मुंबई: अभिनेत्री दिया मिर्जा का कहना है कि डर के माहौल में कला हमेशा प्रभावित होती है लेकिन यही माहौल कला की चिंगारी को भड़काता भी है.
एक्ट्रेस जल्द ही कश्मीर में फिल्माई वेब श्रृंखला 'काफिर' में नजर आएंगी. यह एक पाकिस्तानी युवती की कहानी है. जो एक मां है, जिसे रहस्यमयी परिस्थितियों में भारत पहुंच जाने के बाद कैद कर लिया जाता है.
गुरूवार रात को आयोजित 'काफिर' के विशेष कार्यक्रम में एक्ट्रेस से जब पूछा गया कि वह मौजूदा 'हम बनाम वे' विभाजन और पाकिस्तानी कलाकारों को प्रतिबंधित करने के दौर को कैसे देखती हैं तो दिया ने कहा, 'डर के माहौल में कला को हमेशा भुगतना पड़ता है. लेकिन साथ ही इसी डर की वजह से वह मजबूत और फिर से जिंदा भी होती है.'
उन्होंने आगे कहा कि मौजूदा पूर्वाग्रह उम्मीद और प्यार के लिए बेहद नुकसानदेह हैं.
एक्ट्रेस ने कहा, 'मेरा मानना है कि ये पूर्वाग्रह जो हम पर थोपे गए हैं वे हमें न सिर्फ अपने पड़ोसियों से दूर ले जाते हैं बल्कि हमें खुद से भी दूर ले जाते हैं.'
दिया ने कहा, 'जब हम अपने आप को आशा और प्रेम का संचार करने का अवसर देने से इनकार करते हैं, तो हम केवल दुनिया को व्यक्त कर रहे हैं कि हम कितने भयभीत हैं.'
डर के माहौल में प्रभावित होती है कला : दिया मिर्जा - ZEE5
अभिनेत्री दिया मिर्जा ने कहा है कि डर के माहौल में कला हमेशा प्रभावित होती है, लेकिन यही माहौल कला की चिंगारी को भड़काता भी है. दिया जल्द ही कश्मीर में फिल्माई वेब श्रृंखला 'काफिर' में नजर आएंगी.
मुंबई: अभिनेत्री दिया मिर्जा का कहना है कि डर के माहौल में कला हमेशा प्रभावित होती है लेकिन यही माहौल कला की चिंगारी को भड़काता भी है.
एक्ट्रेस जल्द ही कश्मीर में फिल्माई वेब श्रृंखला 'काफिर' में नजर आएंगी. यह एक पाकिस्तानी युवती की कहानी है. जो एक मां है, जिसे रहस्यमयी परिस्थितियों में भारत पहुंच जाने के बाद कैद कर लिया जाता है.
गुरूवार रात को आयोजित 'काफिर' के विशेष कार्यक्रम में एक्ट्रेस से जब पूछा गया कि वह मौजूदा 'हम बनाम वे' विभाजन और पाकिस्तानी कलाकारों को प्रतिबंधित करने के दौर को कैसे देखती हैं तो दिया ने कहा, 'डर के माहौल में कला को हमेशा भुगतना पड़ता है. लेकिन साथ ही इसी डर की वजह से वह मजबूत और फिर से जिंदा भी होती है.'
उन्होंने आगे कहा कि मौजूदा पूर्वाग्रह उम्मीद और प्यार के लिए बेहद नुकसानदेह हैं.
एक्ट्रेस ने कहा, 'मेरा मानना है कि ये पूर्वाग्रह जो हम पर थोपे गए हैं वे हमें न सिर्फ अपने पड़ोसियों से दूर ले जाते हैं बल्कि हमें खुद से भी दूर ले जाते हैं.'
दिया ने कहा, 'जब हम अपने आप को आशा और प्रेम का संचार करने का अवसर देने से इनकार करते हैं, तो हम केवल दुनिया को व्यक्त कर रहे हैं कि हम कितने भयभीत हैं.'
मुंबई: अभिनेत्री दिया मिर्जा का कहना है कि डर के माहौल में कला हमेशा प्रभावित होती है लेकिन यही माहौल कला की चिंगारी को भड़काता भी है.
एक्ट्रेस जल्द ही कश्मीर में फिल्माई वेब श्रृंखला 'काफिर' में नजर आएंगी. यह एक पाकिस्तानी युवती की कहानी है. जो एक मां है, जिसे रहस्यमयी परिस्थितियों में भारत पहुंच जाने के बाद कैद कर लिया जाता है.
गुरूवार रात को आयोजित 'काफिर' के विशेष कार्यक्रम में एक्ट्रेस से जब पूछा गया कि वह मौजूदा 'हम बनाम वे' विभाजन और पाकिस्तानी कलाकारों को प्रतिबंधित करने के दौर को कैसे देखती हैं तो दिया ने कहा, 'डर के माहौल में कला को हमेशा भुगतना पड़ता है. लेकिन साथ ही इसी डर की वजह से वह मजबूत और फिर से जिंदा भी होती है.'
उन्होंने आगे कहा कि मौजूदा पूर्वाग्रह उम्मीद और प्यार के लिए बेहद नुकसानदेह हैं.
एक्ट्रेस ने कहा, 'मेरा मानना है कि ये पूर्वाग्रह जो हम पर थोपे गए हैं वे हमें न सिर्फ अपने पड़ोसियों से दूर ले जाते हैं बल्कि हमें खुद से भी दूर ले जाते हैं.'
दिया ने कहा, 'जब हम अपने आप को आशा और प्रेम का संचार करने का अवसर देने से इनकार करते हैं, तो हम केवल दुनिया को व्यक्त कर रहे हैं कि हम कितने भयभीत हैं.'
बता दें कि भवानी अय्यर द्वारा लिखित और सिद्धार्थ मल्होत्रा द्वारा निर्मित, सोनम नायर के निर्देशन में बनी 'काफिर' 15 जून से जी5 पर प्रसारित होगी.
Conclusion: