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जी-7 शिखर सम्मेलन के पहले ट्रम्प बनाम युरोपीय संघ

जी-7 के शिखर सम्मेलन में भाग लेने से पहले युरोपीय संघ के नेता और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक दूसरे के खिलाफ व्यापार युद्ध की धमकी भरे बयान जारी किए है. सम्मेलन में यूरोप और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ने की आशंका है. जानें क्या है मसला...

जी-7 शिखर सम्मेलन
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Published : Aug 25, 2019, 11:57 AM IST

Updated : Sep 28, 2019, 5:02 AM IST

बिआरित्ज: विकसित देशों के समूह जी-7 के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिये पहुंचे नेताओं और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक दूसरे के खिलाफ व्यापार युद्ध की धमकी भरे बयान जारी किए. इस तरह सम्मेलन पर यूरोप और अमेरिका के बीच तनाव की छाया मडराने लगी है.

यूरोपीय संघ के अध्यक्ष डोनाल्ड टस्क ने अंधमहासागर तट के सुरम्य शहर बिआरित्ज में कहा, 'व्यापार युद्ध से मंदी आएगी जबकि व्यापार समझौते से अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा.'

दरअसल, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने विशेष विमान एयरफोर्स वन से बिआरित्ज के लिए उड़ान भरने से ठीक पहले धमकी दी थी.

उन्होंने कहा कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अमेरिकी प्रौद्योगिकी कंपनियों पर लगाया कर वापस नहीं लिया तो वह फ्रेंच वाइन पर भारी-भरकम शुल्क लगाएंगे.

वहीं टस्क ने इसके उत्तर में कहा कि यूरोपीय संघ भी बराबर की प्रतिक्रिया करेगा. उन्होंने कहा, 'अपने सबसे अच्छे सहयोगी अमेरिका के साथ टकराव का रास्ता हमारे लिए अंतिम विकल्प होगा. हमने यह पहल नहीं की है, व्यापार और शुल्क का यह संघर्ष, हमने शुरू नहीं किया है. लेकिन हमें तैयार रहना चाहिये और हम तैयार हैं.'

हालांकि, जी-7 शिखर सम्मेलन विकसित देशों के नेताओं के लिये विभिन्न मुद्दों पर खुलकर बातचीत करने का मंच रहा है. हालांकि ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद यह स्थिति ऐसी नहीं रह गयी.

बहरहाल, यूरोपीय नेता इस सम्मेलन में अमेजन के सदाबहार वन क्षेत्र में भड़के दावानल को रोकने के लिये दबाव बना सकते हैं. हालांकि ब्राजील के दक्षिणपंथी राष्ट्रपति जेअर बोलसोनरो दावानल को लेकर इस तरह की बात को बाहरी हस्तक्षेप करार दे कर इस पर नाराजगी प्रकट करते हैं.

टस्क ने फ्रांस की चेतावनी को दोहराते हुए कहा कि बोलसोनारो द्वारा आमेजन के जंगलों की लगी आग पर दी गयी प्रतिक्रिया तथा जलवायु परिवर्तन को नजरअंदाज किया है. इससे यूरोपीय संघ और दक्षिणी अमेरिकी देशों के बीच हुआ एक प्रमुख व्यापार सौदा सवालों के घेरे में आ गया है.

पढ़ें- ट्रंप ने जी7 शिखर सम्मेलन से पहले फ्रेंच वाइन पर शुल्क लगाने की धमकी दोहरायी

उल्लेखनीय है बिआरित्ज के बाहर जी-7 नेताओं को प्रदर्शनकारियों का सामना करना पड़ा. लोगों को रोकने के लिये फ्रांस की सरकार ने 13 हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया था.

इससे पहले ट्रंप ने शुक्रवार को चीन के साथ जारी व्यापार युद्ध को और भड़काने की बात की. ट्रंप ने चीन के द्वारा अमेरिका से आने वाले 75 अरब डॉलर के सामान पर शुल्क लगाने की प्रतिक्रिया में चीन के सामान पर लगा अतिरिक्त शुल्क पांच प्रतिशत और बढ़ा दिया है. उन्होंने कहा कि 'स्पष्ट कहें तो हमें चीन की जरूरत नहीं है. चीन के बिना हम अच्छी स्थिति में होंगे.'

ट्रंप ने फ्रांस के द्वारा अमेरिका की प्रौद्योगिकी कंपनियों पर शुल्क लगाने के बारे में ह्वाइट हाउस से रवाना होने से ठीक पहले संवाददाताओं से कहा, 'वे अमेरिका की शानदार कंपनियां हैं और स्पष्ट कहूं तो मैं यह नहीं चाहता कि फ्रांस हमारी कंपनियों से कर वसूले. यह बिलकुल अनुचित है.'

उन्होंने कहा, 'यदि वे (फ्रांस) ऐसा करते हैं तो हम उनके वाइन पर शुल्क लगाने वाले हैं या कोई और तरीका निकालेंगे. हम उनके वाइन पर इस प्रकार शुल्क लगाएंगे, जैसा उन्होंने पहले कभी नहीं देखा हुआ है.'

