ETV Bharat / jagte-raho

एक्ट्रेस बनने की चाहत में भागी चार नाबालिग लड़कियां, महिला आयोग ने सूरत से किया रेस्क्यू - दिल्ली पुलिस

दिल्ली महिला आयोग को दिल्ली के किराड़ी से 4 लड़कियों के गायब होने सूचना मिली थी. जिनमें से दो सगी बहनें भी थीं, जिनकी उम्र 17 साल और 15 साल, जबकि दो अन्य 14 साल की लड़कियां थीं.

दिल्ली पुलिस और दिल्ली महिला आयोग ने संयुक्त रूप से चार नाबालिग लड़कियों को रेस्क्यू कराया है etv bharat
author img

By

Published : Jul 28, 2019, 3:24 PM IST

नई दिल्ली : गुजरात के सूरत से दिल्ली पुलिस और दिल्ली महिला आयोग ने संयुक्त रूप से चार नाबालिग लड़कियों को रेस्क्यू कराया है. जो घर से एक्ट्रेस बनने के लिए मुम्बई गई थीं, लेकिन सूरत ही उतर गई थीं.

संयुक्त टीम का गठन किया गया था

बता दें कि दिल्ली महिला आयोग को दिल्ली के किराड़ी से 4 लड़कियों के गायब होने सूचना मिली थी. जिनमें से दो सगी बहनें भी थीं, जिनकी उम्र 17 साल और 15 साल, जबकि दो अन्य 14 साल की लड़कियां थीं. इनके माता पिता ने गुमशुदगी की सूचना पुलिस में दर्ज कराई थी और दिल्ली महिला आयोग की महिला पंचायत को भी इस मामला को लेकर सूचित किया था. इसके बाद से दिल्ली पुलिस और दिल्ली महिला आयोग की एक संयुक्त टीम का गठन किया.

एक लड़की का आया था फोन

लड़कियों के माता-पिता ने पुलिस को बताया था कि लड़कियां दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन स्टेशन से ट्रेन में बैठी थी. इसके बाद पुलिस ने स्टेशन की सीसीटीवी से पता किया कि लड़कियां मुंबई जाने वाली ट्रेन में चढ़ी हैं. फिर उस फुटेज को पुलिस ने मुंबई पुलिस को भेजा दिया. इसी बीच 19 जुलाई को एक लड़की ने अपने माता-पिता को फोन किया और बताया कि अभी वे सूरत में हैं और दिल्ली वापस आना चाहती हैं.

इसके बाद, दिल्ली महिला आयोग की सदस्य फिरदौस खान ने तुरंत पुलिस उपायुक्त से संपर्क कर सूरत जाने के लिए एक टीम का गठन किया और दिल्ली पुलिस लड़कियों को दिल्ली वापस लेकर आई. फिर उन्हें अदालत के समक्ष पेश करने के बाद उनके माता-पिता को सौंप दिया गया है.

लड़कियां बनना चाहती थीं बॉलीवुड अभिनेत्री

लड़कियों ने बताया कि वे बॉलीवुड अभिनेत्री बनना चाहती थीं, इसलिए घर से भागी थीं, लेकिन सूरत में उतर गईं और एक आदमी से मिलीं, जो अपने घर ले गया और उनका सामान ले लिया.

लड़कियों ने बताया कि उस आदमी ने उन्हें किसी तरह से परेशान तो नहीं किया, मगर वे वहां रहते-रहते परेशान हो गईं, इसीलिए उन्होंने अपने माता पिता को फोन कर उन्हें दिल्ली वापस ले जाने के लिए कहा.

संयुक्त प्रयास से बची चार लड़कियां

इस पूरे मामले को लेकर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल ने कहा कि दिल्ली पुलिस और दिल्ली महिला आयोग के संयुक्त प्रयास से चार लड़कियों को बचा लिया गया है. उन्होंने कहा कि मैं यह सोच कर ही कांप उठती हूं कि अगर ये लड़कियां सही समय पर न बचाई जातीं, तो इनके साथ क्या होता. मैं सभी माता-पिता से यह आग्रह करती हूं कि वे समय-समय पर अपने बच्चों से बात करें और उनको घर से भागने के खतरों के बार में आगाह कराएं.

उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस को इस मामले में मानव तस्करी के एंगल को भी ध्यान में रखते हुए ठीक से जांच करनी चाहिए.

नई दिल्ली : गुजरात के सूरत से दिल्ली पुलिस और दिल्ली महिला आयोग ने संयुक्त रूप से चार नाबालिग लड़कियों को रेस्क्यू कराया है. जो घर से एक्ट्रेस बनने के लिए मुम्बई गई थीं, लेकिन सूरत ही उतर गई थीं.

संयुक्त टीम का गठन किया गया था

बता दें कि दिल्ली महिला आयोग को दिल्ली के किराड़ी से 4 लड़कियों के गायब होने सूचना मिली थी. जिनमें से दो सगी बहनें भी थीं, जिनकी उम्र 17 साल और 15 साल, जबकि दो अन्य 14 साल की लड़कियां थीं. इनके माता पिता ने गुमशुदगी की सूचना पुलिस में दर्ज कराई थी और दिल्ली महिला आयोग की महिला पंचायत को भी इस मामला को लेकर सूचित किया था. इसके बाद से दिल्ली पुलिस और दिल्ली महिला आयोग की एक संयुक्त टीम का गठन किया.

