नई दिल्ली: दिल्ली मेट्रो में सफर के दौरान यात्रियों से ठगी करने वाले एक गैंग के दो शातिर बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. यह गैंग नोटों के बंडल में सादे कागज भरकर अपने शिकार को थमा देते थे. बदले में उसका सामान लेकर वह फरार हो जाते थे. पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी से फिलहाल तीन वारदातों को सुलझाने का दावा किया है. पुलिस ने इनके पास से एक बैग, 7500 रुपये नगद, एक एटीएम कार्ड आदि बरामद किए हैं.
डीसीपी विक्रम पोरवाल के अनुसार बीते 15 मई को गुजरात निवासी नीलेश मेट्रो में सफर कर रहे थे. वह बॉटनिकल गार्डन से मेट्रो में सवार होकर नई दिल्ली जा रहे थे. रास्ते में मयूर विहार पर दो लोगों ने रुपए का बंडल दिखाकर उनके साथ ठगी की. वह उनका बैग लेकर चले गए जिसमें उनका फोन, पासबुक, एटीएम कार्ड आदि रखे हुए थे. उन्होंने पीड़ित के एटीएम का पिन नंबर भी ले लिया था, जिसकी मदद से उन्होंने 19 हजार रुपये निकाल लिए थे.
कालकाजी इलाके में भी दिया वारदात को अंजाम
6 मई को ऐसी ही एक घटना अनिल कुमार नामक शख्स के साथ हुई. उसके साथ भी इसी तरीके से ठगी की गई. इस वारदात में बदमाश उनके बैग में रखे मोबाइल फोन, एटीएम कार्ड, 12 हजार रुपये नगद एवं अन्य दस्तावेज ले गए. बाद में उसके एटीएम कार्ड से इन बदमाशों ने 80 हजार रुपये निकाल लिए थे. इस बाबत ओखला विहार मेट्रो थाने में मामला दर्ज किया गया था. इन वारदातों को ध्यान में रखते हुए स्पेशल स्टाफ के इंस्पेक्टर मोहिंदर सिंह की देखरेख में एएसआई लखविंदर सिंह को जांच में लगाया गया.
एक ही गैंग दोनों वारदातों में शामिल
छानबीन के दौरान दोनों ही जगह की सीसीटीवी फुटेज पुलिस ने ली. इससे यह पता चला कि दोनों वारदात में एक ही गैंग शामिल था. पुलिस टीम ने बीते 6 जनवरी को एक गुप्त सूचना पर दोनों बदमाशों को प्रगति मैदान के पास से गिरफ्तार कर लिया. इनकी पहचान दानिश और सार्थन के रूप में की गई. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह मेट्रो स्टेशन बस स्टॉप रेलवे स्टेशन पर इस तरह से बीते 3 साल से वारदात कर रहे हैं. छानबीन के दौरान पुलिस को पता लगा कि 28 अक्टूबर 2019 को उन्होंने गुरूग्राम में एक यात्री का बैग चोरी कर उसके एटीएम से 37000 रुपये निकाल लिए थे. इस बाबत गुरुग्राम मेट्रो में मामला दर्ज है.
ऐसे वारदात को देते थे अंजाम
वह पहले अपने शिकार को चिन्हित करने के बाद उसे नोटों का एक बंडल दिखाते थे. इस बंडल में ऊपर और नीचे असली नोट होते हैं. जबकि बीच में कागज लगे हुए होते हैं. शिकार को बताया जाता है कि वह अपने मालिक के घर से यह पैसे चुरा कर लाए हैं. उनका सामान लेकर उसके बदले में यह कागज थमाकर वह फरार हो जाते थे.