ज्ञात हो ब्रिटेन के नये प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के लिये यह शिखर सम्मेलन पहला अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम होगा.
गौरतलब है इस सम्मेलन के दौरान अमेरिका और ईरान के तनाव पर भी चर्चा हो सकती है.

बिआरित्ज: विकसित देशों के समूह जी-7 के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिये पहुंचे नेताओं और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक दूसरे के खिलाफ व्यापार युद्ध की धमकी भरे बयान जारी किए. इस तरह सम्मेलन पर यूरोप और अमेरिका के बीच तनाव की छाया मडराने लगी है.

यूरोपीय संघ के अध्यक्ष डोनाल्ड टस्क ने अंधमहासागर तट के सुरम्य शहर बिआरित्ज में कहा, 'व्यापार युद्ध से मंदी आएगी जबकि व्यापार समझौते से अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा.'

दरअसल, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने विशेष विमान एयरफोर्स वन से बिआरित्ज के लिए उड़ान भरने से ठीक पहले धमकी दी थी.

उन्होंने कहा कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अमेरिकी प्रौद्योगिकी कंपनियों पर लगाया कर वापस नहीं लिया तो वह फ्रेंच वाइन पर भारी-भरकम शुल्क लगाएंगे.

वहीं टस्क ने इसके उत्तर में कहा कि यूरोपीय संघ भी बराबर की प्रतिक्रिया करेगा. उन्होंने कहा, 'अपने सबसे अच्छे सहयोगी अमेरिका के साथ टकराव का रास्ता हमारे लिए अंतिम विकल्प होगा. हमने यह पहल नहीं की है, व्यापार और शुल्क का यह संघर्ष, हमने शुरू नहीं किया है. लेकिन हमें तैयार रहना चाहिये और हम तैयार हैं.'

हालांकि, जी-7 शिखर सम्मेलन विकसित देशों के नेताओं के लिये विभिन्न मुद्दों पर खुलकर बातचीत करने का मंच रहा है. हालांकि ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद यह स्थिति ऐसी नहीं रह गयी.

बहरहाल, यूरोपीय नेता इस सम्मेलन में अमेजन के सदाबहार वन क्षेत्र में भड़के दावानल को रोकने के लिये दबाव बना सकते हैं. हालांकि ब्राजील के दक्षिणपंथी राष्ट्रपति जेअर बोलसोनरो दावानल को लेकर इस तरह की बात को बाहरी हस्तक्षेप करार दे कर इस पर नाराजगी प्रकट करते हैं.

टस्क ने फ्रांस की चेतावनी को दोहराते हुए कहा कि बोलसोनारो द्वारा आमेजन के जंगलों की लगी आग पर दी गयी प्रतिक्रिया तथा जलवायु परिवर्तन को नजरअंदाज किया है. इससे यूरोपीय संघ और दक्षिणी अमेरिकी देशों के बीच हुआ एक प्रमुख व्यापार सौदा सवालों के घेरे में आ गया है.

पढ़ें- ट्रंप ने जी7 शिखर सम्मेलन से पहले फ्रेंच वाइन पर शुल्क लगाने की धमकी दोहरायी

उल्लेखनीय है बिआरित्ज के बाहर जी-7 नेताओं को प्रदर्शनकारियों का सामना करना पड़ा. लोगों को रोकने के लिये फ्रांस की सरकार ने 13 हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया था.

इससे पहले ट्रंप ने शुक्रवार को चीन के साथ जारी व्यापार युद्ध को और भड़काने की बात की. ट्रंप ने चीन के द्वारा अमेरिका से आने वाले 75 अरब डॉलर के सामान पर शुल्क लगाने की प्रतिक्रिया में चीन के सामान पर लगा अतिरिक्त शुल्क पांच प्रतिशत और बढ़ा दिया है. उन्होंने कहा कि 'स्पष्ट कहें तो हमें चीन की जरूरत नहीं है. चीन के बिना हम अच्छी स्थिति में होंगे.'

ट्रंप ने फ्रांस के द्वारा अमेरिका की प्रौद्योगिकी कंपनियों पर शुल्क लगाने के बारे में ह्वाइट हाउस से रवाना होने से ठीक पहले संवाददाताओं से कहा, 'वे अमेरिका की शानदार कंपनियां हैं और स्पष्ट कहूं तो मैं यह नहीं चाहता कि फ्रांस हमारी कंपनियों से कर वसूले. यह बिलकुल अनुचित है.'

उन्होंने कहा, 'यदि वे (फ्रांस) ऐसा करते हैं तो हम उनके वाइन पर शुल्क लगाने वाले हैं या कोई और तरीका निकालेंगे. हम उनके वाइन पर इस प्रकार शुल्क लगाएंगे, जैसा उन्होंने पहले कभी नहीं देखा हुआ है.'

ज्ञात हो ब्रिटेन के नये प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के लिये यह शिखर सम्मेलन पहला अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम होगा.
गौरतलब है इस सम्मेलन के दौरान अमेरिका और ईरान के तनाव पर भी चर्चा हो सकती है.

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Last Updated : Sep 28, 2019, 5:02 AM IST
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