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ईरान के साथ परमाणु समझौते को कायम रखने के लिए वार्ता शुरू, चुनौतियां बरकरार - iran nuclear deal

ईरान की विश्व शक्तियों के साथ परमाणु समझौते को बहाल करने के लिए सहमति बन गई है. इसको लेकर ईरान और विश्व शक्तियों के बीच वार्ता भी शुरू हो गई है.

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Published : Jun 12, 2021, 9:12 PM IST

वियना : ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए हुए ऐतिहासिक समझौते को बहाल करने के उद्देश्य से शनिवार को ईरान और विश्व शक्तियों के बीच वार्ता शुरू हुई. बता दें कि ट्रंप प्रशासन ने वर्ष 2018 में इस समझौते से अमेरिका को अलग कर लिया था.

चीन, जर्मनी, फ्रांस, रूस और ब्रिटेन के शीर्ष राजनयिकों की ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना स्थित होटल में मिलने का निर्णय किया गया.

शीर्ष रूसी प्रतिनिधि मिखाइल उल्यानोव ने ट्वीट में कहा कि वार्ता प्रतिभागियों को बातचीत सफलतापूर्ण और तेजी से पूर्ण करने के तरीकों पर राय साझा करने का मौका देगी.

इस साल की शुरुआत में वियना में शुरू हुई बैठकों का अमेरिका औपचारिक रूप से हिस्सा नहीं है लेकिन राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने संकेत दिया है कि वह समझौते से जुड़ने के इच्छुक हैं. माना जा रहा है कि इसके लिए शर्त होगी कि अमेरिका ईरान के खिलाफ प्रतिबंधों को वापस लेगा और तेहरान वर्ष-2015 के समझौते के अनुकूल परमाणु गतिविधियों को सीमित करने की शर्त को मानेगा.

पढ़ें :- परमाणु कार्यक्रम को लेकर भड़के ईरान के राष्ट्रपति

राजनयिकों का कहना है कि इस वार्ता में कई जटिलताएं हैं जिनमें अमेरिका के समझौते से बाहर होने के बाद ईरान द्वारा परमाणु कार्यक्रम को दी गई गति से निपटने के प्रस्तावित कदमों का क्रम और अगले सप्ताह ईरान के राष्ट्रपति का होने वाला चुनाव शामिल है.

(एपी)

वियना : ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए हुए ऐतिहासिक समझौते को बहाल करने के उद्देश्य से शनिवार को ईरान और विश्व शक्तियों के बीच वार्ता शुरू हुई. बता दें कि ट्रंप प्रशासन ने वर्ष 2018 में इस समझौते से अमेरिका को अलग कर लिया था.

चीन, जर्मनी, फ्रांस, रूस और ब्रिटेन के शीर्ष राजनयिकों की ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना स्थित होटल में मिलने का निर्णय किया गया.

शीर्ष रूसी प्रतिनिधि मिखाइल उल्यानोव ने ट्वीट में कहा कि वार्ता प्रतिभागियों को बातचीत सफलतापूर्ण और तेजी से पूर्ण करने के तरीकों पर राय साझा करने का मौका देगी.

इस साल की शुरुआत में वियना में शुरू हुई बैठकों का अमेरिका औपचारिक रूप से हिस्सा नहीं है लेकिन राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने संकेत दिया है कि वह समझौते से जुड़ने के इच्छुक हैं. माना जा रहा है कि इसके लिए शर्त होगी कि अमेरिका ईरान के खिलाफ प्रतिबंधों को वापस लेगा और तेहरान वर्ष-2015 के समझौते के अनुकूल परमाणु गतिविधियों को सीमित करने की शर्त को मानेगा.

पढ़ें :- परमाणु कार्यक्रम को लेकर भड़के ईरान के राष्ट्रपति

राजनयिकों का कहना है कि इस वार्ता में कई जटिलताएं हैं जिनमें अमेरिका के समझौते से बाहर होने के बाद ईरान द्वारा परमाणु कार्यक्रम को दी गई गति से निपटने के प्रस्तावित कदमों का क्रम और अगले सप्ताह ईरान के राष्ट्रपति का होने वाला चुनाव शामिल है.

(एपी)

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