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भारत-ब्रिटेन संबंधों के लिए 'रोडमैप 2030' को अंतिम रूप देगा बोरिस जॉनसन का दौरा

लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने बृहस्पतिवार को कहा कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन 25 अप्रैल से भारत दौरे पर होंगे और वह व्यापार व निवेश तथा जलवायु कार्रवाई समेत विभिन्न मुद्दों पर भारत-ब्रिटेन संबंधों फिर से सक्रिय करने के लिए 'रोडमैप 2030' पर सहमति के लिए तैयार हैं.

बोरिस जॉनसन
बोरिस जॉनसन
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Published : Apr 15, 2021, 10:46 PM IST

लंदन : लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने बृहस्पतिवार को कहा कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन 25 अप्रैल से भारत दौरे पर होंगे और वह व्यापार व निवेश तथा जलवायु कार्रवाई समेत विभिन्न मुद्दों पर भारत-ब्रिटेन संबंधों फिर से सक्रिय करने के लिए 'रोडमैप 2030' पर सहमति के लिए तैयार हैं.

इससे पहले प्रधानमंत्री कार्यालय डाउनिंग स्ट्रीट ने पुष्टि की थी कि भारत में कोविड-19 महामारी के संकट के कारण जॉनसन ने अपने निर्धारित दौरे की अवधि कम करने का फैसला किया है और अब अधिकतर कार्यक्रम सोमवार 26 अप्रैल को निर्धारित हैं.

जॉनसन का दौरा इससे पहले जनवरी में गणतंत्र दिवस समारोह पर भी टल चुका है. दिसंबर 2019 में ब्रिटेन में हुए आम चुनावों और दिसंबर 2020 में ब्रेग्जिट की प्रक्रिया पूरी होने के बाद यह यूरोप के बाहर उनकी पहली प्रमुख द्विपक्षीय यात्रा है.

पढ़ें-बाइडेन ने अफगानिस्तान से सैनिकों की पूर्ण वापसी की घोषणा की

लंदन में भारतीय उच्चायोग की तरफ से कहा गया, 'प्रधानमंत्री जॉनसन की यात्रा से रक्षा व सुरक्षा, हिंद-प्रशांत और पश्चिमी हिंद महासागर क्षेत्र (डब्ल्यूआईओआर), व्यापार व निवेश, स्वास्थ्य देखभाल, जलवायु परिवर्तन और लोगों से लोगों के संपर्क के स्तर से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों के व्यापक परिदृश्य में सकारात्मक बदलाव आने की उम्मीद है.'

उच्चायोग ने कहा, 'भारत और ब्रिटेन भविष्य के संबंधों के लिए एक 'रोडमैप 2030' पर सहमति के लिए तैयार हैं. 2030 का नजरिया लोगों के बीच संपर्कों को फिर से जीवित करने और गतिशील बनाने के लिए है, जिसमें व्यापार, निवेश और प्रौद्योगिकी सहयोग पर फिर से ध्यान दिया जाएग. हिंद महासागर क्षेत्र और हिंद-प्रशांत जैसे क्षेत्रीय मुद्दों पर सहयोग बढ़ाया जाएगा.'

लंदन : लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने बृहस्पतिवार को कहा कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन 25 अप्रैल से भारत दौरे पर होंगे और वह व्यापार व निवेश तथा जलवायु कार्रवाई समेत विभिन्न मुद्दों पर भारत-ब्रिटेन संबंधों फिर से सक्रिय करने के लिए 'रोडमैप 2030' पर सहमति के लिए तैयार हैं.

इससे पहले प्रधानमंत्री कार्यालय डाउनिंग स्ट्रीट ने पुष्टि की थी कि भारत में कोविड-19 महामारी के संकट के कारण जॉनसन ने अपने निर्धारित दौरे की अवधि कम करने का फैसला किया है और अब अधिकतर कार्यक्रम सोमवार 26 अप्रैल को निर्धारित हैं.

जॉनसन का दौरा इससे पहले जनवरी में गणतंत्र दिवस समारोह पर भी टल चुका है. दिसंबर 2019 में ब्रिटेन में हुए आम चुनावों और दिसंबर 2020 में ब्रेग्जिट की प्रक्रिया पूरी होने के बाद यह यूरोप के बाहर उनकी पहली प्रमुख द्विपक्षीय यात्रा है.

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लंदन में भारतीय उच्चायोग की तरफ से कहा गया, 'प्रधानमंत्री जॉनसन की यात्रा से रक्षा व सुरक्षा, हिंद-प्रशांत और पश्चिमी हिंद महासागर क्षेत्र (डब्ल्यूआईओआर), व्यापार व निवेश, स्वास्थ्य देखभाल, जलवायु परिवर्तन और लोगों से लोगों के संपर्क के स्तर से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों के व्यापक परिदृश्य में सकारात्मक बदलाव आने की उम्मीद है.'

उच्चायोग ने कहा, 'भारत और ब्रिटेन भविष्य के संबंधों के लिए एक 'रोडमैप 2030' पर सहमति के लिए तैयार हैं. 2030 का नजरिया लोगों के बीच संपर्कों को फिर से जीवित करने और गतिशील बनाने के लिए है, जिसमें व्यापार, निवेश और प्रौद्योगिकी सहयोग पर फिर से ध्यान दिया जाएग. हिंद महासागर क्षेत्र और हिंद-प्रशांत जैसे क्षेत्रीय मुद्दों पर सहयोग बढ़ाया जाएगा.'

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