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जूही चावला ने दिया भूमिहीन किसानों को अपने फॉर्महाउस में खेती का न्योता - जूही चावला भूमिहीन किसान

जूही का कहना है कि हम अभी लॉकडाउन में हैं, ऐसे में मैंने भूमिहीन किसानों को खेती करने के लिए अपनी जमीन देने का फैसला लिया है. यह कोई नई बात नहीं है. पुराने जमाने में लोग इसी तरह से खेती करते थे. यह एक अच्छी बात है.

Juhi Chawla invites landless farmers
Juhi Chawla invites landless farmers
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Published : May 20, 2020, 11:52 PM IST

मुंबई: अभिनेत्री और पर्यावरणविद जूही चावला कोरोनावायरस महामारी के चलते जारी लॉकडाउन में किसानों की मदद के लिए आगे आईं हैं. मुंबई से कुछ दूरी पर उनकी एक कृषि भूमि है, जहां विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा जैविक खेती का अभ्यास किया जाता है. जूही ने अब इस मौसम में धान की खेती करने के लिए इसे भूमिहीन किसानों के लिए खोल दिया है.

अभिनेत्री ने कहा, "चूंकि हम अभी लॉकडाउन में हैं, ऐसे में मैंने भूमिहीन किसानों को खेती करने के लिए अपनी जमीन देने का फैसला लिया है. वे यहां इस मौसम में धान की खेती कर सकते हैं और बदले में उत्पाद का एक छोटा सा हिस्सा अपने लिए रख सकते हैं."

उन्होंने आगे कहा, "यह कोई नई बात नहीं है. पुराने जमाने में लोग इसी तरह से खेती करते थे. यह एक अच्छी बात है. हमारे किसानों को मिट्टी, हवा, जमीन के बारे में शहर में रहने वाले लोगों की तुलना में कहीं ज्यादा पता है."

जूही ने अपने लोगों से धान की इस खेती पर नजर रखने को कहा है, ताकि इन्हें उगाने के लिए केवल जैविक पद्धतियों का ही उपयोग किया जाए और किसी भी तरह का कोई भी रसायन फॉर्म में न घुसने पाए.

उन्होंने कहा, "यह हम सभी के लिए बेहतर है. हमारे लिए भी और हमारे किसानों के लिए भी। हम कठिन नहीं बल्कि स्मार्ट तरीके से काम कर रहे हैं. इस लॉकडाउन ने मेरे दिमाग में कुछ अच्छे ख्यालात डाले."

इनपुट्स-आईएएनएस

मुंबई: अभिनेत्री और पर्यावरणविद जूही चावला कोरोनावायरस महामारी के चलते जारी लॉकडाउन में किसानों की मदद के लिए आगे आईं हैं. मुंबई से कुछ दूरी पर उनकी एक कृषि भूमि है, जहां विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा जैविक खेती का अभ्यास किया जाता है. जूही ने अब इस मौसम में धान की खेती करने के लिए इसे भूमिहीन किसानों के लिए खोल दिया है.

अभिनेत्री ने कहा, "चूंकि हम अभी लॉकडाउन में हैं, ऐसे में मैंने भूमिहीन किसानों को खेती करने के लिए अपनी जमीन देने का फैसला लिया है. वे यहां इस मौसम में धान की खेती कर सकते हैं और बदले में उत्पाद का एक छोटा सा हिस्सा अपने लिए रख सकते हैं."

उन्होंने आगे कहा, "यह कोई नई बात नहीं है. पुराने जमाने में लोग इसी तरह से खेती करते थे. यह एक अच्छी बात है. हमारे किसानों को मिट्टी, हवा, जमीन के बारे में शहर में रहने वाले लोगों की तुलना में कहीं ज्यादा पता है."

जूही ने अपने लोगों से धान की इस खेती पर नजर रखने को कहा है, ताकि इन्हें उगाने के लिए केवल जैविक पद्धतियों का ही उपयोग किया जाए और किसी भी तरह का कोई भी रसायन फॉर्म में न घुसने पाए.

उन्होंने कहा, "यह हम सभी के लिए बेहतर है. हमारे लिए भी और हमारे किसानों के लिए भी। हम कठिन नहीं बल्कि स्मार्ट तरीके से काम कर रहे हैं. इस लॉकडाउन ने मेरे दिमाग में कुछ अच्छे ख्यालात डाले."

इनपुट्स-आईएएनएस

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