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ब्रिटिश सांसदों ने यूरोपीय संघ के साथ ब्रेक्जिट 'ऐतिहासिक' करार को मंजूरी दी

ब्रिटेन के सांसदों ने यूरोपीय संघ के साथ व्यापार समझौते को मंजूरी दी. इसके जरिए नए साल में यूरोपीय संघ से व्यवस्थित रूप से हटने का मार्ग प्रशस्त होगा और ब्रेक्जिट की प्रक्रिया पूर्ण होगी.

ब्रेग्जिट करार पर मतदान
ब्रेग्जिट करार पर मतदान
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Published : Dec 30, 2020, 9:25 PM IST

Updated : Dec 30, 2020, 9:39 PM IST

लंदन : ब्रिटेन की संसद ने बुधवार को ब्रेक्जिट करार को 73 के मुकाबले 521 मतों से मंजूरी दे दी.

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने यूरोपीय संघ (ईयू) से अलग होने के तहत हुए मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) को संसदीय मंजूरी दिलाने के लिए क्रिसमस की छुट्टियों के बाद बुधवार को संसद का सत्र बुलाया था, ताकि अगले साल एक जनवरी को ईयू से भविष्य में होने वाले संबंधों के लिए प्रभावी हो रहा कानून संसदीय मंजूरी के साथ सभी बाधाएं पार कर जाए.

ब्रेक्जिट के लिए 31 दिसंबर तक की समय सीमा से महज कुछ समय पहले बनी सहमति के बाद 80 पन्नों का विधेयक संसद में पेश किया गया. इस पर पहले हाउस ऑफ कॉमन्स में सांसदों ने चर्चा की और उसके बाद विधेयक पर हाउस ऑफ लार्ड में चर्चा हुई.

जॉनसन ने सांसदों से ‘ऐतिहासिक विधेयक’ का समर्थन करने का आह्वान किया था. उन्होंने कहा कि यह ब्रिटेन की यूरोपीय पड़ोसियों के साथ दरार नहीं, बल्कि समाधान है.

दोनों सदनों से पारित होने के बाद विधेयक को ब्रिटेन की रानी के पास भेजा जाएगा ताकि उनकी मंजूरी मिल सके.

जॉनसन ने हाउस ऑफ कामन्स में अपने शुरुआती भाषण में कहा, 'हम दरार नहीं चाहते, बल्कि समाधान चाहते हैं.'

उन्होंने कहा, 'अब इस विधेयक के साथ हमारा मित्रतापूर्ण पड़ोस होगा. ईयू को सर्वोत्तम मित्र और सहयोगी मिलेगा. जहां कहीं भी हमारे मूल्य और हितों में परस्परता होगी, हम मिलकर काम करेंगे. साथ ही ब्रिटिश लोगों की प्रभुतासंपन्न इस मांग को पूरा किया जा सकेगा कि हम अपनी संसद द्वारा बनाए गए अपने कानूनों के तहत रहना चाहते हैं. इस विधेयक ने यह ऐतिहासिक समाधान दिया है.'

पढ़ें- यूके और यूरोपीय संघ के बीच ब्रेग्जिट के बाद ट्रेड डील पर सहमति

गौरतलब है कि एक बार संसद से विधेयक पारित होने के बाद यह बृहस्पतिवार को अंतरराष्ट्रीय समयानुसार रात 11 बजे से प्रभावी हो जाएगा.

लंदन : ब्रिटेन की संसद ने बुधवार को ब्रेक्जिट करार को 73 के मुकाबले 521 मतों से मंजूरी दे दी.

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने यूरोपीय संघ (ईयू) से अलग होने के तहत हुए मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) को संसदीय मंजूरी दिलाने के लिए क्रिसमस की छुट्टियों के बाद बुधवार को संसद का सत्र बुलाया था, ताकि अगले साल एक जनवरी को ईयू से भविष्य में होने वाले संबंधों के लिए प्रभावी हो रहा कानून संसदीय मंजूरी के साथ सभी बाधाएं पार कर जाए.

ब्रेक्जिट के लिए 31 दिसंबर तक की समय सीमा से महज कुछ समय पहले बनी सहमति के बाद 80 पन्नों का विधेयक संसद में पेश किया गया. इस पर पहले हाउस ऑफ कॉमन्स में सांसदों ने चर्चा की और उसके बाद विधेयक पर हाउस ऑफ लार्ड में चर्चा हुई.

जॉनसन ने सांसदों से ‘ऐतिहासिक विधेयक’ का समर्थन करने का आह्वान किया था. उन्होंने कहा कि यह ब्रिटेन की यूरोपीय पड़ोसियों के साथ दरार नहीं, बल्कि समाधान है.

दोनों सदनों से पारित होने के बाद विधेयक को ब्रिटेन की रानी के पास भेजा जाएगा ताकि उनकी मंजूरी मिल सके.

जॉनसन ने हाउस ऑफ कामन्स में अपने शुरुआती भाषण में कहा, 'हम दरार नहीं चाहते, बल्कि समाधान चाहते हैं.'

उन्होंने कहा, 'अब इस विधेयक के साथ हमारा मित्रतापूर्ण पड़ोस होगा. ईयू को सर्वोत्तम मित्र और सहयोगी मिलेगा. जहां कहीं भी हमारे मूल्य और हितों में परस्परता होगी, हम मिलकर काम करेंगे. साथ ही ब्रिटिश लोगों की प्रभुतासंपन्न इस मांग को पूरा किया जा सकेगा कि हम अपनी संसद द्वारा बनाए गए अपने कानूनों के तहत रहना चाहते हैं. इस विधेयक ने यह ऐतिहासिक समाधान दिया है.'

पढ़ें- यूके और यूरोपीय संघ के बीच ब्रेग्जिट के बाद ट्रेड डील पर सहमति

गौरतलब है कि एक बार संसद से विधेयक पारित होने के बाद यह बृहस्पतिवार को अंतरराष्ट्रीय समयानुसार रात 11 बजे से प्रभावी हो जाएगा.

Last Updated : Dec 30, 2020, 9:39 PM IST
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