नई दिल्ली : अभिनव मुकुंद और डोडा गणेश ने ऐसे समय में रंगभेद का शिकार होने की बात कही है, जब अमेरिका में पुलिस हिरासत में मारे गए अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के खिलाफ पूरे अमेरिका में विरोध प्रदर्शन जारी है. गणेश ने मुकुंद की एक पुरानी पोस्ट शेयर की है, जिसे मुकुंद ने 2017 में ट्विटर पर साझा किया था. गणेश ने बताया है कि खेल के दिनों के दौरान उन्हें भी नस्लवादी टिप्पणियों का सामना करना पड़ा था.
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This story of @mukundabhinav, reminded me of the racial jibes I went through in my playing days. Only an Indian legend was witness to it. It only made me strong & didn’t deter me from playing for Ind & ovr 100 mts for Karnataka @StarSportsKan
— ದೊಡ್ಡ ಗಣೇಶ್ | Dodda Ganesh (@doddaganesha) June 3, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
ಕಪ್ಪಗಿರೋರು ಮನುಷ್ಯರೇ. ಮೊದಲು ಮಾನವರಾಗಿ. pic.twitter.com/ZV8c8YPmpM
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— ದೊಡ್ಡ ಗಣೇಶ್ | Dodda Ganesh (@doddaganesha) June 3, 2020
ಕಪ್ಪಗಿರೋರು ಮನುಷ್ಯರೇ. ಮೊದಲು ಮಾನವರಾಗಿ. pic.twitter.com/ZV8c8YPmpMThis story of @mukundabhinav, reminded me of the racial jibes I went through in my playing days. Only an Indian legend was witness to it. It only made me strong & didn’t deter me from playing for Ind & ovr 100 mts for Karnataka @StarSportsKan
— ದೊಡ್ಡ ಗಣೇಶ್ | Dodda Ganesh (@doddaganesha) June 3, 2020
ಕಪ್ಪಗಿರೋರು ಮನುಷ್ಯರೇ. ಮೊದಲು ಮಾನವರಾಗಿ. pic.twitter.com/ZV8c8YPmpM
गणेश ने ट्विटर पर कहा, "अभिनव मुकुंद की कहानी ने मुझे उन नस्लीय टिप्पणियों की याद दिला दी, जिनका मैंने मेरे खेल के दिनों में सामना किया था. सिर्फ एक भारतीय दिग्गज इसका गवाह था. इसने मुझे मजबूत बनाया और भारत और कर्नाटक की तरफ से 100 मैच खेलने से नहीं रोक पाया."
मुकुंद ने नौ अगस्त 2017 को ट्विटर पर एक पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने कहा था, " मैं अपनी त्वचा के रंग को लेकर बरसों से अपमान झेलते हुए आया हूं. गोरा रंग ही लवली या हैंडसम नहीं होता. जो भी आपका रंग है, उससे सहज रहकर काम करें. बचपन से ही त्वचा के रंग को लेकर लोगों का रवैया हैरानी का सबब रहा."
उन्होंने कहा था, " जो क्रिकेट देखता है, वह समझता होगा. चिलचिलाती धूप में खेलने का कोई मलाल नहीं है कि रंग कम हो गया है. मैं वो कर रहा हूं,जिससे मुझे प्यार है." 46 वर्षीय फ्लॉयड की पिछले सप्ताह अमेरिका के मिनियापोलिस शहर में पुलिस हिरासत के दौरान मौत हो गई थी. डेरेक चोविन नाम का श्वेत पुलिस अधिकारी जॉर्ज के गले पर अपने घुटनों के बल बैठा था और जॉर्ज बार-बार कह रहा था, " मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं."