति को समझाने की बड़ी क्षमता थी. उन्होंने कहा, "हम लोग नॉर्थ जोन के लिए खेलने जाते थे, पहले दिल्ली में खेलते थे फिर ट्रेन पकड़ कर लखनऊ जाते थे. ट्रैन में टीसी को मनाने का काम उनका होता था. क्योंकि उनकी समझाने कि क्षमता अच्छी थी वो कहते थे कि हम इंडियन प्लेयर हैं, हमें जाने दीजिए. हमारे पास टिकट के पैसे नहीं होते थे फिर भी ट्रैवल करते थे."
दोस्त होने के नाते अशोक ने बताया कि यशपाल का ड्रेसिंग रूम में एक नाम रखा गया था और वो था 'दूरबीन' क्योंकि उनको दूर का दिखता था. दरअसल, यशपाल खिलाड़ियों को देखकर पहले ही बता दिया करते थे कि वो कितना लंबा खेलेंगे और उनकी किससे पटरी खाएगी.
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यशपाल के साथ अपने विदेशी दौरे को याद करते हुए अशोक ने बताया कि उनको सर पर बॉल लग गई थी. तब भी उन्होंने विकेट छोड़ा नहीं. यश ने हालांकि बाद में 24 घंटे आईसीयू में बिताए थे.
उनके टैलेंट की पहचान के बारे में बात करते हुए पूर्व खिलाड़ी ने कहा कि वो 2011 के सिलेक्शन पैनल में थे, तब उन्होंने विराट को उनकी मजबूत बल्लेबाजी के लिए चुना था. क्योंकि वो भी जमीन से जुड़े खिलाड़ी थे. उनको पता था कि किस खिलाड़ी में कितनी काबिलियत है तो उन्होंने विराट को चुना था.
यशपाल ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में 37 टेस्ट मैचों में 1 हजार 606 रन और 42 वनडे में 883 रन बनाए. वनडे की अपनी 40 पारियों में वो कभी शून्य पर आउट नहीं हुए. उन्होंने दोनों प्रारूपों में एक-एक विकेट भी लिया.
--- राजसी स्वरूप