एक लड़की का आया था फोन

लड़कियों के माता-पिता ने पुलिस को बताया था कि लड़कियां दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन स्टेशन से ट्रेन में बैठी थी. इसके बाद पुलिस ने स्टेशन की सीसीटीवी से पता किया कि लड़कियां मुंबई जाने वाली ट्रेन में चढ़ी हैं. फिर उस फुटेज को पुलिस ने मुंबई पुलिस को भेजा दिया. इसी बीच 19 जुलाई को एक लड़की ने अपने माता-पिता को फोन किया और बताया कि अभी वे सूरत में हैं और दिल्ली वापस आना चाहती हैं.

इसके बाद, दिल्ली महिला आयोग की सदस्य फिरदौस खान ने तुरंत पुलिस उपायुक्त से संपर्क कर सूरत जाने के लिए एक टीम का गठन किया और दिल्ली पुलिस लड़कियों को दिल्ली वापस लेकर आई. फिर उन्हें अदालत के समक्ष पेश करने के बाद उनके माता-पिता को सौंप दिया गया है.

लड़कियां बनना चाहती थीं बॉलीवुड अभिनेत्री

लड़कियों ने बताया कि वे बॉलीवुड अभिनेत्री बनना चाहती थीं, इसलिए घर से भागी थीं, लेकिन सूरत में उतर गईं और एक आदमी से मिलीं, जो अपने घर ले गया और उनका सामान ले लिया.

लड़कियों ने बताया कि उस आदमी ने उन्हें किसी तरह से परेशान तो नहीं किया, मगर वे वहां रहते-रहते परेशान हो गईं, इसीलिए उन्होंने अपने माता पिता को फोन कर उन्हें दिल्ली वापस ले जाने के लिए कहा.

संयुक्त प्रयास से बची चार लड़कियां

इस पूरे मामले को लेकर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल ने कहा कि दिल्ली पुलिस और दिल्ली महिला आयोग के संयुक्त प्रयास से चार लड़कियों को बचा लिया गया है. उन्होंने कहा कि मैं यह सोच कर ही कांप उठती हूं कि अगर ये लड़कियां सही समय पर न बचाई जातीं, तो इनके साथ क्या होता. मैं सभी माता-पिता से यह आग्रह करती हूं कि वे समय-समय पर अपने बच्चों से बात करें और उनको घर से भागने के खतरों के बार में आगाह कराएं.

उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस को इस मामले में मानव तस्करी के एंगल को भी ध्यान में रखते हुए ठीक से जांच करनी चाहिए.

Intro:गुजरात के सूरत से दिल्ली पुलिस और दिल्ली महिला आयोग ने संयुक्त रूप से चार नाबालिग लड़कियों को रेस्क्यू कराया है, जो घर से एक्ट्रेस बनने के लिए मुम्बई गई थीं, लेकिन सूरत ही उतर गई थीं.Body:3 जुलाई को दिल्ली महिला आयोग को दिल्ली के किराड़ी से 4 लड़कियों के गायब होने सूचना मिली, जिनमें से दो सगी बहनें थीं, जिनकी उम्र 17 साल और 15 साल, जबकि दो अन्य 14 साल की थीं. इनके माता पिता ने गुमशुदगी की सूचना पुलिस में दर्ज कराई थी और दिल्ली महिला आयोग की महिला पंचायत को भी इसे लेकर सूचित किया. इसके बाद दिल्ली पुलिस और दिल्ली महिला आयोग की एक संयुक्त टीम का गठन हुआ.

लड़कियों के माता पिता ने बताया था कि लड़कियां हज़रत निजामुद्दीन स्टेशन से ट्रेन में बैठी हैं. इसके बाद रेलवे स्टेशन की सीसीटीवी से पता चला कि वे मुंबई जाने वाली ट्रेन में चढ़ी हैं. फिर उस फुटेज को मुंबई पुलिस को भेजा गया. इसी बीच 19 जुलाई को एक लड़की ने अपने माता पिता को फ़ोन किया और बताया कि अभी वे सूरत में हैं और दिल्ली वापस आना चाहती हैं.

इसके बाद, दिल्ली महिला आयोग की सदस्य फिरदौस खान ने तुरंत पुलिस उपायुक्त से संपर्क किया, जिन्होंने सूरत जाने के लिए एक टीम का गठन किया और दिल्ली पुलिस लड़कियों को दिल्ली वापस लेकर आई. फिर उन्हें अदालत के समक्ष पेश करने के बाद उनके माता पिता को सौंप दिया गया है. लड़कियों ने बताया कि वे बॉलीवुड अभिनेत्री बनना चाहती थीं, इसलिए घर से भागी थीं, लेकिन सूरत में उतर गईं और एक आदमी से मिलीं, जो अपने घर ले गया और उनका सामान ले लिया. लड़कियों ने बताया कि उस आदमी ने उन्हें किसी तरह से परेशान तो नहीं किया, मगर वे वहां रहते रहते परेशान हो गईं, इसीलिए उन्होंने अपने माता पिता को उन्हें दिल्ली वापस ले जाने के लिए फ़ोन किया. Conclusion:इस पूरे मामले को लेकर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाती मालीवाल ने कहा कि दिल्ली पुलिस और दिल्ली महिला आयोग के संयुक्त प्रयास से चार लड़कियों को बचा लिया गया है. मैं यह सोच कर ही कांप उठती हूं कि अगर ये लड़कियां सही समय पर न बचाई जातीं, तो इनके साथ क्या होता. मैं सभी माता पिता से यह आग्रह करती हूं कि वे समय समय पर अपने बच्चों से बात करें और उनको घर से भागने के खतरों के बारे में आगाह कराएं. उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस को इस मामले में मानव तस्करी के एंगल को भी ध्यान में रखते हुए ठीक से जांच करनी चाहिए.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.