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यूएनएससी में सुधार प्रक्रियागत हथकंडों से अवरुद्ध नहीं होना चाहिए : जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूएनएससी में आवश्यक सुधारों पर बातचीत की प्रक्रिया को जारी रखने पर बल दिया. उन्होंने कहा कि इसका विरोध करने वाले सदस्य 'हमेशा के लिए इस प्रक्रिया को रोक कर' नहीं रख सकते हैं.

UN Security Council reform should not be blocked by procedural gimmicks says Jaishankar
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार प्रक्रियागत हथकंडों से अवरुद्ध नहीं होना चाहिए : जयशंकर
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Published : Sep 25, 2022, 6:33 AM IST

संयुक्त राष्ट्र: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में बेहद आवश्यक सुधारों पर बातचीत प्रक्रियागत हथकंडों से अवरुद्ध नहीं होनी चाहिए तथा इसका विरोध करने वाले सदस्य 'हमेशा के लिए इस प्रक्रिया को रोक कर' नहीं रख सकते हैं. भारत अभी 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य है और वह इस साल दिसंबर में अपना दो साल का कार्यकाल पूरा करेगा.

जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के उच्च स्तरीय सत्र में कहा, 'भारत बड़ी जिम्मेदारियां उठाने के लिए तैयार है लेकिन साथ ही वह यह सुनिश्चित करना चाहता है कि विश्व के एक हिस्से के साथ हुए अन्याय से निर्णायक रूप से निपटा जाए.' उन्होंने कहा, 'हमारे कार्यकाल में हमने कुछ गंभीर लेकिन विभाजनकारी मुद्दों पर एक पुल के तौर पर काम किया है.

ये भी पढ़ें- चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग हाउस अरेस्ट?, मानवाधिकार कार्यकर्ता के बाद सुब्रमण्यम स्वामी का सामने आया ट्वीट

हमने समुद्री सुरक्षा, शांति रक्षा तथा आतंकवाद से निपटने जैसे मुद्दों पर भी अपना ध्यान केंद्रित किया.' विदेश मंत्री ने जोर दिया कि भारत यह मांग करता है कि सुरक्षा परिषद में सुधार के गंभीर मुद्दे पर गहन बातचीत होनी चाहिए. उन्होंने कहा, 'इसे प्रक्रियागत हथकंडों से अवरुद्ध न किया जाए। इसका विरोध करने वाले इस प्रक्रिया को हमेशा के लिए अवरुद्ध नहीं कर सकते हैं.'

(पीटीआई-भाषा)

संयुक्त राष्ट्र: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में बेहद आवश्यक सुधारों पर बातचीत प्रक्रियागत हथकंडों से अवरुद्ध नहीं होनी चाहिए तथा इसका विरोध करने वाले सदस्य 'हमेशा के लिए इस प्रक्रिया को रोक कर' नहीं रख सकते हैं. भारत अभी 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य है और वह इस साल दिसंबर में अपना दो साल का कार्यकाल पूरा करेगा.

जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के उच्च स्तरीय सत्र में कहा, 'भारत बड़ी जिम्मेदारियां उठाने के लिए तैयार है लेकिन साथ ही वह यह सुनिश्चित करना चाहता है कि विश्व के एक हिस्से के साथ हुए अन्याय से निर्णायक रूप से निपटा जाए.' उन्होंने कहा, 'हमारे कार्यकाल में हमने कुछ गंभीर लेकिन विभाजनकारी मुद्दों पर एक पुल के तौर पर काम किया है.

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हमने समुद्री सुरक्षा, शांति रक्षा तथा आतंकवाद से निपटने जैसे मुद्दों पर भी अपना ध्यान केंद्रित किया.' विदेश मंत्री ने जोर दिया कि भारत यह मांग करता है कि सुरक्षा परिषद में सुधार के गंभीर मुद्दे पर गहन बातचीत होनी चाहिए. उन्होंने कहा, 'इसे प्रक्रियागत हथकंडों से अवरुद्ध न किया जाए। इसका विरोध करने वाले इस प्रक्रिया को हमेशा के लिए अवरुद्ध नहीं कर सकते हैं.'

(पीटीआई-भाषा)

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