इस्लामाबाद: इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की तीन साल जेल की सजा को निलंबित करने की मांग वाली याचिका पर सोमवार को फिर सुनवाई शुरू की. इस्लामाबाद की एक निचली अदालत ने पांच अगस्त को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष खान (70) को दोषी ठहराया और उन्हें तीन साल जेल की सजा सुनाई थी. इमरान खान को 2018 से 2022 के उनके प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान उन्हें और उनके परिवार को मिले सरकारी उपहारों को अवैध रूप से बेचने के आरोप में सजा सुनाई गई थी. उनके आगामी चुनाव लड़ने पर रोक लगाते हुए उन्हें पांच साल के लिए राजनीति से भी प्रतिबंधित किया गया था.
डॉन समाचार पत्र की खबर के मुताबिक, इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक और न्यायमूर्ति तारिक महमूद जहांगिरी की खंडपीठ सुनवाई कर रही है और दोनों पक्षों के वकील अदालत में मौजूद हैं. न्यायाधीशों ने पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील अमजद परवेज के बीमार होने की वजह से अदालत में पेश नहीं हो पाने के बाद शुक्रवार को सुनवाई स्थगित कर दी थी.
खान के वकील लतीफ खोसा ने दोषसिद्धि के खिलाफ अपनी बहस बृहस्पतिवार को पूरी कर ली थी और जोर देकर कहा था कि यह फैसला बहुत जल्दबाजी में दिया और खामियों से भरा हुआ है. उन्होंने अदालत से फैसले को रद्द करने का आग्रह किया था लेकिन बचाव पक्ष ने अपनी बहस को पूरी करने के लिए और वक्त दिए जाने की मांग की थी. कई लोगों का मानना है कि खान को दोषी ठहराने वाले फैसले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा खामियों को उजागर करने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री के हक में फैसला आ सकता है. खबर के मुताबिक, पिछले सप्ताह सर्वोच्च न्यायालय ने खान की सजा में 'प्रक्रियात्मक खामियों' को स्वीकार किया लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री की याचिका पर इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के फैसले का इंतजार करने का विकल्प चुनने की बात कही.
पिछले साल अक्टूबर में पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) की शिकायत पर यह मामला शुरू किया गया था. आयोग ने इसी मामले में पूर्व में खान को अयोग्य घोषित करार दिया था.
पीटीआई-भाषा